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प्रतिवर्ष 5000 हिन्दू आते हैं भारत
पाकिस्तान में हिन्दुओं को इतना प्रताडि़त किया जाता है कि वे वहां से किसी भी तरह भागकर भारत आना चाहते हैं। इस बात की पुष्टि अब पाकिस्तान हिंदू परिषद् (पी. एच. सी.) ने भी की है। पी. एच. सी. के संस्थापक रमेश कुमार वाकवानी ने पाकिस्तानी संसद में दिए एक बयान में कहा है कि प्रतिवर्ष लगभग 5000 पाकिस्तानी हिन्दू भारत जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि सिंध प्रांत में पिछले दो महीनों में हिन्दुओं पर छह बार हमले किए गए। वाकवानी ने हिन्दू लड़कियों को जबरन मुसलमान बनाने की घटनाओं पर भी चिन्ता व्यक्त की है और पाकिस्तान सरकार से हिन्दुओं की रक्षा करने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को उन प्रभावशाली लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए, जो हिन्दुओं के खिलाफ कट्टरवादियों को भड़काते हैं।
पाकिस्तान से ही आई एक अन्य खबर के अनुसार वहां की एक अदालत ने लाहौर के छावनी क्षेत्र स्थित गुरुद्वारा बीबी नानकी की 28 एकड़ जमीन न बेचने को कहा है। उल्लेखनीय है कि विस्थापित ट्रस्ट सम्पत्ति बोर्ड उक्त जमीन का संरक्षक है। इस ट्रस्ट को यह जमीन बेचने का अधिकार नहीं है,फिर भी उसने इस जमीन का सौदा रक्षा आवासीय सोसायटी से कर लिया था। सिख कल्याण परिषद् इस सौदे का शुरू से ही विरोध कर रही थी। जब परिषद् की बात नहीं मानी गई तो वह अदालत पहंुच गई। अब अदालत के आदेश पर इस सौदे की जांच चल रही है। ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष आसिफ हाशमी और पांच अन्य लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। पता चला है कि हाशमी ब्रिटेन भाग गए हैं।*
आम के बाद मिर्च पर प्रतिबंध
अभी कुछ ही समय पहले यूरोपीय देशों ने भारत के विश्वविख्यात अल्फांसो आम के आयात पर प्रतिबंध लगाया था। अब सऊदी अरब ने निर्णय लिया है कि वह भारत से मिर्च आयात नहीं करेगा। सऊदी अरब ने कहा है कि आयातित मिर्च में तय सीमा से अधिक कीटनाशक पाया गया है। उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब भारत से ताजा सब्जियों का आयात करने वाला पांचवां सबसे बड़ा देश है। समाचारों के अनुसार सऊदी अरब के कृषि मंत्रालय ने भारत सरकार को बताया है कि वह 30 मई से मिर्च आयात नहीं करेगा। यह भी खबर है कि भारतीय अधिकारी इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सऊदी सरकार के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। ह्यइंडियन स्पाइस बोर्डह्ण के अनुसार मिर्च के निर्यात से भारत को अच्छी-खासी विदेशी मुद्रा मिलती है। अप्रैल से नवम्बर, 2013 के बीच भारत से 30 लाख डॉलर की कीमत की मिर्च का निर्यात किया गया था।*
बोको हराम को मिलने लगा जवाब
नाइजीरिया के लोग अब बोको हराम के जिहादियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने लगे हैं। ईसाई गांवों के निवासियों ने पूरी तैयारी के साथ जिहादियों को ललकारना शुरू कर दिया है। इसी का परिणाम है कि 14 मई को बोरनो शहर के काला बाल्ज इलाके में ग्रामीणों ने लगभग 200 जिहादियों को मार गिराया। उल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल को बोरनो से ही इन जिहादियों ने करीब 200 स्कूली छात्रों का अपहरण कर लिया था। लड़कियों में अधिकांश ईसाई हैं। उन्हें छुड़ाने के लिए अमरीका,ब्रिटेन,फ्रांस सहित कई देश नाइजीरिया की मदद कर रहे हैं। चीन ने भी नाइजीरिया सरकार को मदद देने की बात कही है। इससे बौखलाकर बोको हराम के जिहादियों ने पिछले दिनों करीब 300 ईसाइयों को मार दिया था। इसके बाद 12 मई को बोको हराम ने एक वीडियो जारी कर दावा किया था कि अपह्रत लड़कियों ने इस्लाम कबूल कर लिया है और इन्हें तब तक नहीं छोड़ा जाएगा जब तक कि पकड़े गए सभी आतंकवादी छोड़ नहीं दिए जाते हैं। 17 मिनट के इस वीडियो में बोको हराम के नेता अबू बकर शेकू उपरोक्त बातें कहते हुए दिखाई दे रहा है। वीडियो के अन्त में हिजाब से पूरे शरीर को ढके लड़कियों को दिखाया गया है। बोको हराम की इन करतूतों से परेशान और अपहृत छात्राओं को छुड़ा न पाने के कारण विश्व बिरादरी की आलोचना झेल रही नाइजीरिया सरकार ने बोको हराम के प्रतिनिधि से बात करने की पेशकश की है। उधर नाइजीरिया के ईसाई अपनी अपहृत लड़कियों की रिहाई न होने से काफी गुस्से में हैं। वहां से आ रही खबरों के अनुसार नाइजीरिया के ईसाई बोको हराम के जिहादियों को परास्त करने के लिए कमर कस चुके हैं। वे लोग अपने स्तर से ही जिहादियों को चुनौती देने लगे हैं।*
अमरीका में गांधी जी की प्रतिमा
पिछले दिनों अमरीका के टेक्सास प्रान्त के इरविंग शहर स्थित थॉमस जेफरसन पार्क में 'महात्मा गांधी मेमोरियल प्लाजा' का शिलान्यास हुआ। यहीं महात्मा गांधी की आदमकद कांस्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। कहा जा रहा है कि यह प्रतिमा आंध्र प्रदेश में बनी है। इसकी लम्बाई 7 फुट है और चौड़ाई ढ़ाई फुट। प्रतिमा के पीछे ग्रेनाइट की एक दीवार बनाई जाएगी। इस पर गांधी जी के उपदेशों के साथ-साथ मार्टिन लूथर, नेल्सन मंडेला, अल्बर्ट आइंस्टीन, बराक ओबामा जैसे ख्यातिनाम नेताओं और वैज्ञानिकों के प्रमुख कथन अंकित किए जाएंगे। पता चला है कि इस प्रतिमा के लिए इरविंग में रहने वाले भारतीय मूल के अमरीकी काफी समय से प्रयास कर रहे थे। अब उनका यह प्रयास सफल होने जा रहा है।*
एहुद ओल्मर्ट को सजा
इस्रायल के पूर्व प्रधानमंत्री एहुद ओल्मर्ट को घूस लेने के एक मामले में छह साल कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही उन पर 1,73,11,609 रुपए का आर्थिक दण्ड भी लगाया गया है। उन पर आरोप है कि जब वे यरूशलम के महापौर थे उस समय उन्होंने भू-सम्पदा सम्बंधी एक सौदे में रिश्वत ली थी। तेल अवीव के एक न्यायालय ने उन्हें रिश्वत लेने के दो मामलों में दोषी पाया था। 68 वर्ष के एहुद ओल्मर्ट के प्रवक्ता ने कहा है कि इस सजा के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जाएगी। यदि इस मामले में उन्हें जमानत नहीं मिलती है तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। अगर ऐसा हुआ तो इस्रायल के इतिहास में वे ऐसे पहले पूर्व शासनाध्यक्ष होंगे,जिन्हें जेल जाना पड़ा हो। ओल्मर्ट 2006 से 2009 तक इस्रायल के प्रधानमंत्री थे।
काश, ये जिहादियों की निन्दा करते
आएदिन पाकिस्तान, इराक, अफगानिस्तान, सीरिया सहित अनेक देशों में जिहादी तत्व बम विस्फोट करते हैं,लोगों को गाजर-मूली की तरह काटते हैं। इन देशों में बम विस्फोट करने वाले और मरने वाले दोनों मुसलमान ही होते हैं। उधर नाइजीरिया में तो बोको हराम नामक जिहादी संगठन ने सारी हदें पार कर दी हैं। इसके बावजूद इन जिहादियों की निन्दा कोई भी मुस्लिम संगठन नहीं कर रहा है। किन्तु यही संगठन उस समय बड़े सक्रिय हो जाते हैं,जब किसी गैर-इस्लामी देश में किसी कारणवश एकाध मुसलमान मारे जाते हैं। आपको याद होगा कि पिछले दिनों असम में बोडो और बंगलादेशी मुसलमान घुसपैठियों के बीच आपसी झड़प हुई थी,जिसमें दोनों पक्षों के लोग मरे थे। लेकिन मुसलमानों के अनेक संगठनों ने गुवाहाटी से दिल्ली तक कोहराम मचाया कि यह काम हिन्दू अतिवादियों का है। इन संगठनों ने यह भी कहा कि कुछ साम्प्रदायिक तत्व असम के मुसलमानों को घुसपैठिए बताकर असम का माहौल खराब कर रहे हैं। इन्हीं के रास्ते पर अमरीका में बसे भारतीय मुसलमान भी चले। अमरीका में भारतीय मुसलमानों के एक संगठन ह्यइंडियन अमरीकन मुस्लिम काउंसिलह्ण ने भी कहा कि भारत में साम्प्रदायिकता के मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए भड़काऊ भाषण दिए जा रहे हैं और असम के मुसलमानों को बंगलादेशी घुसपैठिया बताया जा रहा है। इस संगठन ने यह भी मांग की है कि असम हिंसा की जांच सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराई जाए।
दक्षिण अफ्रीका में गायत्री महायज्ञ
पिछले दिनों दक्षिण अफ्रीका के एक प्रमुख नगर केपटाउन में 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन हुआ। गायत्री परिवार के प्रमुख और देव संस्कृति विश्वविद्यालय,हरिद्वार के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या की देखरेख में सम्पन्न इस यज्ञ में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। यह यज्ञ केपटाउन के अटलांटिस में ह्यगायत्री केन फैक्टरीह्ण के उद्घाटन के अवसर पर हुआ। इस यज्ञ के संयोजक रहे केपटाउन के ईश्वर भाई, राजू भाई और किशोर छीता। उल्लेखनीय है कि अखिल विश्व गायत्री परिवार ने देव संस्कृति को विश्व संस्कृति बनाने के लिए कुछ समय पहले भी आस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन नगर में विराट अश्वमेध महायज्ञ का आयोजन किया था।
तुर्की में कोयला खदान में विस्फोट
तुर्की के मनीसा प्रान्त में 13 मई को एक कोयले की खान में विस्फोट के बाद आग लगने से 200 से अधिक खान मजदूरों की जान चली गई। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार दुर्घटना के समय खान में 787 मजदूर काम कर रहे थे। इनमें से केवल 300 लोगों को ही बचावकर्मी निकालने में सफल रहे। निकाले गए लोगों में भी कुछ की हालत चिन्ताजनक है,उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तुकी के ऊर्जा मंत्री तानेर यिल्दिज ने कहा कि बचाव कार्य जारी है। इस कार्य में लगभग 400 से ज्यादा राहतकर्मी लगे हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार घटना उस समय हुई, जब कर्मचारी पाली बदलने की तैयारी कर रहे थे। इसलिए मरने वालों की संख्या अधिक हो सकती है, क्योंकि उस वक्त खान में वे कामगार भी मौजूद थे, जिनकी पाली खत्म हो रही थी और कुछ वे भी थे, जिनकी पाली शुरू होने वाली थी। विस्फोट सतह से दो किलोमीटर नीचे एक विद्युत वितरण इकाई में हुआ, जिससे खान की लिफ्ट ने काम करना बंद कर दिया। विस्फोट के बाद खान में आग लग गई। सोमा शहर में हुई यह दुर्घटना तुर्की के इतिहास में सबसे बड़े खनन हादसों में से एक है।ल्ल प्रस्तुति: अरुण कुमार सिंह
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