इधर रंग, उधर भंग
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आदित्य भारद्वाज
जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे वैसे आम आदमी पार्टी (आआपा) और कांग्रेस में अंतरकलह, उसके अपनों की नाराजगी खुलकर सामने आ रही है। आआपा को रोजाना झटके पर झटके लग रहे हैं। उसके कार्यकर्ता कई बार पार्टी में अनदेखी किए जाने को लेकर अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन कर चुके हैं। पार्टी के टिकट पर कई उम्मीदवार चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं। कांग्रेस में भी कुछ ऐसा ही घमासान मचा हुआ है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की पहली सूची में भिंड से लोकसभा उम्मीदवार भागीरथ प्रसाद ने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। राजद से रामकृपाल यादव और आंध्र के मुख्यमंत्री रहे एनटी रामा राव की बेटी डी पुरंदेश्वरी भाजपा में शामिल हो गई हैं। देश की राजनीति में बदले समीकरणों के चलते जहां संप्रग के खेमे में खामोशी छाई है, वहीं भाजपा में खुशी की लहर है। भाजपा से लगातार लोग जुड़ रहे हैं। वर्ष 1982, संजय गांधी की आकस्मिक मौत के बाद कांग्रेस में अकेली पड़ गई इंदिरा गांधी को सहायता देने के लिए राजीव गांधी एयर इंडिया की सफेद वर्दी छोड़कर खद्दर पहन चुके थे। उसी साल उन्होंने हैदराबाद का दौरा किया, हवाई अड्डे पर उन्होंने आंध्र प्रदेश के कांग्रेसी मुख्यमंत्री तंगुतूरि अंजैय्या को खुले तौर पर झाड़ दिया। अखबारों में यह खबर सुर्खियों में रही, लेकिन एक वरिष्ठ और बुजुर्ग नेता के साथ राजीव गांधी का इस तरह का व्यवहार उस दौर के तेलगू सिनेमा के सुपर स्टार स्व. नंदमुरि तारक रामाराव (एन. टी. रामाराव) को नागवार गुजरा, उन्होंने तेलगू बिड्डा यानी तेलगू स्वाभिमान का नारा दिया। उनके साथ लोग जुड़ते चले गए और तेलगूदेशम पार्टी की स्थापना हुई। आंध्र प्रदेश में चुनाव हुए उन्होंने 294 में से 199 सीटें जीतकर सरकार बनाई। अब उनकी बेटी डी पुरंदेश्वरी भाजपा में शामिल हो गई हैं। इससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। वहीं अन्ना आंदोलन से लोगों की नजरों में आए केजरीवाल दिल्ली की सत्ता पाने में कामयाब तो हो गए, लेकिन उस पर काबिज नहीं रह पाए। उनकी पार्टी में बगावत तब से ही शुरू हो गई थी, जब दिल्ली की लक्ष्मीनगर विधानसभा से आआपा विधायक बिन्नी ने मंत्रिमंडल के गठन को लेकर आपत्ति जताई थी। हालांकि तब मान मनौव्वल करके उन्हें मना लिया गया था, लेकिन जब उन्होंने खुले मंच पर आआपा को आड़े हाथ लिया तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
खुद को ईमानदार और सेकुलर बताकर सब पर कीचड़ उछालने के आदी हो चुके केजरीवाल को अब अपनों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। मशहूर हास्य अभिनेता स्व. जसपाल भट्टी की पत्नी सविता भट्टी चंडीगढ़ से आआपा के टिकट पर उम्मीदवार थीं। उन्होंने पार्टी में गुटबाजी होने की बात बोलकर टिकट वापस कर दिया, प्रख्यात नृत्यांगना और आप की सदस्य मल्लिका साराभाई ने लोकसभा चुनाव ना लड़ने का फैसला किया है। उनका कहना है कि आआपा का कोई भी पदाधिकारी उनके संपर्क में नहीं है। आआपा के संस्थापक सदस्यों में से एक वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी अब प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह काम कर रही है। वह रास्ते से भटक गई है।
ह्यआआपाह्ण नेता शाजिया इल्मी ने रायबरेली से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। रायबरेली से चुनाव न लड़ने की जानकारी उन्होंने ट्विटर पर भी डाली थी। वहीं कुमार विश्वास ने भी ट्विटर पर नाराजगी जाहिर की है। हालांकि स्पष्ट तौर पर उन्होंने कुछ नहीं कहा लेकिन उनके द्वारा जो ट्वीट किया गया उसका यही अर्थ निकाला जा रहा है। उन्होंने ट्वीट किया था कि, ह्यचढ़ती नदी में नाले गिरेंगे तो आस्थावान स्नान से भी डरेगा, आचमन तो भूल ही जाओ।ह्ण माना जा रहा है कि पार्टी से जुड़ रहे नए लोगों को ज्यादा तरजीह दिए जाने के कारण वे नाराज हैं।
पत्रकारिता छोड़कर राजनीति में किस्मत आजमाने आए आशुतोष को टिकट दिए जाने के विरोध में आआपा के कार्यकर्ता पार्टी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन और भूख हड़ताल भी कर चुके हैं। आआपा के कार्यकर्ता कई बार केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन भी कर चुके हैं। दक्षिण मुंबई से मीरा सान्याल को टिकट मिलने से ह्यआआपाह्ण नेता वीरेन शाह नाराज हैं। ल्ल
भाजपा के कुनबे में लतागार बढ़ोतरी हो रही है, मध्य प्रदेश भिंड से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी भागीरथ प्रसाद, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे स्व. एन. टी. रामा राव की बेटी डी. पुरंदेश्वरी, हरियाणा के सोहना से कांग्रेस के विधायक चौ. धर्मवीर, महर्षि दयानंद विवि के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल ओ.पी. कौशिक व नांगल चौधरी विधानसभा से इनेलो के विधायक बहादुर सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया है। वह हरियाणा में चौटाला की सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके हैं।आआपा के विधायक बिन्नी के बगावत करने के बाद, टिकट बंटवारे, अनदेखी के चलते पार्टी की नीतियों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने पार्टी छोड़ दी है। चंडीगढ़ से आप की लोकसभा उम्मीदवार सविता भट्टी ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है।
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