नक्सली हमले से फिर लाल हुई छत्तीसगढ़ की धरती
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

नक्सली हमले से फिर लाल हुई छत्तीसगढ़ की धरती

by
Mar 15, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 15 Mar 2014 14:05:55

 

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने 11 मार्च को बड़ा हमला कर दिया जिसमें केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, स्थानीय पुलिस और जगदलपुर के एक कारोबारी सहित 16 लोगों की मौत हो गई। एकाएक लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हमला कर नक्सलियों ने केन्द्र व राज्य सरकार को खुली चुनौती दे डाली है।
यह हमला टाहकबाड़ा गांव के निकट किया गया, जिस समय तोंगपाल और झीरम गांव के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क निर्माण का काम चल रहा था। 55 जवानों का दल मार्ग खुलवाने के लिए आगे बढ़ रहा था। सुकमा जिले की यह वही झीरम घाटी है, जहां पिछले वर्ष 25 मई को नक्सलियों ने कांग्रेसी नेताओं को मौत के घाट उतारा था। छत्तीसगढ़ में नक्सली हमला करने के बाद जवानों की करीब ढाई घंटे तक नक्सलियों से मुठभेड़ होती रही। नक्सलियों ने इस बार बर्बरता का एक और नमूना पेश किया, उन्होंने जवानों की हत्या करने के बाद सीआरपीएफ के एएसआई मनमोहन सिंह के शव के नीचे प्रेशर बम लगा दिया था, ताकि शव को उठाते समय एक और धमाका हो जाए। लेकिन जांच दल ने बड़ी सूझबूझ से शव के पास जेसीबी मशीन से गड्ढा कर शव को रस्सी से खींचकर वहां से हटाकर एक और अन्य हादसे को रोक लिया।
फिर दोहराई गलती
दरअसल ताइमेटला और अन्य हमलों के बाद बस्तर समेत देशभर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ऑपरेशन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर (एसओपी) तैयार किया गया था। इसमें स्पष्ट कहा गया था कि जवान एक साथ नहीं चलेंगे, उन्हें दूरी बनाकर चलना होगा। फिर भी कुआकोंडा में हुए हमले के बाद भी जवानों को सचेत नहीं किया गया। सीआरपीएफ के जवान हाईवे निर्माण करने वाली कंपनी के लिए रोजाना आवाजाही कर रहे थे, सेना के आने-जाने का रास्ता एक ही था, जिस पर नक्सली नजर लगाए हुए थे और मौका मिलते ही उन्होंने सुनियोजित तरीके से जवानों पर हमला बोलकर घटना को अंजाम दे दिया।
लापरवाही बरती गई
नक्सली हमले के बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने दावा किया है कि उन्होंने 7 मार्च को ही छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले की आशंका पहले ही जता दी थी। छत्तीसगढ़ सहित 9 राज्यों के मुख्य सचिवों को एडवाइजरी भेजकर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया। शुरुआती जांच में भी यह बात सामने आई है कि सुकमा जिले की झीरम घाटी पर हुए नक्सली हमले में निर्देश और चेतावनी को अनदेखा किया गया है। सचेत करने के बाद भी जवानों ने अपने आने-जाने के रास्ते में परिवर्तन नहीं किया। इससे पूर्व भी गृह मंत्रालय ने 17 फरवरी को लोकसभा चुनाव से पहले नक्सलियों द्वारा हमले की आशंका जतायी थी। प्रतिनिधि
नक्सली हमले पर प्रतिक्रिया
ह्ण छत्तीसगढ़ में हुआ नक्सली हमला सुरक्षा बलों की कमी के कारण हुआ है। विधानसभा चुनाव में केंद्र से जवानों की 400 कम्पनियां मिली थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए केवल 65 कम्पनियां मिली हैं, जो बेहद कम है। केंद्र सरकार से मांग की गई है कि छत्तीसगढ़ को इससे दोगुनी संख्या में सुरक्षा बल उपलब्ध कराया जाए। साथ ही राज्य सरकार भी चुनाव के मद्देनजर आदिवासी क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाएगी।
-डॉ. रमन सिंह
मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
ह्ण छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हुए नक्सली हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराई जाएगी और नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। लोकसभा चुनाव तय समय पर ही होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ में नक्सल हमले में कांग्रेसी नेताओं के मारे जाने की घटना की जांच भी एनआईए कर रही है और अब इस मामले की जांच भी एनआईए से कराई जाएगी।
-सुशील कुमार शिंदे, केन्द्रीय गृहमंत्री
ह्ण झीरम घाटी में हुए हमले से स्पष्ट होता है कि सुरक्षा को लेकर शासन-प्रशासन की सोच औपचारिक ही रही है। हर बार नक्सली हमले के बाद अलर्ट की बात, संवेदना प्रकट करना, सबक सिखाने की बातें करना और अंत में अगली घटना का इंतजार करना, यह आदत सी पड़ चुकी है।
-के. पी. एस. गिल
पूर्व पुलिस महानिदेशक, पंजाब एवं पूर्व सुरक्षा सलाहकार छत्तीसगढ़
हमले के पीछे नक्सलियों की मंशा
1-विधानसभा चुनाव में नक्सलियों की धमकी के बावजूद छत्तीसगढ़ की जनता ने बढ़चढ़ कर मतदान किया था। इस बार यहां 72 फीसदी मतदान हुआ था, जो कि नक्सलियों का प्रभाव कम होने को दर्शा रहा था। ऐसे में नक्सली दोबारा हमला कर अपना वर्चस्व दिखाना चाहते थे, जिस कारण से उन्होंने हमला कर दिया।
2-नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिस और जवानों की सक्रियता तेजी से बढ़ी है। आला अधिकारियों के साथ सेना कैंप कर रही है और सड़कों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। ऐसे में नक्सलियों को लग रहा है कि धीरे-धीरे उनका भय जनता से दूर होता जा रहा है।
आखिर क्यों बदले जा रहे ऐतिहासिक स्थलों के नाम?
जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 40 करोड़ रुपये की परियोजना लंबे समय से लटकी हुई थी, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तिथियों की घोषणा से कुछ ही दिन पूर्व राज्य सरकार ने जल्दबाजी में परियोजना की शुरुआत कर डाली और कहा कि राज्य की गठबंधन सरकार विकास कार्य करने के लिए प्रेरित है। खास बात यह है कि सरकार की ओर से जारी निमंत्रण पत्र पर प्रकाशित नींव के पत्थर पर बाहुफोर्ट के स्थान पर शाहबाद लिखा गया था।
बाहुफोर्ट का निर्माण करीब 3000 वर्ष पूर्व कराया गया था। मंदिर के भीतर काली माता का पवित्र स्थान भी है, जहां कई हजार श्रद्धालु रोजाना दर्शन करने पहंुचते हैं। अचानक से ऐतिहासिक स्थल का नाम बदले जाने का विरोध हो रहा है। हिन्दू संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन भी किया। इसके बाद कहा जा रहा है कि शाहबाद के नाम पर बाहुफोर्ट लिख दिया जाएगा।
सवाल यह उठता है कि आखिर ऐतिहासिक स्थल का नाम बदलने के पीछे राज्य सरकार की मंशा क्या है ? पहले अधिकृत कश्मीर में ऐतिहासिक स्थानों के नाम बदलकर इस्लामी नाम रखे गए। उसके बाद यह क्रम कश्मीर घाटी तक पहंुच गया। अब जम्मू के ऐतिहासिक नगर के बाहरी क्षेत्रों में नाम बदलने का यह क्रम तेजी से शुरू हो गया है। गत वर्षों में इस नगर के बाहरी क्षेत्रों में म्यांमार के शरणार्थी और कुछ अन्य लोग काफी संख्या में आए हैं और बाहरी लोगों के बच्चों को पढ़ाने के लिए मदरसे भी खोले जा रहे हैं। इसके बाद नगर में पुरानी बस्तियों के नाम बदलकर हमजा कॉलोनी, इस्लामाबाद, जलालाबाद, फिरदोसपुर और मलिक मार्केट आदि रख दिए गए हैं।
केन्द्र की घातक नीति
केन्द्र की ओर से शुरू की गई परियोजना के अंतर्गत शिक्षण संस्थानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। इससे बड़ी संख्या में मदरसे खोले जा रहे हैं। एक सरकारी रपट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में तीन वर्षों में करीब 400 नये मदरसे खुल गए हैं। वर्ष 2008 में जिन मदरसों की संख्या मात्र 34 थी, वह बढ़कर अब 463 पहंुच गई है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1989 में जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद के फूटने से पूर्व जमात-ए-इस्लामी ने बड़ी संख्या में अपने स्कूल और मदरसे खोले थे। कठिन परिस्थितियों पर नियंत्रण कर तब तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन ने दृढ़ निश्चय कर इन स्कूल-मदरसों को बंद कराया था। वहां पढ़ाने वाले शिक्षक और बच्चों को सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया था। जम्मू प्रतिनिधि
महाराष्ट्र में मजबूत होती भाजपा
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा ने सहयोगी संगठनों को अपने साथ जोड़कर पकड़ मजबूत बना ली है। इसमें भाजपा के पुराने सहयोगी के रूप में रिपब्लिकन पार्टी और स्वाभिमान शेतकारी संगठन आदि शामिल हैं।
इस कड़ी में भाजपा ने रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष रामदास आठवले को महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य बनाकर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को काफी हद तक अपने पक्ष में कर लिया है। साथ ही राज्य में चीनी उत्पाद वाले क्षेत्रों पर स्वाभिमानी शेतकारी संगठनों की मदद से दिन प्रतिदिन जनाधार में बढ़ोतरी हो रही है। साथ ही भाजपा व शिवसेना गठबंधन के चलते बारामती से राकापा नेता शरद पवार की बेटी सुप्रिया के खिलाफ प्रभावशाली नेता महादेवराव धनकर को उतार दिया है। भाजपा की मजबूत स्थिति को लेकर गोपीनाथ मुंडे ने दावा किया है कि वर्ष 1996 की तरह ही अब की बार लोकसभा चुनाव में भाजपा, शिवसेना और अन्य सहयोगी दल 48 में से 33 सीटों पर सफलता प्राप्त करेंगे। इसके पीछे वह नरेन्द्र मोदी की व्यापक सफल रही रैलियों का हवाला दे रहे हैं।
नागपुर से भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतिन गडकरी जिस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं से ह्यआआपाह्ण की अंजलि दमानिया चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन उनके दोगले चेहरे को देखकर नागपुर की जनता एवं मतदाता ही नहीं खुद ह्यआआपाह्ण के समर्थक भी अपनी राय बदल चुके हैं। वहीं मुंबई लोकसभा से चुनाव लड़ रही मेधा पाटकर के बयान- ह्यआआपाह्ण ने चुनावी राजनीति में कूदने में जल्दबाजी की है। उनके इस बयान से भी अफरातफरी मच गई है। वहीं राहुल गांधी के स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा उम्मीदवारों का चयन करने की नीति से माना जा रहा है कि कांग्रेस को दो लोकसभा सीटों पर द्वंद और दुविधा का सामना करना पड़ेगा। कार्यकर्ताओं में कांग्रेसी प्रत्याशी चुनने की प्रक्रिया में भी बड़े पैमाने पर हेराफेरी बताई जा रही है। इससे उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया खटाई में पड़ गई है। द. वा. आंबुलकर

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्यों का समाधान’

विश्लेषण : दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्यों का समाधान’

विश्लेषण : दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies