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भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित राजस्थान के बाड़मेर में श्रीरामनवमी को अवधपुरी का सा अहसास हुआ। देवलोक के सारे देवी-देवता मानो श्रीराम जन्म की खुशी मनाने वहां उपस्थित थे। संत आशीर्वाद दे रहे थे। ढोल-नगाड़े और नौबत बज रही थी। पुष्पवर्षा हो रही थी। नाचते-गाते लोगों की खुशियों का तो मानो पारावार ही न था। एक-दूसरे पर अबीर-गुलाल उड़ा रहे श्रद्धालु बीच-बीच में 'जय श्रीराम' का उद्घोष भी कर रहे थे। झांकियों की शोभा ऐसी थी कि एकबारगी तो रामायण में वर्णित कई प्रसंग पुन: साकार होते से लग रहे थे।
रामनवमी पर शहर के हाई स्कूल मैदान से विशाल शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में सबसे आगे धर्म पताका लिए दो घुड़सवार, बैंड बाजे राम भजनों की स्वर लहरियां बिखेर रहे थे। इसके बाद बड़ी संख्या में मंगल कलश धारण किए मातृशक्ति चल रही थी। पहली झांकी के रूप में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का रथ था। रथ के बाद तीन घुड़सवार, भजन-नृत्य करते युवा और तलवार वाहिनी अपनी अलग ही छटा बिखेर रही थी। विभिन्न देवी-देवताओं की 32 झांकियां निकाली गइंर्। विश्व हिंदू परिषद् से संबद्घ श्रीरामनवमी महोत्सव समिति के बैनर तले विभिन्न समाजों व संस्थाओं की झांकियां हाई स्कूल मैदान में एकत्रित हुईं। यहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की झांकी के समक्ष हमीरपुरा मठ के नारायणपुरी महाराज, गंगागिरी मठ के खुशालगिरी महाराज, केकड़ रामद्वारा के संत सीताराम महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री नंदलाल जोशी, स्वागताध्यक्ष श्री राजेंद्रसिंह चौहान आदि ने श्रीराम की आरती कर जयघोष के साथ शोभायात्रा को रवाना किया। यहीं पर नव वर्ष 2071 के कलैंडर का लोकार्पण भी किया गया। ल्ल
वार्षिकोत्सव एवं पारितोषिक वितरण समारोह
13 अप्रैल को पंजाब के मानसा स्थित श्री नारायण सर्वहितकारी विद्या मन्दिर का वार्षिकोत्सव और पारितोषिक वितरण समारोह आयोजित हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि थे राष्ट्रीय सिख संगत के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री अविनाश जायसवाल, सर्वहितकारी शिक्षा समिति,पंजाब के अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश जिंदल और पूर्व प्रधानाचार्य श्री गोविन्द राम अग्रवाल। समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और वन्दना से हुआ। इसके बाद अतिथियों ने छात्रों के बीच पारितोषिक वितरित किया और अपने विचारों से मार्गदर्शन किया। श्री नारायणदास जी का 92वां जन्मोत्सव भी मनाया गया। ल्ल प्रतिनिधि
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