दिल्ली में बदलाव की दस्तक
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

दिल्ली में बदलाव की दस्तक

by
Apr 7, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 07 Apr 2014 12:05:22

 

मुजफ्फर हुसैन
देश में इन दिनों आम चुनाव का माहौल है। इसलिए जीत-हार के हर पहलू पर गरमा-गर्म बहस चल रही है। भाजपा ने चुनाव की घोषणा होने से पूर्व ही प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम प्रस्तावित कर दिया था। तभी से उनका विरोध कर कहा जा रहा है कि उनकी सरकार नहीं बन सकती है। मोदी विरोधी लोगों का मत है कि ह्यमोदी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि मोदी का दल सरकार नहीं बना सकता है।ह्ण हालांकि विरोध के पीछे जो तर्क देते हैं वे आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण ही कहे जा सकते हैं। उन्हें मोदी से भय है कि कहीं वे प्रधानमंत्री बन गए तो उनकी सेकुलरी राजनीतिक का क्या होगा। कांग्रेस, सपा व बसपा आदि पार्टियों का एक तर्क यह भी है कि इस देश में मुस्लिम वोट बैंक 18 प्रतिशत है। कोई ऐसा वोट बैंक किसी अन्य दल के पास नहीं है। वे मुस्लिम समर्थक दलों को सेकुलर मानते हैं। इसलिए उनका तर्क रहता है कि जिस पक्ष में मुस्लिम वोट गिरता है वही सफल होता है। भारत में एक मुश्त मतदान करने वाला कोई अन्य वर्ग नहीं है।
18 प्रतिशत वैसे कोई बहुत बड़ी संख्या नहीं है, लेकिन अन्य दलों और वगोंर् का प्रतिशत मतदान में बंटा रहता है। एक समय था जब वंचित समाज का वोट बैंक भी था, जो कि लंबे समय तक कांग्रेस के सत्ता में बने रहने का मुख्य कारण था। बदली परिस्थिति का विश्लेषण करने के लिए कांग्रेस-भाजपा के आंकड़ों पर नजर डालें तो कांग्रेस का दावा है कि उनका मत प्रतिशत भाजपा से कम नहीं रहा। पिछले 15 आम चुनावों में कांग्रेस ही वोट लेती रही। जनसंघ का रूपांतरण जब भाजपा में हुआ तो उस समय 1984 में दो सीटें जीतकर भाजपा ने अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। 1996, 1998 और 1999 में भाजपा ने कांग्रेस से अधिक वोट प्राप्त किए थे, लेकिन तीनों चुनावों में कांग्रेस की तुलना में उसका वोट प्रतिशत कम रहा। भाजपा को उम्मीदवारों की तुलना में भी कम वोट मिले। 1952 में जनसंघ को 3.6, 1957 में 5.97, 1962 में 6.34, 1967 में 6.31, 1971 में 7.37, 1984 में 7.74 वोट मिले थे, जबकि समस्त निर्दलीय उम्मीदवारों को 7.29 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे। 1989 में पहली बार भाजपा को 11.36 प्रतिशत वोट मिले। इसके बाद वोट प्रतिशत लगातार बढ़ता चला गया और भाजपा सरपट भागी। 1998 में भाजपा 25.59 प्रतिशत वोट पाकर कांग्रेस को मिलने वाले 25.82 प्रतिशत वोट के निकट पहंुच गई। 1999 में भाजपा को 112 सीटों पर संतोष करना पड़ा। 2004 में ह्यइंडिया शाइनिंगह्ण के नाम पर उसकी चमक कम हो गई। वोट प्रतिशत घटकर 22.2 हो गया और सीटों की संख्या 138 हो गई। इस चुनाव में कांग्रेस को 26.7 प्रतिशत वोट मिले, लेकिन 145 सीटें मिलीं। अब की बार भाजपा का लक्ष्य 272 सीटें प्राप्त करना है। इसलिए नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा का प्रयास जारी है। कांग्रेस ऐसे में निराश है और स्वयं को ठगा सा महसूस कर रही है।
इस बात को स्वीकार करना ही पड़ेगा कि अब दोनों बड़े दल जिस तरह की स्थिति में पहंुचे हैं उसमें भाजपा की स्थिति कांग्रेस से बेहतर है। कांग्रेस को सबसे अधिक नुकसान पिछले वर्ष राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान हुआ था। आम चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने तेलंगाना की चाल चली। हैदराबाद को विभाजित करने से क्या वह पुराने आंध्र में पहले जितनी सीटें प्राप्त कर सकेगी ? दो राज्य तो बढ़ गए, लेकिन कांग्रेस का लक्ष्य पूरा होता दिखाई नहीं पड़ रहा है। विभाजन से हमेशा कांग्रेस लाभान्वित हुई है, लेकिन यहां उसे कोई बड़ी सफलता मिलने वाली नहीं है। इसलिए तोड़ो और राज करो की नीति के सहारे स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस के हाथों सरकार मिलती गई वह दृश्य अब दिखाई नहीं पड़ता है। इसका लाभ राज्य आधारित दल को ही मिलेगा, जो विभाजन कल तक कांग्रेस के लिए वरदान थे, वे अब अभिशाप दिखाई देने लगे हैं।
भारत के आम चुनावों में प्राप्त विश्लेषण इस बात का परिचायक है कि आजादी के बाद केवल दो ही राजनीतिक पार्टियां किसी न किसी रूप में सत्ता में आती रही हैं। अधिक समय तक कांग्रेस का वर्चस्व रहा है और उसके बाद भाजपा का। कांग्रेस में अनेक विभाजन होते रहे, फिर भी अधिकांश समय उसका एक पार्टी के रूप में राज रहा। भाजपा अकेले दम अब तक सत्ता स्थापित नहीं कर सकी। वह जब भी प्रमुख रूप से सत्ता में आई तो अन्य दलों के साथ उसे गठबंधन कर सरकार बनानी पड़ी। 2004 के बाद कांग्रेस ने अन्य पार्टियों का सहारा लेकर यूपीए नामक गठबंधन बनाकर अपनी सरकार कायम कर ली। अन्य जो दल थे उन्होंने पहले एनडीए की सरकार बनाई थी जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी का नेतृत्व था क्योंकि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी थी। 2009 में बनी सरकार यूपीए-2 के नाम से चलाई गई। इन दोनों गठबंधनों की विशेषता यह है कि इनके साथ शामिल दल अपना वजूद शेष रखते हुए सत्ता में बने रहते हैं। लेकिन विरोधी दल के रूप में उनकी पहचान केवल अपनी ही पार्टी से होती है। इसका अर्थ यह हुआ कि एकता सत्ता के लिए तो है, लेकिन विरोधी दल के रूप में नहीं। इस बात को स्वीकार करना पड़ता है कि जिस छतरी के नीचे वे एकत्रित होते हैं, वह तो केवल कांग्रेस और भाजपा ही है क्योंकि सांसदों की बड़ी संख्या उन्हीं के दल के पास होती है।
इंडियन नेशनल कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य था देश को आजाद कराना। आजादी मिल जाने के बाद कांग्रेस सत्ताधारी पार्टी बन गई। देश ने लोकतंत्र को स्वीकारा तो विरोधी दल की आवश्यकता थी ही क्योंकि राष्ट्र के उत्थान के लिए कौन से विचार को आधार बनाया जाए ? वर्तमान लोकतंत्र पाश्चात्य संस्कृति पर आधारित है। इसलिए भारतीय विचारधारा के आधार पर लोकतंत्र का कायाकल्प किसी प्रकार हो उसकी आवश्यकता महसूस की जाने लगी। गुलामी के समय से कांग्रेस जिस लोकतंत्र की वाहक थी, वह तो ब्रिटिश और पाश्चात्य चिंतन की देन थी। इसलिए 20वीं शताब्दी के दूसरे दशक से ही भारतीय चिंतन के आधार पर लोकतंत्र का कायाकल्प किस प्रकार हो, इस पर विचार विमर्श होने लगा। लोगों को संगठित किस प्रकार किया जाए, देश का आर्थिक विकास किस प्रकार हो, ये सारी बातें मन मस्तिष्क में आने लगीं। इसलिए डॉ. हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की और जब तक वे जीवित रहे तो इस मामले में सवाल नहीं उठे। लेकिन सत्ता को निकट आते देख कांग्रेस ने उन पर ह्यकट्टरवादी हिन्दुत्वह्ण का आरोप लगाना शुरू कर दिया। महात्मा गांधी की हत्या के बाद तो सावरकर और श्री गुरुजी जैसे राष्ट्रभक्तों पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए। आजादी के बाद जब इस प्रकार की बातों द्वारा भ्रम फैलाया जाने लगा तो पं. दीन दयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में भारतीय जनसंघ की स्थापना की गई। आपातकाल आने तक संघ को हिन्दूवादी संगठन मानकर उस पर दो बार प्रतिबंध भी लगाया गया। लेकिन जब जय प्रकाश नारायण और लोहिया की समाजवादी विचारधारा को भी इस शक्ति से जोड़ा तो वह जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी बन गई। इस प्रकार यह दोनों दल कल जितने प्रासंगिक थे आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। भारत की वर्तमान राजनीति का यह कभी न भुलाया जाने वाला अध्याय है। मतदान की दशा और दिशा यह बतलाती है कि छोटे-छोटे राज्य स्तर के दल जब तक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में अपना प्रभुत्व नहीं जमाते तब तक भारत की राजनीति में राजनीतिक दलों का ढांचा प्रभावी नहीं बन सकता।
लोकसभा चुनाव परिणाम
वर्ष कांग्रेस (कुल सीट) भाजपा (कुल सीट)
1991 244 120
1996 140 161
1998 141 182
1999 114 182
2004 145 138
2009 206 116

 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Ajit Doval

अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के झूठे दावों की बताई सच्चाई

Pushkar Singh Dhami in BMS

कॉर्बेट पार्क में सीएम धामी की सफारी: जिप्सी फिटनेस मामले में ड्राइवर मोहम्मद उमर निलंबित

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार: टिहरी डैम प्रभावितों की सरकारी भूमि पर अवैध मजार, जांच शुरू

Pushkar Singh Dhami ped seva

सीएम धामी की ‘पेड़ सेवा’ मुहिम: वन्यजीवों के लिए फलदार पौधारोपण, सोशल मीडिया पर वायरल

Britain Schools ban Skirts

UK Skirt Ban: ब्रिटेन के स्कूलों में स्कर्ट पर प्रतिबंध, समावेशिता या इस्लामीकरण?

Aadhar card

आधार कार्ड खो जाने पर घबराएं नहीं, मुफ्त में ऐसे करें डाउनलोड

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Ajit Doval

अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के झूठे दावों की बताई सच्चाई

Pushkar Singh Dhami in BMS

कॉर्बेट पार्क में सीएम धामी की सफारी: जिप्सी फिटनेस मामले में ड्राइवर मोहम्मद उमर निलंबित

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार: टिहरी डैम प्रभावितों की सरकारी भूमि पर अवैध मजार, जांच शुरू

Pushkar Singh Dhami ped seva

सीएम धामी की ‘पेड़ सेवा’ मुहिम: वन्यजीवों के लिए फलदार पौधारोपण, सोशल मीडिया पर वायरल

Britain Schools ban Skirts

UK Skirt Ban: ब्रिटेन के स्कूलों में स्कर्ट पर प्रतिबंध, समावेशिता या इस्लामीकरण?

Aadhar card

आधार कार्ड खो जाने पर घबराएं नहीं, मुफ्त में ऐसे करें डाउनलोड

जब केंद्र में कांग्रेस और UP में मायावती थी तब से कन्वर्जन करा रहा था ‘मौलाना छांगुर’

Maulana Chhangur Hazrat Nizamuddin conversion

Maulana Chhangur BREAKING: नाबालिग युवती का हजरत निजामुद्दीन दरगाह में कराया कन्वर्जन, फरीदाबाद में FIR

केंद्र सरकार की पहल से मणिपुर में बढ़ी शांति की संभावना, कुकी-मैतेई नेताओं की होगी वार्ता

एक दुर्लभ चित्र में डाॅ. हेडगेवार, श्री गुरुजी (मध्य में) व अन्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : उपेक्षा से समर्पण तक

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies