फिर चला झूठ का 'कारवां'
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

फिर चला झूठ का 'कारवां'

by
Feb 8, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 08 Feb 2014 14:43:06

एन.आई.ए. सूत्र ने कहा- जांच में स्वामी असीमानंद ने किसी वरिष्ठ संघ अधिकारी का नाम नहीं लिया
आगामी लोकसभा चुनावों में अपनी हार को तय मानकर कांग्रेस और उसकी अगुआई वाली यूपीए सरकार हिन्दुत्व और हिन्दू संगठनों क ो बदनाम करने के लिए हर तरह के छल प्रपंच का सहारा ले रही है। उनकी इस हरकत में सेकुलर नेता, तथाकथित बुद्धिजीवी और कुछ अंग्रेजी पत्र-पत्रिकाएं भी मदद कर रहे हैं। लेकिन एक नहीं, अनेक बार ऐसे प्रपंचों की असलियत सामने लायी जा चुकी है।
एक नए प्रपंच के तहत, अंग्रेजी की ह्यकारवांह्ण पत्रिका ने अंबाला जेल में बंद स्वामी असीमानंद के कथित बयान का हवाला देते हुए छापा है कि समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद और अजमेर दरगाह पर बम धमाकों की रा. स्व. संघ के तत्कालीन सरकार्यवाह श्री मोहनराव भागवत को जानकारी थी और उन्होंेने उनके लिए अपनी सहमति जताई थी। यह बात जितनी बेबुनियाद और असलियत से कोसों दूर है उतनी ही उस आशंका को पुष्ट करती है कि मौजूदा केन्द्र सरकार किसी न किसी तरह संघ क ी छवि बिगाड़ने में दिन रात जुटी हुई है। पत्रिका की मानें तो स्वामी असीमानंद से धमाकों पर कई बार की बातचीत में यह बात सामने आई थी।
इस बातचीत के आधार पर उसने रपट छापकर यह सब झूठ गढ़ा है। पत्रिका ने छापा है कि जुलाई 2005 में गुजरात के डांग में स्वामी जी की श्री मोहनराव भागवत और श्री इंद्रेश कुमार से इस योजना पर चर्चा हुई थी जिसमें श्री भागवत ने धमाकों पर अपनी सहमति दी, पर संघ का उसमें नाम न लाने की बात कही थी।
इस रपट में छपी बातों को निराधार बताते हुए संघ के अ. भा. प्रचार प्रमुख श्री मनमोहन वैद्य ने कहा कि यह सब झूठ के आधार पर गढ़ी गई रपट है। संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री राममाधव ने कहा कि सारे आरोप निराधार हैं। साक्षात्कार की प्रामाणिकता तक संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि स्वामी जी के वकील ने बयान देकर कहा है कि रपट में सब फर्जी, बेबुनियाद और मनगढ़ंत छपा है। स्वामी असीमानंद जेल में हैं। उनसे साक्षात्कार कैसे लिया जा सकता है। वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि स्वामी असीमानंद के वकील ने टेप को झूठा बताया है। यह कुटिल चाल खेलने वालों की करतूत है। शिवसेना के नेता संजय राऊत ने इसे हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को बदनाम करने क ी चाल करार दिया है। उधर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सूत्र ने बताया कि बम धमाकों के बारे में जांच के दौरान स्वामी असीमानंद ने संघ के किसी वरिष्ठ अधिकारी का नाम नहीं लिया था। पाञ्चजन्य ब्यूरो
स्वामी असीमानंद के वकील ने कहा
झूठे आरोपों के लिए पत्रिका और संवाददाता माफी मांगें
स्वामी असीमानंद के वकील जे.एस. राणा ने 5 फरवरी 2014 को प्रेस विज्ञप्ति जारी करके ह्यकारवांह्ण पत्रिका में छपी रपट की भर्त्सना करते हुए कहा है कि यह झूठी और मनगढ़ंत है। राणा लिखते हैं, ह्यद कारवांह्ण पत्रिका में लीना गीता रघुनाथ का ह्यद बिलीवर-स्वामी असीमानंद्स रेडिकल सर्विस टू द संघह्ण शीर्षक से छपा समाचार झूठ का पुलिंदा है। यह रपट साफ तौर पर न्याय प्रक्रिया में दखल देने और मानवाधिकारों और विचाराधीन कैदी के हितों का उल्लंघन करने के एक बड़े षड्यंत्र का उदाहरण है। मैं नब कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद का वकील हूं। नब कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद से स्पष्टीकरण लेने और उनके निर्देशों के तहत मैं एतदर्थ स्पष्ट करता हूं कि रपट में दी गयी सामग्री झूठी, बेबुनियाद और मनगढ़ंत है। मेरे मुवक्किल ने इनकार किया है कि उसने ऐसा कोई भी साक्षात्कार नहीं दिया था। पूरी रपट मेरे मुवक्किल की साख खराब करने के गलत इरादों वाले सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा है। स्वामी असीमानंद ने इस बात से बलपूर्वक इनकार किया है कि उनकी 2005 या उसके बाद उल्लिखित सामाजिक संगठन के वरिष्ठ नेताओं के साथ कभी कोई गुप्त बैठक हुई थी। स्वामी असीमानंद संवाददाता को चुनौती देते हैं कि वह आरोपों की सचाई सिद्ध करे अन्यथा तुरंत माफी मांगे। ऐसा न करने पर मेरे मुवक्किल पत्रिका और संवाददाता के खिलाफ सभी कानूनी कार्रवाई करेंगे।ह्ण
प्रतिक्रियाएं
यह झूठ के आधार पर गढ़ी गई रपट है।
-मनमोहन वैद्य, अ.भा. प्रचार प्रमुख, रा.स्व.संघ
रपट की प्रामाणिकता संदिग्ध है। जब स्वामी असीमानंद जेल में हैं तो उनसे साक्षात्कार कैसे लिया जा सकता है।
-राममाधव, अ.भा. सह सम्पर्क प्रमुख, रा.स्व.संघ
न स्वामी जी ने कोई साक्षात्कार दिया, न किसी से बात की। रपट में दी गई सामग्री झूठी, बेबुनियाद और मनगढ़ंत है।
-जे.एस. राणा, स्वामी असीमानंद के वकील
यह कुटिल चाल खेलने वालों की करतूत है। यह पूरी रपट निराधार है।
-रविशंकर प्रसाद, वरिष्ठ भाजपा नेता

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies