|
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अति संवेदनशील शहर माने-जाने वाले मेरठ में गत 10 मई को गुदड़ी बाजार और मोहल्ला तीरगरान में एक पुराने विवादित कुएं पर अवैध कब्जे के विरोध स्वरूप दंगा भड़क गया जिसमें जमकर आगजनी, लूटपाट, गोलीबारी और पथराव हुआ। गोली लगने से सर्राफा कारोबारी के 22 वर्षीय बेटे शुभम रस्तोगी की मौत हो गई। गोली लगने से एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि 70 लोग चोटिल हो गए।
हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दंगे को नियंत्रित करने के लिए मौके पर गए जिलाधिकारी नवदीप रिनवा को दंगाइयों ने घेर लिया। वहां मौजूद आईजी जोन आलोक शर्मा ने सूझबूझ दिखाते हुए किसी तरह जिलाधिकारी रिनवा को दंगाइयों से बचाया। जिलाधिकारी नवदीप रिनवा ने गत 13 मई को घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। जांच अधिकारी डा़ वेदपति मिश्र ने बताया कि उन्होंने जांच शुरू कर दी है और एक पखवाड़े के भीतर वह जांच पूरी कर रपट जिलाधिकारी को सौंप देंगे। जानकारी के मुताबिक दंगाग्रस्त क्षेत्र में एक मस्जिद के पास पुराना कुआं है। उसके स्वामित्व को लेकर करीब 60 वर्षों से विवाद चल रहा है। यह मामला अदालत में है और विवादित स्थल पर निर्माण आदि को लेकर अदालत का स्टे है। घटना वाले दिन दोपहर करीब 12 बजे इस कुएं पर मुसलमानों ने मजदूरों को लगाकर निर्माण कार्य शुरू करा दिया। इससे हिन्दुओं में रोष फैल गया और उन्होंने उसका जमकर विरोध शुरू कर दिया। बदले में उन पर जमकर पथराव किया गया। दो घंटे तक गुदड़ी बाजार और तीरगरान आदि में दंगाइयों ने जमकर लूटपाट और आगजनी की। दंगाइयों ने बजाजा बाजार मेंे एक सर्राफ की दुकान मंे लूटपाट की और एक हलवाई की दुकान और दो वाहनों में आग लगा दी।
राज्य सरकार के निर्देश पर प्रशासन ने दंगाग्रस्त क्षेत्र के सभी संवेदनशील स्थलों पर पीएससी की पिकेट लगा दी है। दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए हैं और आधा दर्जन दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने 100 से ज्यादा दंगाइयों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए है। इलाके में दस कंपनी पीएससी और आरएएफ तैनात है। पुलिस महानिरीक्षक आलोक शर्मा ने विवादित कुएं की जमीन पर स्थाई तौर पर पीएससी की पिकेट तैनात करा दी है। राज्य सरकार ने मृतक शुभम रस्तोगी के परिजनों को 13 लाख रुपए बतौर मुआवजा दिए हैं। मेरठ दंगे के पीछे राज्य सरकार की संवेदनहीनता और पुलिस-प्रशासन की एकपक्षीय सोच जिम्मेदार है।
-सुरेंद्र सिंघल
टिप्पणियाँ