आईटी में उभरता भारत
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

आईटी में उभरता भारत

by
May 3, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 03 May 2014 16:15:50

प्रशांत पोल
80के दशक के मध्य तक ह्यइलेक्ट्रॉनिक्स में रोजगार के अवसर होते थे, यह संकल्पना ही नहीं थी। गिने -चुने इंजीनियरिंग कॉलेज होते थे और उनमें भी इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकॉम वाले विभाग तो विरले ही रहते थे। किन्तु 1984-85 से टीवी उद्योग में तेजी आयी और इंजीनियरिंग के विद्यार्थी इलेक्ट्रॉनिक्स की ओर मुड़ने लगे। 90 के दशक के पूर्वार्ध में सूचना क्रांति की आहट
सुनायी दी और यहीं से आईटी के लिए
विद्यार्थियों का झुकाव प्रारंभ हो गया। यह प्रारंभिक समय था विदेशी आईटी कम्पनियों के भारत में प्रवेश करने का। 
फिर आया ह्यवाई टू केह्ण जिस समय सदी में बदलाव हो रहा था और उस समय दुनिया की कम्प्यूटर प्रणाली चलेगी या नहीं यह संकट पनप रहा था। 1998-99 का यही समय था आईटी की आंधी शुरू होने का। यद्यपि पूरी दुनिया में मंदी छा रही थी, ह्यडॉट कॉमह्ण का बुलबुला भी फूट चुका था, लेकिन फिर भी विदेशी कम्पनियों में होड़ मची थी-आईटी के क्षेत्र में भारतीय लोगों को लेने की। फिर 9/11 की घटना हुई और उससे अमरीका का अर्थतंत्र ठहर सा गया। इसका दुष्परिणाम आईटी के क्षेत्र में पड़ना स्वाभाविक था। लेकिन यह क्षेत्र जल्दी ही संभल गया। अनेक आईटी कंपनियां भारत में आने लगीं। गुड़गांव, पुणे, हैदराबाद और बेंगलुरू में बड़ा बदलाव लाने वाला यही कालांश था। उसके बाद से आजतक, लगभग 10-12 वर्षों में, बीच का मंदी का थोड़ा सा दौर छोड़ दें, तो भारत के रोजगार सृजन में आईटी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 1998 में भारत के सकल उत्पाद में आईटी की हिस्सेदारी मात्र 1.2 फीसदी ही थी। लेकिन बाद में वह बढ़कर 7.5 फीसदी तक पहंुच गयी। भारत के अर्थतंत्र में आईटी उद्योग का बड़ा योगदान रहने लगा। आज आईटी एवं आईटी आधारित उद्योग (आईटी इनेबल्ड सर्विसेज) द्वारा भारत में 29 से 30 लाख प्रत्यक्ष रोजगार दिए गए हैं, तो अप्रत्यक्ष रोजगार 10 लाख से भी ज्यादा है और बढ़ रहा है। 2012-13 के आर्थिक वर्ष में आईटी उद्योग ने 74 बिलियन यूएस डॉलर का निर्यात किया है। इसमें से लगभग 60 फीसदी निर्यात अमरीका को हुआ है। नौकरी डॉट कॉम का जॉब स्पीक सूचकांक रोजगार के विषय में सही चित्र प्रस्तुत करता है। अभी नौकरी का जॉब स्पीक सूचकांक 1360 से ऊपर है, जो अच्छा माना जाता है। इस अप्रैल में पिछले वर्ष की तुलना में औसत जॉब स्पीक सूचकांक 5 फीसदी बढ़ा है।  आईटी में 6 फीसदी बढ़त दर्ज है तो आई टी आधारित सेवाओं में 8 फीसदी की बढ़त है।
आज भारत, वैश्विक आईटी की राजधानी बन गया है। प्रचुर मात्रा में आईटी की गहन समझ रखने वाले विद्यार्थी और व्यावसायिक, नए आईटी तकनीक की अत्यधिक जानकारी और कम पैसों में उपलब्ध प्रशिक्षित मानव संसाधन शक्ति- यह भारतीय आईटी की विशेषता है। विश्व की सभी आईटी और आईटी आधारित सेवाएं देने वाली कम्पनियों के विकास केन्द्र या कार्यालय भारत में हैं। आईटी आधारित उद्योगों में कॉल सेंटर, बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग)आदि का समावेश है, जो बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। इस क्षेत्र में काम करने वाली लगभग सभी कंपनियों के कॉल सेंटर या बीपीओ सेंटर भारत में हैं। गैर व्यावसायिक विषयों में स्नातक की उपाधि प्राप्त कर और आईटी का प्रारंभिक ज्ञान रहने पर इन आईटी आधारित उद्योगों में नौकरी मिल जाती है। वैश्विक स्तर पर बहुत कम, किन्तु भारतीय मानकों पर सम्मानजनक वेतन इन उद्योगों में मिलता है। इसीलिए यहां आने वाले विद्यार्थियों की बहुत बड़ी संख्या है। एक ओर कहा जाता है की आईटी या आईटी आधारित उद्योगों में रोजगार की अच्छी संभावनाएं हैं तो दूसरी ओर यह दिखता है कि आईटी संबंधित विभिन्न विषय लेकर अभियांत्रिकी स्नातकहुए अनेक विद्यार्थी बेरोजगार हैं। ऐसा क्यूं? क्या रोजगार की संभावनाओं के जो आंकड़े प्रकाशित होते हैं, वे गलत होते हैं? उदाहरण के लिए, विभिन्न व्यावसायिक रपटों में यह कहा जा रहा है कि इस वर्ष, अर्थात सन 2014 में आईटी में, देशभर के अभियांत्रिकी महाविद्यालयों से, लगभग 2 लाख विद्यार्थी कैम्पस द्वारा चुने जाएंगे। देशभर में अभियांत्रिकी से प्रतिवर्ष स्नातक की डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या 12 लाख है, जिनमें से लगभग 6 लाख विद्यार्थी इलेक्टॉ्रनिक्स एंड टेलीकॉम, आईटी, कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल एंड कम्युनिकेशन आदि आईटी से संबंधित विषयों के रहेंगे अर्थात आईटी कंपनियों ने पूरे 2 लाख विद्यार्थी चुन लिए तो भी लगभग 4 लाख विद्यार्थी कैंपस में नहीं चुने जाएंगे। यही वास्तविक धरातल का दृश्य है। यह सही है कि इस वर्ष आईटी में 2 लाख नए लोगों की आवश्यकता है। यह भी सही है कि अनेक कंपनियों में लोगों की कमी है। जो कम कुशलता के हैं उन्हें प्रशिक्षण देकर कुशल बनाया जा सकता है। ऐसे विद्यार्थियों को ले रहे हैं, ऐसा क्यों हो रहा हैं?
पूरे देश में अभियांत्रिकी महाविद्यालयों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। द्वितीय श्रेणी के शहरों(टियर टू सिटीज) में भी 20 से 25 अभियांत्रिकी महाविद्यालय हैं अर्थात इतनी बड़ी संख्या में अच्छे शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं जिसका स्वाभाविक और सीधा प्रभाव विद्यार्थियों पर पड़ता है। उनका स्तर अपेक्षित ऊंचाई पर नहीं पहुंचता और इसीलिए उनका ह्यकैंपस सलेक्शनह्ण भी नहीं होता है। यही कारण है कि देश में अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में औसत 30 फीसदी से ज्यादा सीटें खाली हैं। कॉलेज कैंपस में आकर विद्यार्थियों को चुनने का काम लगभग सभी बड़ी और मध्य स्तर की आईटी कंपनियां करती हैं, किन्तु यह बड़े शहरों तक ही सीमित रहती हैं। अपवाद स्वरूप, किसी छोटे शहर के एक-दो अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में यह कंपनियां पहंुचती हैं। ये सभी आईटी कंपनियां अपने नए कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने में अच्छा खासा रुपया खर्च करती हैं। इस उद्योग में लगभग 2 फीसदी आमदनी प्रशिक्षण पर खर्च होती है, जो बहुत ज्यादा है। लेकिन जिनका ह्यकैंपस सलेक्शनह्ण नहीं होता है, ऐसे विद्यार्थियों को क्या करना है? उन्होंने अपना ह्यस्किल सैटह्ण बढ़ाना हैं अर्थात स्वयं को और प्रशिक्षित करना है। अगर आईटी में अभियांत्रिकी के स्नातक होने पर भी नौकरी नहीं मिलती है तो उन्हंे पूरा समय विभिन्न प्रशिक्षण प्राप्त करने में लगाना चाहिए। माइक्रोसॉफ्ट, ओरेकल, सन, सिस्को आदि कंपनियों का प्रमाणीकरण(सर्टिफिकेशन) अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इनमें से या इन जैसी किसी भी कंपनी का सर्टिफिकेशन यदि कर लिया तो आईटी से संबंधित किसी भी कंपनी में नौकरी मिलने की प्रबल संभावना रहती है। लेकिन स्पर्धा तीव्र है, इसीलिए मात्र आईटी में स्नातक होने से अब काम नहीं चलता है। इसके साथ आईटी से संबंधित कोई विषय लेकर उसमें प्रशिक्षण प्राप्त करना लाभदायक रहता है। जैसे ओरेकल या एसक्यूएल में विशेष प्रशिक्षण लिया या कुछ नहीं तो जर्मन या फ्रेंच जैसी कोई विदेशी भाषा सीख ली तो नौकरी मिलने में बहुत आसानी होती है।
आईटी में रोजगार सृजन की दर भारत में प्रतिवर्ष 5 से 8 फीसदी बढ़ रही है। अनेक नयी संभावनाएं सामने दिख रही हैं। आने वाले समय में भारत में तेजी से बढ़ते हुए प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार देना मुख्य चुनौती रहेगी। आईटी की संभावनाओं का यदि उचित उपयोग किया गया तो आईटी में अच्छा भविष्य बनना सुनिश्चित है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies