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आवरण कथा ह्यजाग रहा है देशह्ण से प्रतीत होता है कि देश का प्रत्येक वर्ग अब सही बात करने वाले लोगों को ही पसंद कर रहा है और जो समाज या राष्ट्र के खिलाफ बात कर रहे हैं उन्हें नकार रहा है। आम आदमी पार्टी के प्रशान्त भूषण जैसे नेता अपने थोड़े से लालच के लिए देश विरोधी बात करते हैं। लेकिन उनके बयान के बाद देश के प्रत्येक वर्ग से आती आक्रोश भरी प्रतिक्रियायें स्पष्ट करती हंै कि राष्ट्र को तोड़ने की बात करने वाले लोगों का इस देश में कोई भी स्थान नहीं है। यह सभी घटना क्रम बता रहे हैं, कि देश अब जाग चुका है।
-आशीष महाजन
शिवकुटी,इलाहाबाद (उ.प्ऱ)
० आज देश का युवा वर्ग जाग चुका है। वह चाहता है कि देश और समाज के स्वरूप में परिवर्तन हो। इसलिए वह उन लोगों को पसंद कर रहा है जो समाज व राष्ट्र के निवासियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। आज देश अनेकों संकटों से गुजर रहा है,ऐसे में संपूर्ण समाज को आगे आकर उनको ही देश की सत्ता सौंपनी है, जो समाज व राष्ट्र को ही सर्वोपरि समझते हों ।
-सूर्य प्रताप सिंह ह्यसोनगराह्ण
कांडरवासा (म. ़प्र.)
०आम आदमी पार्टी के नेता प्रशान्त भूषण कश्मीर के मामले पर अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। उनके लिए युवा शक्ति की चेतावनी है कि भविष्य में राष्ट्रीय विचारों से न ही खेला जाए तो ही अच्छा है, क्योंकि जिस कश्मीर के लिए वे राग अलाप रहे हैं वह भारत के ह्रदय में वास करता है। उन्होंने देश के उन लाखों सैनिकों के मनोबल व उनके देश प्रेम को ठेस पहुंचाई है, जो रात-दिन सीमा पर तैनात रहकर उसकी रखवाली करते हैं और समय-समय पर जरूरत पड़ने पर अपने प्राणों की आहुती तक दे देते हैं। देश के लोगों को ऐसे गद्दारों से सावधान रहना है जो अपने लालच के लिए अपनी भारत माता के ही टुकड़े करवाने में उनको कोई झिझक नहीं होती है।
-हरिहर सिंह चौहान
जंबरी बाग नसिया,इन्दौर (म़ प्ऱ)
० राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी क्षेत्र,जाति,प्रदेश से आता हो वह जाग रहा है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों से इसे देखा भी जा सकता है कि जनता ने उन्हें ही पसंद किया है जो राष्ट्र के प्रति पूर्णत: समर्पित हैं तथा जनता ने उन्हें नकारा है जो देश व समाज विरोधी हैं।
इन्द्रेश शुक्ल
संगम बिहार कालोनी, नजफगढ़
(नई दिल्ली)
देश विरोधी बयान
आम आदमी पार्टी के नेता प्रशान्त भूषण का बयान निंदनीय ही नहीं बल्कि देश विरोधी भावना को उजागर करता है। मिुस्लमों को खुश कर उनका वोट बैंक कैसे पाया जा सके इस सबके लिए वह इस प्रकार की बयानवाजी कर रहे हैं। करोड़ों लोगों की भावनाओं का निरादर करना उनके लिए कैसा रहेगा, यह तो आने वाला समय ही बतायेगा ।
राजन गौतम
प्रतापगढ़, (उ़ प्ऱ)
०आम आदमी पार्टी के विवादित नेताओं और उनके बयानों से स्पष्ट होता जा रहा है कि आआपा भी अन्य तथाकथित सेकुलर दलों की तरह ही कांग्रेस का ही दूसरा रूप है। दोनों का निशाना भाजपा और मोदी पर है तथा दोनों का उद्देश्य किसी भी प्रकार सत्ता को पाना है। मुस्लिमों के लिए करुण क्रन्दन करना और हिन्दुओं की पीड़ा व उनके जख्मों पर नमक छिड़कना इनका स्वभाव है। लेकिन कुछ भोले-भाले लोगों को इसकी समझ नहीं है। सभी देशवासियों को समझना चाहिए कि दोनो ही पार्टियां देश विरोधी हैं।
डॉ. सुशील गुप्ता
शालीमार गार्डन कालोनी,
बेहट बस स्टैण्ड,सहारनपुर (उ़ प्ऱ)
० इतिहास से सीखने की घड़ी में हमारे नेता इतिहास दोहराने पर अमादा हैं। प्रशान्त भूषण जैसे नेता देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत करने के अपराधी हैं। वे किस कश्मीर पर जनमत संग्रह की बात कर रहे हैं, जो स्वयं हमारा है। कुछ अलगाववादी और आतंकवादी तत्व हमारे ही घर में रहकर यह कहें कि इस घर को हमें दे दो; तो हम क्या उसे दे देंगे ? ऐसे लोगों के लिए सिर्फ गोली ही इसका जवाब है। प्रशान्त भूषण को पता होना चाहिए कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था और है और सदैव रहेगा। भारत की जनता को अब कोई भी बंटवारा पसंद नहीं है। आने वाले समय में जनता ऐसे नेताओं को आइना दिखायेगी।
-हरिओम जोशी
चतुर्वेदी नगर, भिण्ड (म़ प्ऱ)
वंशवाद को तिलाञ्जलि
हाल ही में संपन्न हुए राज्यों के विधानसभा चुनाव ने सिद्ध कर दिया है कि जनता ने वंश परम्परा की राजनीति को सिरे से नकार दिया है। जनता ने सभी प्रदेशों में जहां सकारात्मक मुद्दों और सरकार के काम को प्रथामिकता देकर उसके पक्ष में मतदान किया है वहीं कांग्रेस द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार को आइना दिखाया है। आमजन ने सभी पार्टियों को संकेत दिया है कि जिसने भी जनता के कार्यों और उनके महत्व को कम आंका या वंशवाद की परम्परा को आगे बढ़ाया उसका कांग्रेस जैसा ही हाल होगा। मात्र कोरे आश्वासनों से अब काम नहीं चलेगा। इस दिशा में ठोस कार्य करना होगा। राज्यों के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए सबक और भाजपा के लिए संदेश हंै।
-मनोहर मंजुल
पिपल्या-बुजुर्ग, प़ निमाड (म़ प्ऱ)
मोदी ही आज के नायक
आज पूरा देश श्री मोदी को सिर आंखों पर लिए हुए है। जनता का अपार स्नेह उन्हें प्राप्त है,इसको सिद्ध करने की जरूरत नहीं है। आज मोदी जहां भी जाते हैं लाखों लोगों की भीड़ उनको सुनने के लिए आसानी के साथ जुट जाती है। यह सब उस आधुनिक दौर में है,जब देश के किसी भी व्यक्ति के पास एक मिनट का भी समय नहीं है,लेकिन मोदी को सुनने के लिए लेाग घंटों लाइन में लगते हैं। यह स्नेह नहीं तो और क्या है। देश के सभी लोग कांग्रेस के भ्रष्ट शासन से परेशान हो चुके हैं,वे चाहते है कि मोदी प्रधानमंत्री बने और देश की दशा और दिशा सुधारें।
-शान्ति स्वरूप सूरी
3621 , नेहरू मार्ग झंासी (उ़ प्ऱ)
कांग्रेस का डूबता जहाज
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम से जनता ने कांग्रेस को उसके असली चेहरे से परिचय कराया है और बता दिया है कि जनता उनको कितना पसंद करती है। अपने लम्बे समय के शासन में उसने सिर्फ देश और जनता को ही लूटा है, विकास के नाम पर घोटालों की भरमार उसकी उपलब्धियों में शामिल है। आज देश उनके प्रत्येक काले करनामे से भली प्रकार परिचित है, लेकिन अब संपूर्ण देशवासियों के लिए परीक्षा की घड़ी है। हम सभी को एकजुट होकर आने वाले लोकसभा चुनाव में देश प्रेमी व समाज प्रेमी व्यक्ति का चुनाव करना है।
-राममोहन चन्द्रवंशी
विट्ठल नगर,स्टेशन रोड टिमरनी
जिला-हरदा (म़ प्ऱ)
बंगलादेश में हिन्दू उत्पीड़न
बगंलादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकांे पर आए दिन हमले हो रहे हैं पर बंगलादेश की सरकार इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही है। 5 जनवरी 2014 को बंगलादेश में हुए आम चुनावों के बाद वहां मजहबी पागलपन की लपटों में मानवता झुलस रही है, हिन्दुओं के घरों,मन्दिरों को जलाया जा रहा है। पूरे भारतीय उप महादीप में हिन्दू समाज को क्रूरतापूर्वक अमानवीय व्यहार से गुजरना पड़ रहा है, लेकिन इतना सब होने के बावजूद सभी कुछ अनदेखा कर दिया जा रहा है। भारत सरकार को सब कुछ जानकारी होने के बावजूद भी उसने बंगलादेशी सरकार से कोई ठोस बात नहीं की। लेकिन सवाल यहां इस बात का है कि अगर मुसलमानों के साथ ऐसा हो रहा होता तो क्या कांग्रेस सरकार ऐसे ही हाथ पर हाथ रखे बैठी रहती ?
– निमित जायसवाल
ई़. डब्लू. एस, रामगंगा विहार,
फेस प्रथम मुरादाबाद (उ़ प्ऱ)
० बंगलादेश मंे हिन्दुओं को समाप्त करने का दुष्चक्र रचा जा रहा है। लम्बे समय से बंगलादेशी मुसलमान हिन्दुओं को चुन-चुन कर मार रहे हैं। बहन-बेटियों की इज्जत के साथ खेला जा रहा है। घरों,मन्दिरों,दुकानों को जलाया जा रहा है। हिन्दुओं की संपत्तियों को जबरन कब्जा किया जा रहा है, लेकिन इतना सब होने के बाद भी बंगलादेशी सरकार मुंह बंद किए हुई बैठी है। एक मुसलमान की मौत पर चिल्लाने और रुदन करने वाले मानवाधिकारी संगठन भी हिन्दुओं के ऊपर अत्याचार पर चुप्पी साधे हैं। सवाल इस बात का है कि क्या उनको हिन्दुओं की मौतें नहीं दिखाई देती है ?
-सुहासिनी प्रमोद वालसंगकर
दिलसुखनगर,हैदराबाद (आं़ प्ऱ)
सपा का सैफई तमाशा
समाजवादी पार्टी ने सैफई में बेशर्मी की सारी हदे पार कर दिखा दिया है कि उसे जनता के दुख से कोई भी सरोकार नहीं है। एक तरफ मुजफ्फरनगर में भूख और सर्दी से पीडि़त लोग शिविर में अपने जीवन के सबसे बुरे दिन काट रहे हैं, तो दूसरी ओर सपा नेता कला और संस्कृति के नाम पर महोत्सव में अश्लीलता व करोड़ों रुपये लुटा रहे हैं। सवाल यहां इस बात का है कि प्रदेश की जनता के पैसों को इस प्रकार खर्च करने की इजाजत किसने दी ? प्रदेश में लाखों शिक्षित युवक-युवतियंा रोजगार की तलाश में दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं पर क्या अखिलेश सरकार को यह सब कुछ दिखायी नहीं देता?
-कुंवर वीरेन्द्र विद्रोही
सैनिक कॉलोनी,कम्पू (म़ प्ऱ)
सोनिया का थोथा सेकुलरवाद
संप्रग की अध्यक्षा सोनिया गंाधी ने अपने एक भाषण में कहा कि सर्वधर्म समभाव ही पंथनिरपेक्षता है। लेकिन उसमें साथ ही यह भी जोड़ दिया कि उदार पंथनिरपेक्षता एक लोकतांत्रिक विचारधारा है,जिसका प्रतिनिधित्व कांग्रेस करती है। साम्यवादियों की तरह एक नई क्लिष्ट शब्दावली उदार पंथनिरपेक्षता का प्रयोग कर आम जनमानस में भ्रम पैदा करने के पीछे सोनिया गंाधी का आखिर क्या तात्पर्य हो सकता है? अभी तक तो केवल सांप्रदायिकता और पंथनिरपेक्षता का ही शोर सुनाई देता था, लेकिन अब शायद चूंकि अनेक दल स्वयं को एक दूसरे से बड़ा पंथनिरपेक्षता के ध्वजवाहक होने का दावा करने लगे हैं, इसी कारण कांग्रेस को उदार पंथनिरपेक्षता के रूप में एक नई शब्दावली गढ़ कर उसका दामन थमना पड़ा है। सत्य यह है कि वास्तव में आज तक किसी ने भी उदार पंथनिरपेक्षता की कल्पना भी करना उचित नहीं समझा।
वास्तव में उदार पंथनिरपेक्षता का गूढ़ार्थ कुछ और ही है,जिसे कांगे्रस खुलकर देशवासियों को बताना नहीं चाहती । हमारे देश में हिन्दुओं के साथ मुस्लिम और ईसाई समाज के लोग भी रहते हैं। लेकिन हिन्दुओं के धर्म ग्रन्थों से इतर मुस्लिमों के मजहबी ग्रन्थ कुरान में अकिंत है कि जिसकी कुरान और पैगम्बर पर पूर्ण और निर्विवाद आस्था है,केवल वे ही उनके सहोदर बन सकते हैं साथ ही यह भी लिखा है कि जो इनको न माने वे काफिर हैं। मुस्लिमों के अलावा जो कुरान या पैगम्बर को नहीं मानता वे सभी विधर्मी और निकृष्ट हैं। उनकी इस धारणा में वे तिल भर भी परिवर्तन को तैयार नहीं हैं। साथ ही कांग्रेस में इतना साहस भी नहीं है कि वह सर्वधर्म समभाव के विपरीत उनकी इस धारणा को बदलने का अनुरोध भी कर सकें,जबकि इस देश में बहुसंख्यक हिन्दू समाज के रक्त में ही सर्वधर्म समभाव का गुण जन्म से ही विद्यमान है, जिसके कारण इन विपरीत धारणाओं का टकराव यदा-कदा हमारे देश में दिखाई पड़ता है। इन विपरीत धारणाओं के टकराव को रोकने के लिए कांग्रेस ने उदार पंथनिरपेक्षता का एक नया नुस्खा इजाद किया है। लेकिन कांग्रेस की इसके पीछे क्या मंशा है यह वही जान सकती है पर हमारे देश के मुसलमान एवं ईसाई सर्वधर्म समभाव के आचरण को अपनाएं अथवा न अपनाएं ,पर इस देश के हिन्दू समाज को किसी भी कीमत पर सर्वधर्म समभाव के आचरण को त्यागना या उससे डिगने का सोचना भी नहीं चाहिए । उन्हें सर्वधर्म समभाव के आचरण का दृढ़ता से पालन करते रहना होगा। कांग्रेस के उदार पंथनिरपेक्षता के इस गूढ़ार्थ को भली-भांति समझ कर इस देश का हिन्दू समाज वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में देश हित में अपना सहीं फैसला देगा, जिससे कांग्रेस के चेहरे पर लगा छद्म पंथनिरपेक्षता का भी मुखौटा हट जाएगा।
-परमानंद रेड्डी
डी-19 सेक्टर-1 देवेन्द्रनगर
रायपुर (छ.प्ऱ)
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