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वर्ष 2014-15 में यूरोपीय देशों के लोग भारतीय आम 'अलफांसो' का स्वाद नहीं ले पाएंगे। इसके साथ ही उन लोगों की थालियों से चार भारतीय सब्जियांं (अरबी, चिचिण्डा, करेला और बैंगन) भी गायब हो गई हैं। यह सब पौध स्वास्थ्य पर यूरोपीय संघ की स्थायी समिति की वजह से हुआ है। उल्लेखनीय है कि इस समिति ने तत्काल प्रभाव से इन सब्जियों के आयात पर रोक लगा दी है और अलफांसो आम पर 1 मई से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके पीछे कारण यह बताया गया है कि 2013 में आयातित भारतीय सब्जियों और फलों में कीटाणु पाए गए थे। कहा गया है कि भारत से आयातित सब्जियों और फलों की 207 खेपों की जांच करने से यह खुलासा हुआ है। प्रतिबंध पर 31 दिसम्बर,2015 से पहले पुनर्विचार किया जा सकता है। निर्यातकों का कहना है कि इस प्रतिबंध से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए निर्यातक और भारतीय मूल के कुछ ब्रिटिश नेता इस प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि प्रतिवर्ष भारत से लगभग 1.6 करोड़ पौंड मूल्य का आम ब्रिटेन जाता है। ल्ल
'जितनी मर्जी,उतनी करो शादियां'
दक्षिण अफ्रीकी देश केन्या में हाल ही में एक नया कानून बना है,जिसके अनुसार केन्या का हर पुरुष अपनी मर्जी के अनुसार कितनी भी शादियां कर सकता है। महिला संगठनों के भारी विरोध के बावजूद 29 अप्रैल को केन्या के राष्ट्रपति उहरू केन्याता ने इस कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। मालूम हो कि मार्च महीने में केन्या की संसद में इससे सम्बंधित एक विधेयक लाया गया था। इस विधेयक पर जब बहस हो रही थी उस समय महिला सांसदों ने इसका जबर्दस्त विरोध किया था। इसका असर भी हुआ था और उसमें महिलाओं को 'वीटो' अधिकार देकर उसी समय उसे पारित भी कर दिया गया था। उस वीटो के अनुसार कोई महिला अपने पति को दूसरी शादी करने से रोक सकती थी। लेकिन पुरुष सांसदों को यह स्वीकार नहीं था और उन्होंने इसमें बदलाव करने का दबाव सरकार पर डालना शुरू कर दिया था। अन्तत: पुरुष सांसदों की ही चली और सरकार ने उस कानून में संशोधन कर दिया। जब पूरी दुनिया इस तरह की परम्पराओं या लोकाचार को खत्म कर रही है उस समय बहुपत्नीवाद को बढ़ावा देने वाला कानून बनाना किस मानसिकता का द्योतक है,यह समझने की जरूरत है। हालांकि अभी भीअफ्रीका के कबीलियाई इलाकों के मुस्लिमों में कई शादियां करने की परम्परा है। ल्ल
अपहृत लड़कियों को बेचने लगे हैं बोको हराम के आतंकवादी
आपको पता है कि 15 अप्रैल को नाइजीरिया के बोरनो शहर से बोको हराम के आतंकवादियों ने 200 से अधिक छात्राओं का अपहरण कर लिया था। अब खबर है कि ये आतंकवादी इन लड़कियों में से कुछ को नाइजीरिया के आसपास के देशों में कट्टरवादियों को बेच रहे हैं,कुछ का जबरन आतंकवादियों से निकाह करा रहे हैं। यह भी खबर है कि आतंकवादियों ने कुछ लड़कियों की हत्या भी कर दी है। नाइजीरिया सरकार अपह्त लड़कियों को बोको हराम के आतंकवादियों से छुड़ाने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रही है,पर अभी तक वह सफल नहीं हो पाई है। कहा जा रहा है कि बोको हराम ने पूर्वी नाइजीरिया में स्थानीय मुस्लिमों की मदद से अपने मजबूत अड्डे बना लिए हैं। यह भी जानकारी आ रही है कि बोको हराम को मजबूत करने में तालिबान का बहुत बड़ा हाथ है। बोको हराम की मांग है कि पूर्वी नाइजीरिया को इस्लामी देश बनाओ। इसी के लिए वह आएदिन नाइजीरिया में हिंसा कर रहा है। शरिया के नाम पर बोको हराम के आतंकी क्रूर से क्रूरतम होते जा रहे हैं,लेकिन आज तक किसी भी मुस्लिम संगठन ने उनकी निन्दा नहीं की है।
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