ईश्वर जो करता है, अच्छा ही करता है
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

ईश्वर जो करता है, अच्छा ही करता है

by
Apr 12, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 12 Apr 2014 14:16:16

बहुत पुरानी बात है, एक राजा के मंत्री को ईश्वर में बहुत विश्वास था। वह नित्य पूजा करता और ईमानदारी से अपना काम करता। वह अक्सर कहा करता था कि ह्यईश्वर जो करता है वह मनुष्य के भले के लिए ही करता हैह्ण
कभी-कभी हमें ऐसा लगता है कि ईश्वर की हम पर कृपादृष्टि नहीं है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता, कभी-कभी तो उसके वरदान को भी लोग श्राप समझने की भूल कर बैठते हैं। वह हमको थोड़ी पीड़ा इसलिए देता है ताकि बड़ी पीड़ा से बच सकें। राजा इस बात से बड़ा चिढ़ता था। वह सोचता था कि मंत्री खाता मेरा है, लेकिन मेरी कभी प्रशंसा नहीं करता। जब देखो तक कहता रहता है कि ह्यईश्वर जो करता है वह मनुष्य के भले के लिए ही करता हैह्ण। मंत्री बेहद गुणी भी था। इसलिए राजा उसे कुछ कहता नहीं था, बस मन में सोच कर रह जाता था।
एक बार राजा अपनी तलवारबाजी का अभ्यास कर रहा था कि अचानक उसकी अंगुली कट गई। राजा दर्द से बिलबिला उठा, मंत्री वहां मौजूद था अचानक उसके मुंह से निकल गया कि ह्यईश्वर जो करता है वह मनुष्य के भले के लिए ही करता हैह्ण। ऐसे मौके पर राजा को यह बात सुनकर बहुत गुस्सा आया। उसने अपने सेवकों को आदेश दिया कि मंत्री को करावास में डाल दिया जाए। कारावास में डाले जाने के बाद भी मंत्री ने वही कहा कि ह्यईश्वर जो करता है वह मनुष्य के लिए भले के लिए ही करता हैह्ण। महीनों बीत गए, राजा का घाव ठीक हो गया। मंत्री अभी भी करावास में ही था। एक दिन राजा घने जंगल में शिकार खेलने निकला हुआ था। राजा घोड़े पर हिरण का पीछा कर रहा था, हिरण का पीछा करते हुए वह भटककर एक जंगली कबीले के क्षेत्र में जा पहुंचा।
कबीले वालों ने उसे पकड़ लिया। उनके यहां मानव बलि देने की प्रथा थी। वे उसे लेकर अपने देवता के सामने पहुंचे, लेकिन जैसे ही कबीले वालों के पुजारी ने राजा की बलि चढ़ाने के लिए फरसा उठाया तो उसकी नजर राजा की कटी हुई अंगुली पर पड़ी। वह बोला, इस आदमी की बलि नहीं दी जा सकती, क्योंकि इसका शरीर खंडित है। यदि ऐसा हुआ तो देवता प्रसन्न होने की बजाए क्रोधित हो जाएंगे। अधूरी बलि उन्हें पसंद नहीं। हमें महामारी, सूखे और बाढ़ का प्रकोप झेलना पड़ सकता है। कबीले वालों ने
तत्काल राजा को मुक्त कर दिया। राजा ने ईश्वर को धन्यवाद दिया और बिना देरी किए अपनी राजधानी में वापस पहुंचा। वह तत्काल करावास में मंत्री से मिलने गया। उसने मंत्री को कारावास से बाहर निकलवाने का आदेश दिया और कहा, मंत्री तुम बिल्कुल सही थे तुम जो कहते थे वह सही कहते थे, मेरे क्रोध की वजह से तुम्हें इतने दिनों तक कारावास का कष्ट झेलना पड़ा, मुझे क्षमा कर दो। मंत्री बोला, नहीं नहीं राजन, अच्छा ही हुआ जो आपने मुझे कारावास में डलवा दिया। नहीं तो शिकार खेलने जाने के दौरान मैं आपके साथ होता, ऐसे में कबीले वाले आपको तो छोड़ देते लेकिन मेरी बलि चढ़ा देते। इसलिए मैं सदैव कहता हूं कि ह्यईश्वर जो करता है वह मनुष्य के भले के लिए ही करता हैह्ण। राजा की आंखे खुल चुकी थी। उसने मंत्री को गले से लगा लिया और उसे महामंत्री बना दिया। ल्ल प्रतिनिधि
महान वैज्ञानिक आर्यभट्ट
बच्चो ! आपने भारत वर्ष के आपको महान वैज्ञानिक आर्यभट्ट के बारे में सुना हैं। दुनिया को शून्य देने वाले आर्यभट्ट ही थे। आर्यभट्ट के जन्मकाल को लेकर उनके ग्रंथ आर्यभट्टीयम से जानकारी मिलती है। ग्रंथ में उन्होंने लिखा है कि कलियुग के 3600 वर्ष बीत चुके हैं, मेरी आयु 23 साल की है, जब मैं यह ग्रंथ लिख रहा हूं।
भारतीय ज्योतिष परंपरा के अनुसार कलियुग का आरंभ ईसा पूर्व 3101 में हुआ था. इस हिसाब से 499 ईस्वीं में आर्यभट्टीयम की रचना हुई। इस लिहाज से आर्यभट्ट का जन्म 476 ईस्वीं में हुआ माना जाता है, लेकिन उनके जन्मस्थान के बारे में मतभेद है। कुछ विद्वानों का कहना है कि इनका जन्म नर्मदा और गोदावरी के बीच के किसी स्थान पर हुआ था, जिसे संस्कृत साहित्य में अश्मक देश के नाम से लिखा गया है। आर्यभट्ट के गणित और खगोल विज्ञान पर अनेकों गं्रथ हैं, जिनमें से कुछ खो गए हैं। उनकी प्रमुख कृति, आर्यभट्टीयम, गणित और खगोल विज्ञान का एक संग्रह है, जो आधुनिक समय में भी अस्तित्व में है। उनके गणितीय भाग में अंकगणित, बीजगणित, सरल त्रिकोणमिति और गोलीय त्रिकोणमिति शामिल हैं। उनके लिखे तीन ग्रंथों दशगीतिका, आर्यभट्टीयम और तंत्र की जानकारी आज भी मौजूद है,लेकिन जानकारों की मानें तो उन्होंने और एक ग्रंथ लिखा था ह्यआर्यभट्ट सिद्धांतह्ण। इस समय इसके केवल 34 श्लोक ही उपलब्ध हैं।
ल्ल प्रतिनिधि

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies