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विगत कुछ वर्षों से लोगों की जीवनशैली में काफी बदलाव आया है। खासकर ऑफिस, होटल, स्टूडियो, स्कूल-कॉलेज आदि के आंतरिक और बाहरी सजावटों पर लोगों की पैनी नजर रहती है। प्रमुख त्योहारों जैसे होली, दीवाली, ईद, नवरात्र आदि अवसरों पर तो सजावट देखते ही बनती है। अब बड़े शहरों की कौन कहे, छोटे शहरों में भी इसके प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है। यह पूरा प्रोफेशन 'इंटीरियर डिजाइनिंग' के अंतर्गत आता है। इसमें प्रोफेशनल्स यदि कार्यक्रम संबंधी सूचनाओं, सैद्धांतिक दिशा-निर्देश स्थापित करने, ग्रॉफिक कम्युनिकेशन को बढ़ावा देने संबंधी आंकड़ों पर विशेष रूप से ध्यान दे रहा है तभी आगे चलकर महत्व की कुछ चीजें निकलकर सामने आ पाती हैं।
बारहवीं के बाद मिलेगा दाखिला
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए छात्रों को वैसे तो किसी भी संकाय में स्नातक होना जरूरी है लेकिन कई ऐसे कोर्स हैं जो बारहवीं के पश्चात भी किए जा सकते हैं। फिर इंटीरियर डिजाइनिंग में डिप्लोमा किया जा सकता है। कई ऐसे संस्थान हैं जो अपने यहां से पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम कराते हैं। इनमें पीजी इन अर्बन डिजाइनिंग, लैण्डस्केप आर्किटेक्चर, अर्बन एण्ड रीजनल प्लानिंग, इनवॉयरमेंन्टल प्लानिंग, हाउसिंग, कंस्ट्रक्शन एण्ड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट आदि शामिल हैं।
जरूरतों को समझने का कौशल
एक अच्छा इंटीरियर डिजाइनर बनने के लिए एक अच्छा शोधार्थी होना भी आवश्यक है। ताकि वह ग्राहक की आवश्यकताओं व उद्देश्यों को आसानी से समझ सके। यदि वह एक अच्छा कम्युनिकेटर है तो अपने ग्राहक को डिजाइन प्रोजेक्ट के बारे में सही तरीके से समझा भी सकता है। एक उत्कृष्ट डिजाइन को स्वस्थ, सुरक्षात्मक एवं पर्यावरणप्रेमी होना जरूरी है। यह तभी संभव है जब डिजाइनर स्वप्नद्रष्टा हो तथा उसे इन सब चीजों की समझ हो। आजकल फेंगशुई की जानकारी बेहद मायने रख रही है।
अंशकालिक व पूर्णकालिक कोर्स मौजूद
इसमें अंशकालिक तथा पूर्णकालिक दोनों प्रकार के कोर्स मौजूद हैं। इनकी अवधि छ: माह से लेकर चार वर्ष तक है। सर्टिफिकेट एवं वोकेशनल कोर्स भी छात्र अपनी रुचि के अनुसार चुन सकते हैं। कुछ कोर्स इस प्रकार हैं-
-डिग्री इन इंटीरियर डिजाइनिंग
– बीएससी इन इंटीरियर डिजाइनिंग
– अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम इन इंटीरियर डिजाइनिंग
– डिप्लोमा इन इंटीरियर डिजाइनिंग
– पीजी इन इंटीरियर डिजाइनिंग
– सर्टिफिकेट कोर्स इन इंटीरियर डिजाइनिंग
रोजगार के असीम अवसर
कोर्स करने के पश्चात आर्किटेक्ट के रूप में किसी आर्किटेक्ट फर्म या कंस्ट्रक्शन फर्म में काम किया जा सकता है। एक नवागत इंटीरियर डिजाइनर के रूप में किसी मीडिया हाउस में भी काम कर सकते हैं। किसी फर्म या संस्था से न जुड़कर यदि फ्रीलांसिंग करना चाहते हैं तो इसमें भी पर्याप्त अवसर हैं। किसी शैक्षणिक संस्थान में अध्यापन संबंधी कार्य भी किया जा सकता है।
आकर्षक वेतन
कोर्स करने के पश्चात किसी भी इंटीरियर डिजाइनर को प्रारम्भ में 10 हजार से लेकर 15 हजार रुपए आसानी से मिल सकते हैं। जैसे-जैसे आपके नाम एवं काम में दक्षता आती जाती है, वैसे ही वेतन में भी इजाफा होता जाता है।
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