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एक समाचार के अनुसार अमरीका कुछ दिन पहले तक जर्मनी की वर्तमान चांसलर एंजेला मर्केल की जासूसी करा रहा था। यह बात अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के उस साक्षात्कार से भी साबित होती है,जिसमें उन्होंने कहा है कि अब मर्केल की जासूसी नहीं हो रही है। इस खुलासे के बाद जर्मनी और अमरीका के बीच दूरियां बढ़ रही थीं। अभी ये दूरियां कम भी नहीं हुई थीं कि रूसी शरण में रह रहे अमरीकी खुफिया अधिकारी एडवर्ड स्नोडेन के नए खुलासों ने अमरीका और जर्मनी के बीच तनातनी बढ़ा दी है। जर्मन मीडिया के अनुसार स्नोडेन ने खुलासा किया है कि अमरीकी खुफिया अधिकारियों ने जर्मनी के पूर्व चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर की 2002 में जासूसी की थी। एन.डी.आर. टेलीविजन ने अपनी रपट में बताया है कि श्रोएडर का नाम उन संस्थाओं और व्यक्तियों की सूची में शामिल है,जिनकी जासूसी अमरीकी नेशनल सिक्युरिटी एजेंसी ने 2002 में की थी। उल्लेखनीय है कि 2002 में चांसलर के रूप में श्रोएडर का दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ था। उस समय जर्मनी इराक पर अमरीकी हमले का विरोध कर रहा था। अमरीकी अधिकारियों का मानना है कि स्नोडेन की वजह से अब अमरीका को विदेशी खुफिया स्रोतों का नुकसान हुआ है। वहीं दूसरी ओर ब्राजील की एक सांसद वेनेसा ग्राजिओटिन ने अमरीकी खुफिया सूचनाएं उजागर करने वाले एडवर्ड स्नोडेन को नोबुल पुरस्कार देने की सिफारिश की है। उनका तर्क है कि स्नोडेन की जानकारियों ने विश्व में शान्ति स्थापित करने में योगदान दिया है। इसलिए उन्हें इस वर्ष का नोबुल पुरस्कार दिया जाए।
भारत में सबसे ज्यादा अनपढ़ वयस्क
गत दिनों संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने ग्लोबल मॉनीटरिंग रपट का हवाला देते हुए हाल ही में विश्व स्तर पर एक रपट जारी की है,जिसमें कहा गया है कि भारत ने शिक्षा के मामले में प्रगति तो की है लेकिन उसके बावजूद दुनिया में सबसे ज्यादा अनपढ़ वयस्कों की आबादी भारत में ही है, उसने पाया कि इसका कारण भारत में अमीर और गरीब के बीच शिक्षा के स्तर में भारी असमानता है।
रपट में बताया गया है कि भारत में 28़7 करोड़ अनपढ़ वयस्क हैं। यानी पूरे विश्व के 37 प्रतिशत अनपढ़ वयस्क भारत में ही हैं। रपट में जिक्र किया गया है कि भारत में साक्षरता दर 1991 में 48 प्रतिशत थी। वहीं वर्ष 2006 में यह बढ़कर 63 प्रतिशत तक पहुंच गई। हालांकि साक्षरता दर में बढ़ोतरी के बावजूद जनसंख्या बढ़ने के कारण अनपढ़ वयस्कों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। भारत को 2015 तक अपने प्राथमिक शिक्षा को व्यवस्थित करना होगा। रपट की मानें तो अगर भारत 2015 तक 95 प्रतिशत प्राथमिक शिक्षा के लक्ष्य को पा लेता है तो वह आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, फिनलैंड, फ्रंास, जर्मनी, जापान, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नार्वे, स्वीडन, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमरीका जैसे 15 देशों की सूची में शामिल हो जाएगा। तब ही वह विश्व के अन्य देशों के साथ बराबरी कर सकेगा।
संयुक्त राष्ट्र की चर्च को चेतावनी
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने एक रपट जारी करते हुए चर्च को लेकर कई चौकाने वाली बातें कही हैं। इस रपट में कहा गया है कि चर्च में बच्चों के यौन शोषण के बहुत सारे मामले उजागर हो रहे हैं। रपट में यौन शोषण के अनेक उदाहरण देकर कहा गया है कि चर्च अपने उन पादरियों को तुरन्त निष्कासित और दण्डित करे,जो बच्चों का यौन शोषण करते हैं और उन्हें नशे का आदी बनाते हैं। जो दोषी हैं उन पर मुकदमा भी चलाया जाए। यह भी कहा गया है कि पीडि़त बच्चों को समाज को सौंपा जाए। चर्च पर यह भी आरोप है कि वहां बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई पर्याप्त उपाय नहीं किया गया है। रपट में कहा गया है कि पोप फ्रांसिस ने पिछले दिसम्बर में यौन शोषण के सभी मामलों के सन्दर्भ में बिशपों और पादरियों ने क्या कार्रवाई की इसकी जांच के लिए एक आयोग क ा गठन किया था। रपट में यह भी लिखा गया है कि पिछले महीने एक सार्वजनिक सभा में पोप फ्रांसिस ने चर्च में हो रहीं इन घटनाओं के सन्दर्भ में कहा था, 'यह चर्च के लिए शर्म' की बात है। प्रस्तुति: अरुण कुमार सिंह
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