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जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबल के जवानों और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में सेना के एक मेजर सहित दो जवान शहीद हो गए। लेकिन सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए जैश के तीन आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया। आतंकियों ने 24 अप्रैल को भी शोपियां में निर्वाचन अधिकारियों पर हमले किए गए थे।
सूत्रों के मुताबिक शोपियां के मानलू गांव में जैश के तीन-चार आतंकवादी छिपे हुए थे। यह सूचना मिलने पर सेना और सीआरपीएफ के जवानों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया। गांव के मकानों की तलाशी लेते हुए जब जवान फारूख अहमद के घर पहंुचे तो वहां छुपे आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षाबल के जवानों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। 25 अप्रैल की दोपहर को शुरू हुई कार्रवाई शनिवार तड़के तक जारी रही। इस दौरान तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया जिनकी पहचान आसिफ अहमद, इनामुल हक उर्फ अल्ताफ और शब्बीर गोरसी के रूप में की गई है। अल्ताफ पिछले साल पुलिस हिरासत से भी फरार हो गया था। आतंवादियों का सामना करते हुए एक मेजर मुकुंद वरदराजन और एक सैनिक विक्रम सिंह शहीद हो गए।
मेजर चेन्नै के रहने वाले थे जिनके परिजनों को मुख्यमंत्री जयललिता ने 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद करने का ऐलान किया है। दोनों राष्ट्रीय राइफल्स की 44 बटालियन में तैनात थे। विक्रम सिंह हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रहने वाले थे। प्रतिनिधि
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