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केन्द्र सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण से ही मुसलमानों को 4.5 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कर रही है। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि पिछड़े वर्ग के नाम पर राजनीति करने वाले लालू यादव, मुलायम सिंह यादव, नीतिश कुमार, शरद यादव आदि नेताओं ने कभी भी इस आरक्षण का विरोध नहीं किया। इन नेताओं को लगता है कि यदि इस आरक्षण का विरोध किया तो मुस्लिम उनसे नाराज हो जाएंगे। यानी इन नेताओं को अपने वर्ग के हितों से ज्यादा चिन्ता अपने वोट बैंक की है। यही कारण है कि सोनिया-मनमोहन सरकार पिछडा़ वर्ग का हक काटकर मुसलमानों को देने के लिए दौड़-भाग कर रही है।
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