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गुजरात ने बच्चों में कुपोषण की स्थिति में तेजी से सुधार किया है। हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में अब कुपोषण ग्रस्त बच्चों का राष्ट्रीय औसत 41.2 से घटकर 38.8 रह गया है। वर्ष 2006 में राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन ने अपनी रपट में गुजरात के कुल बच्चों में से आधे के कुपोषण ग्रस्त होने का दावा किया था।
गुजरात में, जहां कच्छ का रेगिस्तान है वहां कुपोषण दर तेजी से कम होना सराहनीय है। भाजपा शासित दूसरे राज्य भी इस में बेहतर साबित हुए हैं। छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर 38.5 है। मध्य प्रदेश में मात्र 28.5 प्रतिशत बच्चे ही कुपोषण ग्रस्त हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली, सुलभ व सस्ती चिकित्सा से यह संभव हुआ है। वहीं कांग्रेस शासित प्रदेशों में कुपोषण की स्थिति भयावह है। हरियाणा में 43 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 48.7 प्रतिशत और दिल्ली में 49.9 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। उत्तर प्रदेश में 40.9 प्रतिशत, ओडिशा में 50.4 प्रतिशत और बिहार में 82.1 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं।
* अजय मित्तल
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