|
.दीनदयाल शोध संस्थानचित्रकूट में अखिल भारतीय सहयोगी कार्यकर्ता सम्मेलन सम्पन्न, चित्रकूट में 25 से 27 फरवरी तक अखिल भारतीय सहयोगी कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित हुआ। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख श्री मदनदास देवी, सच्चा बाबा आश्रम,प्रयाग के संत गोपालदास जी महाराज, रामायणी कुटी, चित्रकूट के महंत रामह्रदय दास जी महाराज, सन्त दिव्य जीवन दास जी महाराज, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजकुमार भाटिया एवं राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सुनील आंबेकर एवं महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ नरेशचन्द्र गौतम तथा दीनदयाल शोध संस्थान के उपाध्यक्ष श्री प्रभाकरराव मुण्डले, प्रधान सचिव डॉ़ भरत पाठक व संगठन सचिव श्री अभय महाजन उपस्थित थे। सम्मेलन में तीन प्रकार के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। पहले प्रकार के कार्यकर्ता वे थे,जो संस्थान से प्रेरणा लेकर कार्य कर रहे हैं। दूसरे प्रकार के कार्यकर्ताओं में वे लोग शामिल थे,जो संस्थान से प्रेरणा लेकर कार्य करना चाहते हैं। तीसरे प्रकार के कार्यकर्ता वे थे,जो संस्थान को तन-मन और धन से समय-समय पर सहयोग देना चाहते हैं। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री मदनदास देवी ने कहा कि दीनदयाल शोध संस्थान में आना ही एक प्रेरणा कार्य है। देहातों में नानाजी के कार्यों को देखने से सबसे ज्यादा प्रेरणा मिलती है। नानाजी कार्यकर्ताओं की, समाज की, प्रकल्प की, गांव की, सभी की चिन्ता करते थे। वे कहते थे कि समाज सेवा उन्हें लोगों से मिली। वे सभी से सीखने की ललक रखते थे। उन्होंने जीवन भर सीखने की प्रवृत्ति रखी। हम समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं तो समाज के सहयोगी बनकर सीखने की ललक बढ़ानी होगी, तभी हम कुछ कर पाएंगे। सम्मेलन को श्री प्रभाकर राव मुण्डले, श्री सुनील आंबेकर, संत गोपालदास महाराज, महंत रामह्रदय दास जी महाराज आदि ने भी सम्बोधित किया। उद्घाटन सत्र में दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा चलाए जा रहे स्वावलम्बन अभियान एवं स्वामी विवेकानंद सार्धशती वर्ष पर चित्रकूट में विभिन्न प्रकल्पों द्वारा किए गए कार्यों का प्रतिवेदन की पुस्तिका का लोकार्पण मंचासीन अतिथियों एवं श्री मदनदास देवी द्वारा किया गया।
सम्मेलन के दूसरे दिन कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए दीनदयाल शोध संस्थान के उपाध्यक्ष श्री प्रभाकर राव मुण्डले ने कहा कि देश को अच्छी शिक्षा की आवश्यकता है जिससे देश ज्यादा तेजी से विकास कर सके। अच्छी शिक्षा का प्रारूप दीनदयाल शोध संस्थान ने तैयार किया है। इसी को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इसी दिन देशभर से आए कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने अनुभव भी बताए। अन्तिम दिन 27 फरवरी को राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की चतुर्थ पुण्यतिथि पर श्रद्घांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रांत संघचालक श्री शंकर प्रसाद ताम्रकार, अ.भा. ग्राम विकास प्रमुख डॉ़ दिनेश, संघ के सेवा विभाग से श्री सुन्दर लक्ष्मण, यू़के़ से आए श्री नरेश चन्द्र सेठी, सतना के सांसद श्री गणेश सिंह, विद्यार्थी परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो़ मिलिंद मराठे एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्रीहरि बोरकर, संस्थान के प्रधान सचिव डॉ़ भरत पाठक, संगठन सचिव श्री अभय महाजन विशेष रूप से उपस्थित थे। इसी समारोह में ह्यविराट पुरुष नानाजीह्ण पुस्तक का ई-लांन्चिंग लोकार्पण बड़े पर्दे पर दीनदयाल शोध संस्थान के उपाध्यक्ष श्री प्रभाकर राव मुण्डले द्वारा रिमोट दबाकर किया गया। पुस्तक में समाजनीतिक नानाजी, नानाजी की शिक्षानीति एवं अर्थशास्त्री नानाजी तथा राजनीति से राष्ट्रनीति की ओर नानाजी के पूरे सफर को शामिल किया गया है। प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ