मनमोहन तो सिर्फ मुखौटा थे
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लोकसभा चुनाव विभिन्न चरणों से गुजरते हुए निर्णायक दौर में आ चुका है। इस दौरान कांग्रेस राज की कारगुजारियों व भ्रष्टाचार में संप्रग की भूमिका के कई खुलासों से पूरे गठबंधन की पोल खुल चुकी है। प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू और पूर्व कोयला सचिव पी.सी. पारख की पुस्तकों ने चुनावों के दौरान जो सनसनीखेज खुलासे किए उनसे संप्रग सहित कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी की राजनीति की सारी कलई खुल गई है। साथ ही रही सही कसर अमरीकी समाचार पत्र में प्रकाशित एक लेख ने पूरी कर दी, जिसमें सोनिया के दामाद राबर्ट वाड्रा की अकूत संपत्ति का खुलासा कर दिया। सबसे बड़ी बात यह है कि अब इन खुलासों के बाद प्रधानमंत्री व सोनिया गांधी के पास बचाव करने का कोई रास्ता नहीं बचा है। इन पुस्तकों व वालस्ट्रीट जर्नल के लेख से श्रीमती सोनिया गांधी का राजनैतिक सच भी जनता के सामने आ गया है। इन खुलासों से विपक्ष व देश के मीडिया जो लम्बे समय से सरकार व गांधी परिवार के बीच सत्ता के दो केन्द्र बिन्दु के आरोप लगा रहे थे,उस पर भी मुहर लग गई। इन खुलासों के बाद यह साबित हो गया कि अपनी त्याग की राजनीति के दिखावे के पीछे सोनिया गांधी विदेशी षड्यंत्रपूर्ण तरीके से देश को लूटने में किस कदर शामिल थीं। सोनिया गांधी ने अपनी स्वार्थसिद्धि के लिए ही मनमोहन सिंह जैसे कमजोर व्यक्तित्व को प्रधानमंत्री बनाया था। संजय बारू की पुस्तक से साफ हो गया कि मनमोहन की आड़ में पूरा संप्रग किस कदर देश को लूटता रहा। यही कारण है कि मनमोहन के कार्यकाल में हुए बड़े से बड़े घोटालों पर कार्यवाही नहीं हुई। मजे की बात है कि सत्ता के लोभी मनमोहन सिंह इन घोटालों पर पहले तो अपना मौन नहीं तोड़ते थे और जब तोड़ते थे तो शेर और शायरी से अपनी सरकार को पाक-साफ बताते थे। यही कारण रहा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पद की मर्यादा को तार-तार किया। सभी संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादाओं का हनन किया। मनमोहन सरकार की कारगुजारियों की बात करें तो इस सरकार ने संवैधानिक संस्था कैग को भी कुचलने का प्रयास किया। यही कारण है कि भ्रष्टाचार में संलिप्तता के चलते सपा,बसपा व अन्य सेकुलर दल भाजपा रोको अभियान चलाकर कांग्रेस की नैया पार कराते रहे हैं। परमाणु समझौते पर सपा का जिस प्रकार से कांग्रेस ने सहयोग लिया उसका भी जिक्र पुस्तक में मिलता है।
मनमोहन सिंह का प्रधानमंत्री पद पर आसीन होना एक दुर्घटना ही नहीं देश व समाज के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण समय रहा। मनमोहन सिंह का शासन प्रत्येक क्षेत्र में विफल रहा। इस शासन में हुए घोटाले, महंगाई, असुरक्षा ने देश के लोगों को झकझोर कर रख दिया। आज आम व्यक्ति रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खाता फिर रहा है। यह सब कांग्रेस सरकार में हुए घोटालों का परिणाम है। आम जनता इस शासन को याद तक नहीं करना चाहती है। सोनिया गांधी ने पर्दे के पीछे से सत्ता को चलाया आज यह किसी से छिपा नहीं रह गया है। इन पुस्तकों ने जनता के सामने हकीकत को बताया है। देश की जनता को बताया है कि कैसे इन लोगो ने मिलकर देश को लूटा है। आज देश की जनता के पास सुनहरा अवसर है कि वह कांग्रेस की कारगुजारियों व वंशवाद की बेल को काट फंेके। देश की जनता को चाहिए कि वह अपना मत राष्ट्रहित में करे ।
-मृत्युंजय दीक्षित
123,फतेहगंज गल्ला मंडी
लखनऊ (उ.प्र.)
आस्थाओं के खुल गये, एक बार फिर द्वार
जय गंगा-यमुना मैया, जय बदरी-केदार।
जय बदरी-केदार, पुरानी को बिसराओ
सिर पर रखना हाथ, कृपा अपनी बरसाओ।
कह ह्यप्रशांतह्ण गुंजित पहाड़ में बम-बम हर-हर
देश-धर्म विजयी हो, गांव-गली औ घर-घर॥
– प्रशांत
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