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प्रधानमंत्री का मकान पड़ोस में होने का लोगों को गर्व है, लेकिन क्षेत्र में कभी नहीं जाने का दुख भी
शायद ही कभी प्रधानमंत्री अपने इस मकान पर गए हों
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने असम की राजधानी दिसपुर में एक किराये का मकान लिया हुआ है। इस मकान में शायद ही प्रधानमंत्री कभी 10 मिनट के लिए गए होंगे। यहां की जनता गर्व से यह तो कहती है कि उनके पड़ोस में प्रधानमंत्री का मकान है, लेकिन उन्हें ये लोग सिर्फ टीवी और समाचार पत्रों में देखते हैं।
लोकसभा चुनाव के मौके पर एक बार फिर से प्रधानमंत्री के मकान को लेकर लोगों में चर्चा का बाजार गर्मा गया है। दरअसल मनमोहन सिंह को जब राज्यसभा सदस्य चुना गया था तो निर्वाचित होने के लिए उनका असम निवासी होना अनिवार्य था। उन्हें भूतपूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिंह राव के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। इस क्रम में उनका मतदाता पहचानपत्र और राशन कार्ड नियमों की खानापूर्ति के लिए तैयार करा दिए गए। इससे बड़ा लोकतंत्र के साथ मजाक क्या होगा कि सिर्फ औपचारिकता पूरी करने के लिए ही दिसपुर में कमरा किराये पर लिया गया था। लेकि न सांसद से प्रधानमंत्री तक सफर तय करने वाले मनमोहन सिंह को कभी अपने क्षेत्र में जाने या लोगों से मिलने का समय तक नहीं मिला।
वर्ष 2009 में मनमोहन सिंह ने यहां पहली बार मतदान किया था। अब की बार भी 24 अप्रैल को असम में मतदान के लिए प्रधानमंत्री और उनकी पत्नीमतदान करने पहुंच गए। ऐसे मंे दिसपुर हाई स्कूल की प्रधानाचार्यकोइंतजार है कि उन्हें कब मौका मिले जिससे कि वे प्रधानमंत्री को स्कूल में पेयजल और मरम्मत की समस्या से अवगत करा सकें। लेकिन यह तो आने वाली 16 मई ही तय करेगी की आखिर उसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पता दिसपुर का रहेगा या नहीं। बासुदेब पाल
मेरठ में हिन्दू लड़की-युवतियों को बहला-फुसलाकर मुस्लिम युवक उन्हें अपने जाल में फंसा रहे हैं। लड़कियों से दोस्ती कर पहले उनकी अश्लील फिल्म बनाते हैं और विरोध करने पर उन्हें मौत के घाट उतारने से भी नहीं चूकते हैं। शहर में 20 अप्रैल को हुई एक महिला की हत्या भी इसी का एक जीता जागता प्रमाण है।
मुस्लिम युवकों द्वारा चलाए जा रहे लव जिहाद अभियान का मृतक महिला भी शिकार बन गई। गत 20अप्रैल की रात मेरठ के जिमखाना मैदान के निकट वसीम, आसिफ और सुहेब ने मिलकर मूल रूप से गाजियाबाद निवासी 30 वर्षीय महिला को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। पति से अलग रहने वाली महिला के दो बच्चे हैं, उसे मेरठ के एक कथित ह्यअटैची चोरह्ण वसीम ने अपने झांसे में ले लिया।
उसे लेकर वह मेरठ-मंसूरी के होटलों में अलग-अलग नाम बदलकर ठहरता रहा। साथ ही अपने दोस्तों को भी शामिल करता रहा। सूत्रों के मुताबिक महिला की अश्लील फिल्म बनाकर उसके माध्यम से और भी कई हिन्दू लड़कियों को फंसाया गया। बताया गया है कि करीब 15 लव जिहादी लड़कों का एक गिरोह है, जो कि इस घिनौने काम को अंजाम दे रहे है। पुलिस ने गिरफ्तार किए आसिफ और सुहेब के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल्स से अन्य हिन्दू लड़कियों के भी इनके चंगुल में फंसे होने की आशंका जतायी है। मुख्य आरोपी वसीम, जिसे पुलिस एक कुख्यात अटैची चोर बताती है, अभी फरार चल रहा है। पुलिस की विभिन्न टीमें उसकी तलाश में छापेमारी कर रही हैं। उधर शहर में महिला की हत्या को लेकर लोगों में काफी रोष है। हिन्दू संगठनों का कहना है कि सुनियोजित तरीके से हिन्दू युवतियों से दोस्ती कर उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार वसीम को गाजियाबाद के एक सपा नेता का संरक्षण प्राप्त है। वसीम के मेरठ स्थित मकान से पुलिस ने महिला की संपत्ति के कुछ कागज भी बरामद किए हैं। पुलिस के मुताबिक उसकी संपत्ति से वसीम मालामाल हो गया। उसने मेरठ के श्याम नगर में 25 लाख रुपये और रशीद नगर में 18 लाख रुपये के दो मकान खरीद लिए। माना जा रहा है कि उसने महिला की संपत्ति बेचकर इन मकानों को खरीदा है।
अजय मित्तल
मेरठ में बड़ा गिरोह सक्रिय, गिरोह में हैं करीब 15 सदस्य। मुख्य आरोपी को एक सपा नेता का संरक्षण प्राप्त है
दोस्ती कर अश्लील फिल्म बनाकर लड़कियों को फंसा रहे अपने चंगुल में
हिन्दू लड़कियां ही रहती हैं इस गिरोह के निशाने पर
लव जिहाद की भेंट चढ़ गई हिन्दू महिला, गोली मारकर हत्या
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