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नेशनल कांफ्रेंस के नेता घाटी में कुछ बोलते हैं, जम्मू में कुछ, तो शेष भारत में कुछ और ही। केन्द्रीय मंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के सर्वेसर्वा फारुख अब्दुल्ला दिल्ली में कहते हैं जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। जब वे कश्मीर घाटी में होते हैं तो कुछ और बोलते हैं। नेशनल कांफ्रेंस के अन्य नेता भी ऐसे ही बयान देने में माहिर हैं। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव शेख नजीर अहमद ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को एक स्वतंत्र राज्य का स्थान मिलना चाहिए। शेख यही नहीं रुके उन्होंने घाटी में तैनात भारतीय सैनिकों की भी तीव्र आलोचना की। शेख नजीर के इस बयान के बाद भाजपा और अन्य राष्ट्रवादी संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इन लोगों ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे उमर सरकार को बर्खास्त करे और देश के कानून को चुनौती देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। उल्लेखनीय है कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता इस तरह के बयान पहले भी देते रहे हैं। स्व. शेख अब्दुल्ला ऐसे बयानों के जरिए ही अपनी राजनीति चमकाते थे। उनकी मृत्यु के 25 साल बाद भी नेशनल कांफ्रेंस के नेता उन्हीं का अनुकरण कर रहे हैं और जब तब भारत और भारतीय सैनिकों के खिलाफ बयान दे डालते हैं। चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए ऐसे देश विरोधी बयान दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस की संयुक्त सरकार है। नेशनल कांफ्रेंस ने लोकसभा चुनाव के लिए कश्मीर घाटी के तीनों क्षेत्रों के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। राज्य के शेष तीन लोकसभा क्षेत्रों में से कुछ कांग्रेस को दिया जाएगा या नहीं यह भी साफ नहीं है। चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन न करने के लिए ही नेशनल कांफ्रेंस के नेता उलटे-सीधे बयान दे रहे हैं। यह समय बताएगा कि राज्य में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस मिलकर चुनाव लड़ती हैं या अलग-अलग, पर नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं के बयान कुछ और ही कह रहे हैं। वरिष्ठ संवाददाता
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