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-राजनाथ सिंह 'सूर्य'
पिछले दिनों गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने मुख्यमंत्रियों को परामर्श दिया है कि वे अपने राज्य में विचाराधीन ह्यबंदियोंह्ण के मामले की समीक्षा करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन करें। ह्यसमीक्षाह्ण के संदर्भ में यह उनका दूसरा परामर्श है। कुछ महीने पूर्व पहले परामर्श में उन्होंने केवल अल्पसंख्यक विचाराधीन बंदियों के मामलों की समीक्षा करने का सुझाव दिया था। उसमें किसी विशेषज्ञ समिति गठित करने का उल्लेख नहीं था। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री के पहले सुझाव का विरोध प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर किया था। अन्य कई मुख्यमंत्रियों ने, जिनमें कांग्रेसी भी शामिल थे, ह्यसंशोधितह्ण परामर्श दिया था। लेकिन परामर्श का उद्देश्य पूर्ववत है। मुस्लिम मतदाताओं को कांग्रेस के खेमे में लाने का प्रयास। कांग्रेस इस प्रयास में स्वयं उलटबांसियों का शिकार होती जा रही है।
केवल मुसलमानों के हितों के लिए हजारों करोड़ की योजनाओं की केंद्रीय सरकार की घोषणा के बावजूद जब कांग्रेस मुस्लिम मतदाताओं की अनुकूलता पाने में असफल रही तो उसके ह्यनायकह्ण राहुल गांधी ने,जो अपनी पार्टी के प्रवक्ताओं को ह्यसौम्य अभिव्यक्तिह्ण का परामर्श देने से कभी भी नहीं चूकते,एक नया शिगूफा छेड़ा है कि महात्मा गांधी की हत्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कराई थी।
एक अर्से तक साम्यवादियों तथा छद्म सेकुलरवादियों ने संघ के खिलाफ यह कुप्रचार किया था। अब उस कुप्रचार की धार पूरी तरह कुंद हो गई है। इसके बावजूद राहुल गांधी ने इस कुप्रचार को क्यों हथियाया है, यह तो वही जानंे ,लेकिन संघ ने संभवत: पहली बार इस कुप्रचार को गंभीरतापूर्वक संज्ञान में लिया है। चुनावी माहौल में संघ ने राहुल गांधी के इस निराधार बयान की शिकायत जहां निर्वाचन आयोग से की है, वहीं उन्हें अदालत में भी ले जाने का निर्णय लिया है। अर्जुन सिंह सहित कई लोग इसी तरह के बयान के लिए अदालत में माफी मांग चुके हैं, फिर भी राहुल गांधी ने नाहक उसे अपना हथियार बनाया है। उन्होंने यह बयान महाराष्ट्र के भिवंडी में दिया, जो मुस्लिम बहुल इलाका है। क्या इससे उन्हें मुस्लिम मतों को कांग्रेस के पक्ष में लाने में सफलता मिलेगी? कांग्रेस ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की चुनावी सफलता के लिए न केवल संजय सिंह को असम से राज्यसभा भेजा, बल्कि उनकी पत्नी को सुल्तानपुर से उम्मीदवार भी बना दिया। यही नहीं उसने मुलायम सिंह यादव और उनकी बहू डिम्पल के खिलाफ उम्मीदवार न खड़ा कर अमेठी और रायबरेली में उनका समर्थन भी प्राप्त कर लिया है। यह समझौता उनके चुनावी ह्यआत्मविश्वासह्ण का द्योतक है।
महात्मा गांधी की हत्या नाथूराम गोडसे ने 1948 में की थी। गोडसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से घृणा करता था। फिर भी संघ पर प्रतिबंध लगा दिया गया। संघ के हजारों स्वयंसेवकों ने प्रतिबंध उठवाने के लिए सत्याग्रह कर देशभर की जेलें भर दी थीं। इसके बाद संघ पर से प्रतिबंध हटा। 1949 में संविधान सभा में गृह मंत्रालय द्वारा एक प्रश्न के उत्तर में दी गई सूचना के अनुसार प्रतिबंध ह्यबिना शर्तह्ण हटाया गया था। गांधी हत्याकांड का जो मुकदमा चला, जिसमें स्वातंत्र्यवीर सावरकर को भी अभियुक्त बनाया गया था, उसमें संघ के किसी स्वयंसेवक को न तो अभियुक्त बनाया गया था और न मुकदमे के दौरान प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से संघ की संलिप्तता का उल्लेख किया गया। फिर भी ह्यसंघ का हाथ गांधी की हत्या में थाह्ण, यह दुष्प्रचार चलता रहा है। संघ ने इस दुष्प्रचार को निर्मूल बताने में अनावश्यक प्रयास करने के बजाय अपने कार्य का समाज जीवन के सभी क्षेत्रों में जिस प्रकार का फैलाव %E
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