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.यू ट्यूब पर सच का झरोखा
मुसलमानों के बीच बैठकर उन्हें ज्यादा ही सेकुलर बताने वाली और अपने निजी हित को ध्यान में रखकर वोट डालने की नसीहत देने वाली ह्यआआपाह्ण नेता शाजिया इल्मी की असलियत ऐसे उजागर हुई है कि यू ट्यूब पर उस दृश्य को देखने वालों में होड़ लग गई है। छुटभैये मुस्लिम नेताओं के बीच बैठकर शाजिया ने बड़े शायराना अंदाज में सिर पर पल्लू-वल्लू ढक कर ह्यअक्लह्ण बांटी। शाजिया ने कहा, ह्यमुस्लिम वोट बंट जाते हैं क्योंकि वे ज्यादा ही सेकुलर हैं। अब उन्हें कम्युनल हो जाना चाहिए। वीडियो के लिए क्लिक करें
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मीडिया का झरोखा
भारत के रोनाल्ड रीगन हैं नरेन्द्र मोदी नफरत के बोल
भारतीय मीडिया में मोदी लहर का असर विश्व के मीडिया में भी फैल गया है ताजा उदाहरण अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के समय रहे पूर्व उपमंत्री डेविड कोहेन द्वारा अंग्रेजी अखबार द हिन्दू में लिखा उनका लेख है। उन्होंने दोनों नेताओं में कई तरह की समानतायें गिनाई हैं। उनकी यह बात भारतीय चुनाव के बारे में अमरीकी श्रोताओं के सामने रखी गई थी। अमरीका के लोकप्रिय ऑनलाइन अखबार ह्यद डेली कॉलरह्ण ने इसे छाप दिया। कोहेन के मुताबिक -दोनों ही नेता सामान्य परिवेश से आएं हैं। रीगन और मोदी लोकप्रिय और राज्य के सफल प्रशासक रहे। मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हैं वहीं रीगन कैलीफोर्निया के गवर्नर रहे। दोनों ही नेता खुली बाजार की अर्थव्यवस्था के समर्थक हैं। मोदी की खुली अर्थव्यवस्था सुधारों के लिए ह्यमोदीनोमिक्सह्णशब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। ह्यरीगनोमिक्सह्ण में भी यही बात कही गई थी।
दोनों में एक और बड़ी समानता है कि उनके राजनैतिक विरोधी भी एक जैसे हैं। अमरीका की ही तरह भारत में भी सांस्कृतिक कुलीनों का एक वर्ग है जो हर बात की तस्दीक के लिए यूरोप के अपने पुराने शासकों की ओर देखता है। यह वर्ग रीगन की ही तरह मोदी का भी तिरस्कार करता है। अमरीका के एक वर्ग को लगता था कि यदि रीगन राष्ट्रपति बन गए तो देश पर आपदा आयेगी। कोहेन लिखते हैं इस वर्ग के पास जब तर्क और तथ्य नहीं होते तो वे गाली-गलौज पर उतर आते हैं। रीगन पर जातिवादी (रेसिस्ट) होने का भी आरोप लगा। मोदी को भी उनके विरोधी साम्प्रदायिक (जिसे मैं रेसिस्ट के बराबर ही मानता हूं) कहते हैं। कोहेन ने मोदी के पाकिस्तान के प्रति कठोर रवैए की तुलना रीगन के सोवियत संघ के प्रति रवैए से की है। अमरीका में मोदी उसी वर्ग में अवान्छित हैं,जिस वर्ग में रीगन थे। अंत में डेविड कोहेन लिखते हैं कि भारत को शायद अपना रीगन मिल गया है। अमरीका को अपना मोदी कब मिलेगा। ल्ल
.2009 के लोकसभा चुनाव में गंभीर शिकायतें -33
2014 के लोकसभा चुनाव में गंभीर शिकायतें 5वें चरण तक 124
तीस्ता की गिरफ्तारी पर रोक
एक बड़ी राहत देते हुए गुजरात हाइकोर्ट ने गुलबर्ग सोसाइटी मुद्रा गबन के मामले में तीस्ता सीतलवाड़, उनके पति जावेद आनंद और तनवीर जाफरी को 19 जून तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने का फैसला तब लिया गया जब गुजरात के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा तथा आश्वासन दिया कि तीस्ता तथा अन्य को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा ।
सीमा पर निर्माण रोके
गृह मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश से लगी अंतरराज्यीय सीमा पर विवादित इलाकों में वन शिविरों का निर्माण रोकने हेतु असम सरकार को निर्देश दिया है। गृह मंत्रालय के निदेशक अजय कन्नौजिया ने
असम के आयुक्त एवं सचिव से निर्माण कार्य तुरंत रोका जाय,क्योंकि
इस तरह के निर्माण कार्य से सीमावर्ती क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है।
सामाजिक सरोकार का नया स्वर
गत दिनों नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में न्यूज बंेच नाम से एक मासिक पत्रिका का लोकार्पण वरिष्ठ पत्रकार एवं जनसत्ता के पूर्व संपादक अच्युतानंद मिश्र ने किया। एकनॉन समूह द्वारा प्रवर्तित यह पत्रिका राजनैतिक,सामाजिक एवं समसामयिक विषयों के साथ प्रमुख रूप से हिन्दी और अंग्रेजी संस्करणों में एक साथ प्रकाशित होगी। पिछले चार वर्ष से ह्यन्यूज बेंचह्ण नाम से ही यह साप्ताहिक समाचार पत्र के रूप में प्रकाशित होता रहा है। आने वाले समय में अब यह पत्रिका स्वरूप में पाठकों के समक्ष उपलब्ध होगी। पत्रिका के संपादक अनिल पाण्डेय हैं जो इससे पहले वह ह्यद संडे इंडियनह्ण के कार्यकारी संपादक रह चुके हैं।
आज-कल
मुझे लगता है कि 1984 की हिंसा में जगदीश टाइटलर की कोई भूमिका नहीं थी। मैं ये बात पिछले 30सालों से कहता आया हूं।
-कैप्टन अमरिन्दर सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री, पंजाब
अमरिन्दर सिंह पापियों के वकील हैं। कैप्टन को कोई अधिकार नहीं कि वह दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी जगदीश टाइटलर को क्लीन चिट दें। सिख दंगे देश के माथे पर धब्बा हैं।
– अरुण जेटली, भाजपा के वरिष्ठ नेता
सप्ताह के आंकड़े
लोकसभा चुनाव में मतदान केन्द्रों की बढ़ती संख्या
साल मतदान केंद्रों की संख्या
2009- 830,866
2014- 930,000
11.9 प्रतिशत
लीक से हटकर
मोदी को मुस्लिम टोपी पहनने की जरूरत नहीं है। किसी भी इंसान को जबरन धार्मिक चिन्ह लेने की जरूरत नहीं है। जिस तरह मैं तिलक नहीं लगा सकता उसी तरह मोदी का मुस्लिम टोपी पहनना गलत नहीं है।
-मौलाना महमूद मदनी, जमीयत उलेमा -ए-हिन्द के महासचिव
बड़े बोल
यदि इस गांव के किसी ने भी सुप्रिया सुले के पक्ष में मतदान नहीं किया तो उनके यहां भी पानी आपूर्ति बंद कर दी जायेगी। करोड़ो की लागत से इस गांव तक हो रही जलआपूर्ति सिर्फ मेरे कारण ही संभव हो सकी है, अन्यथा ब्रह्मा भी गांव वालों को पानी नही दे सकते थे।
-अजीत पवार, उप मुखयमंत्री ,महाराष्ट्र
चुनाव आयोग खुद को सर्वोच्च नयायालय से ऊपर समझ रहा हे। इंसानियत के कातिल अमित शाह से पाबंदी हटा ली गई,लेकिन हम से नहीं। आयोग ने शाह से पाबंदी हटाकर अपने अस्तित्व पर ही सवालिया निशान लगा लिया है कि वह अब आयोग कहलाने का अधिकार रखता है
या नहीं। -आजम खां ,सपा नेता
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