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एन.आई.ए. सूत्र ने कहा- जांच में स्वामी असीमानंद ने किसी वरिष्ठ संघ अधिकारी का नाम नहीं लिया
आगामी लोकसभा चुनावों में अपनी हार को तय मानकर कांग्रेस और उसकी अगुआई वाली यूपीए सरकार हिन्दुत्व और हिन्दू संगठनों क ो बदनाम करने के लिए हर तरह के छल प्रपंच का सहारा ले रही है। उनकी इस हरकत में सेकुलर नेता, तथाकथित बुद्धिजीवी और कुछ अंग्रेजी पत्र-पत्रिकाएं भी मदद कर रहे हैं। लेकिन एक नहीं, अनेक बार ऐसे प्रपंचों की असलियत सामने लायी जा चुकी है।
एक नए प्रपंच के तहत, अंग्रेजी की ह्यकारवांह्ण पत्रिका ने अंबाला जेल में बंद स्वामी असीमानंद के कथित बयान का हवाला देते हुए छापा है कि समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद और अजमेर दरगाह पर बम धमाकों की रा. स्व. संघ के तत्कालीन सरकार्यवाह श्री मोहनराव भागवत को जानकारी थी और उन्होंेने उनके लिए अपनी सहमति जताई थी। यह बात जितनी बेबुनियाद और असलियत से कोसों दूर है उतनी ही उस आशंका को पुष्ट करती है कि मौजूदा केन्द्र सरकार किसी न किसी तरह संघ क ी छवि बिगाड़ने में दिन रात जुटी हुई है। पत्रिका की मानें तो स्वामी असीमानंद से धमाकों पर कई बार की बातचीत में यह बात सामने आई थी।
इस बातचीत के आधार पर उसने रपट छापकर यह सब झूठ गढ़ा है। पत्रिका ने छापा है कि जुलाई 2005 में गुजरात के डांग में स्वामी जी की श्री मोहनराव भागवत और श्री इंद्रेश कुमार से इस योजना पर चर्चा हुई थी जिसमें श्री भागवत ने धमाकों पर अपनी सहमति दी, पर संघ का उसमें नाम न लाने की बात कही थी।
इस रपट में छपी बातों को निराधार बताते हुए संघ के अ. भा. प्रचार प्रमुख श्री मनमोहन वैद्य ने कहा कि यह सब झूठ के आधार पर गढ़ी गई रपट है। संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री राममाधव ने कहा कि सारे आरोप निराधार हैं। साक्षात्कार की प्रामाणिकता तक संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि स्वामी जी के वकील ने बयान देकर कहा है कि रपट में सब फर्जी, बेबुनियाद और मनगढ़ंत छपा है। स्वामी असीमानंद जेल में हैं। उनसे साक्षात्कार कैसे लिया जा सकता है। वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि स्वामी असीमानंद के वकील ने टेप को झूठा बताया है। यह कुटिल चाल खेलने वालों की करतूत है। शिवसेना के नेता संजय राऊत ने इसे हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को बदनाम करने क ी चाल करार दिया है। उधर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सूत्र ने बताया कि बम धमाकों के बारे में जांच के दौरान स्वामी असीमानंद ने संघ के किसी वरिष्ठ अधिकारी का नाम नहीं लिया था। पाञ्चजन्य ब्यूरो
स्वामी असीमानंद के वकील ने कहा
झूठे आरोपों के लिए पत्रिका और संवाददाता माफी मांगें
स्वामी असीमानंद के वकील जे.एस. राणा ने 5 फरवरी 2014 को प्रेस विज्ञप्ति जारी करके ह्यकारवांह्ण पत्रिका में छपी रपट की भर्त्सना करते हुए कहा है कि यह झूठी और मनगढ़ंत है। राणा लिखते हैं, ह्यद कारवांह्ण पत्रिका में लीना गीता रघुनाथ का ह्यद बिलीवर-स्वामी असीमानंद्स रेडिकल सर्विस टू द संघह्ण शीर्षक से छपा समाचार झूठ का पुलिंदा है। यह रपट साफ तौर पर न्याय प्रक्रिया में दखल देने और मानवाधिकारों और विचाराधीन कैदी के हितों का उल्लंघन करने के एक बड़े षड्यंत्र का उदाहरण है। मैं नब कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद का वकील हूं। नब कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद से स्पष्टीकरण लेने और उनके निर्देशों के तहत मैं एतदर्थ स्पष्ट करता हूं कि रपट में दी गयी सामग्री झूठी, बेबुनियाद और मनगढ़ंत है। मेरे मुवक्किल ने इनकार किया है कि उसने ऐसा कोई भी साक्षात्कार नहीं दिया था। पूरी रपट मेरे मुवक्किल की साख खराब करने के गलत इरादों वाले सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा है। स्वामी असीमानंद ने इस बात से बलपूर्वक इनकार किया है कि उनकी 2005 या उसके बाद उल्लिखित सामाजिक संगठन के वरिष्ठ नेताओं के साथ कभी कोई गुप्त बैठक हुई थी। स्वामी असीमानंद संवाददाता को चुनौती देते हैं कि वह आरोपों की सचाई सिद्ध करे अन्यथा तुरंत माफी मांगे। ऐसा न करने पर मेरे मुवक्किल पत्रिका और संवाददाता के खिलाफ सभी कानूनी कार्रवाई करेंगे।ह्ण
प्रतिक्रियाएं
यह झूठ के आधार पर गढ़ी गई रपट है।
-मनमोहन वैद्य, अ.भा. प्रचार प्रमुख, रा.स्व.संघ
रपट की प्रामाणिकता संदिग्ध है। जब स्वामी असीमानंद जेल में हैं तो उनसे साक्षात्कार कैसे लिया जा सकता है।
-राममाधव, अ.भा. सह सम्पर्क प्रमुख, रा.स्व.संघ
न स्वामी जी ने कोई साक्षात्कार दिया, न किसी से बात की। रपट में दी गई सामग्री झूठी, बेबुनियाद और मनगढ़ंत है।
-जे.एस. राणा, स्वामी असीमानंद के वकील
यह कुटिल चाल खेलने वालों की करतूत है। यह पूरी रपट निराधार है।
-रविशंकर प्रसाद, वरिष्ठ भाजपा नेता
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