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आवरण कथा ह्यआंगन पर कब्जाह्ण से प्रतीत होता है कि पाकिस्तान और चीन मिलकर भारत को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। पाकिस्तानी बंदरगाह को जाने वाले रास्ते का चयन भारतीय प्रभुसत्ता की घोर उपेक्षा तो है ही साथ ही भारत को घेरने को चली जा रही एक चाल का हिस्सा भी है। लेकिन भारत के हुक्मरानों को इससे कोई मतलब नहीं है। वे सत्ता के नशे में ऐसे चूर हैं कि उन्हें कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा है। यह कितनी शर्म की बात है।
-सूर्यप्रताप सिंह सोनगरा
कांडरवासा (म.प्र.)
० पाकिस्तान और चीन, भारत के साथ कूटनीतिक चाल चल रहे हैं। भारत को चारों ओर से घेरा जा रहा है। चीन के सैनिक आये दिन भारत में घुसकर अपनी दस्तक देते हैं और हद तो तब हो जाती है कि जब वह चाइना लिख जाते हैं। वहीं पाकिस्तान भी भारत की सीमा पर आए दिन कुछ न कुछ करता रहता है। यह सभी घटनायंे बताती हैं कि हमारे राजनेताओं की चाल,चरित्र और चेहरा कैसा है। देश के अंदर आए दिन दुश्मन दस्तक देता है, लेकिन हमारे नेता कुछ करने की बजाय सिर्फ मिमियाते ही रहते हैं।
-बी. एल. सचदेवा
263,आईएनए बाजार(नई दिल्ली)
० इसे अपने देश के राजनेताओं की दयनीय दशा और नकारापन ही कहेंगे कि वे अपने घर में ही लड़ते रहते हैं और उनका दुश्मन उनके घर में आ धमकता है। लेकिन इस घटना को वे ऐसे लेते हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं । लेकिन चीन और पाकिस्तान जिस तेजी से भारत को घेरने में लगे हुए हैं उससे यही लगता है कि आने वाले दिनों में वे कुछ भी कर गुजरने की चेष्टा कर सकते हैं। इसलिए हमें सावधान रहना होगा।
-धर्मवीर सिंह भारती
इन्दिरापुरम,गाजियाबाद (उ.प्र.)
० पाकिस्तान हमारे देश के दुश्मनों के साथ पींगें बढ़ाकर यही संदेश दे रहा है कि समय आने पर इनके बल पर वे कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन देश के नेता हैं जिनको यह सब समझ ही नहीं आता, उन्हें तो सिर्फ और सिर्फ वोट और नोट से मतलब है। यह भारत का दुर्भाग्य है कि यहां के नेता अपने देश से ज्यादा वोट और नोट को तरजीह देते हैं ।
-लक्ष्मीचन्द
बांध कसौली, सोलन(हि.प्र.)
चीन की होली जलाइये
जब देश और समाज में बुराइयां बढ़ जाती हैं तो मानव जीवन आह्लादित और आनंदित नहीं हो पाता है। होली एक एक ऐसा त्योहार है,जिसमें हम बुराइयों की होली जलाते हैं और जीवन को आनंद के रंगों से सराबोर कर लेते हैं । लेकिन हमारे पर्व और त्योहारों पर ड्रैगन का खतरा म्ंाडरा रहा है। चाहे दिवाली के दीये हों या फिर होली के रंग। बच्चों की पिचकारी और गुब्बारे तक चीन दे रहा है। चीन ने दैनिक उपयोग की लगभग सभी वस्तुओं को सस्ते मूल्य में बाजार में पहुंचाकर हमारे स्थानीय उद्योग-धंधों को बंद कराने की स्थिति में ला दिया है। इसके कारण करोड़ों लोगों के समक्ष बेरोजगारी का संकट उत्पन्न हो गया है। ऐसे में हमें बुराई के प्रतीक चीन की इस बार होली जलानी चाहिए और कृत्रिम के बजाय प्राकृतिक और स्वदेशी रंगों से होली खेलनी चाहिए।
-डॉ. निरंजन सिंह
रामकृष्णपुरम्, नई दिल्ली
जनता को झुनझुना
संप्रग सरकार द्वारा जो अंतरिम बजट प्रस्तुत किया गया वह भी निराश करने वाला ही रहा। इस बजट में भी आम जनता के हित को अनदेखा किया गया और राहत के नाम पर झुनझुना थमा दिया गया। सरकार द्वारा पिछले नौ वर्षों में नौ बजट प्रस्तुत किए गए, लेकिन एक भी बजट ऐसा प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी पर अंकुश लग सके। यह हाल तब है जब सरकार के पास प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम जैसे स्वयंभू वित्त विशेषज्ञ हैं। लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस सरकार ने पिछले 10 वषोंर् में भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़कर रख दी है।
-निमित जायसवाल
रामगंगा बिहार, मुरादाबाद (उ.प्र.)
० 17 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते समय वित्त मंत्री चिदम्बरम ने वर्तमान वर्ष का बजट घाटा 4.6 प्रतिशत पर सीमित रखने की जो घोषणा की थी, वह झूठी साबित हो गई है। 4.6 प्रतिशत के हिसाब से घाटा 5.24 लाख करोड़ होना चाहिए, पर कंट्रोलर एंड ऑडीटर जनरल के अनुसार यह पहले ही 5.32 लाख करोड़ पहुंच चुका है और साल के अंत में इसके और बढ़ने की संभावना है। वह भी तब जब चिदम्बरम ने 79000 करोड़ का विकास खर्च रोक लिया। 35000 करोड़ की इस वर्ष की तेल सब्सिडी अगले साल के लिए स्थगित कर दी और क ोल इंडिया से 18000 करोड़ का लाभांश अग्रिम रूप में प्राप्त कर लिया। यह स्पष्ट है कि चिदम्बरम ने देश और भारत की जनता को गुमराह किया है, जो कि एक भ्रष्ट सरकार के झूठे वित्त मंत्री हैं ।
-अजय मित्तल
खंदक,मेरठ (उ.प्र.)
० लोकसभा चुनाव पास आते ही कांग्रेस बड़ी-बड़ी बातें करने लगी है। टीवी चैनलों पर अंधाधुन्ध प्रचार करके जनता को बताने का प्रयास कर रही है कि तमाम विकासकारी योजनाएं हमारी ही सरकार द्वारा लागू की गई हैं, लेकिन सवाल यह है कि कांंग्रेस के शासनकाल में जनता को क्या मिला? और कितनी योजनाओं से जनता लाभान्वित हुई है? सच तो यह है कि कांग्रेस के शासन में आमजनमानस को अगर कुछ मिला है तो वह भय, भूख, महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी है। टीवी चैनलों पर अंधाधुन्ध प्रचार करके वह जनता को बरगलाने का प्रयास कर रही है।
-हरिहर सिंह चौहान
जंवरी बाग नसिया, इंदौर(म.प्र.)
नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछले दिनों आयोजित ह्यचाय पे चर्चाह्ण कार्यक्रम अत्यधिक सफल रहा। सीधे संवाद से यह कार्यक्रम जहां जीवंत हुआ वहीं विरोधियों की इस कार्यक्रम से हवाइयां उड़ गईं। श्री मोदी ने इस कार्यक्रम के जरिए आम जनता को सुना, समझा और अपनी बात को बताया। वहीं जिस चाय को लेकर कांग्रेसी नेता श्री मोदी पर तंज कसते थे उसी चाय के एक कार्यक्रम ने कांग्रेसी नेताओं के मुंह पर ताला लगा दिया । कार्यक्रम को मिली अप्रत्याशित सफलता भाजप�%A
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