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चीन ने कैलास मानसरोवर की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए यात्रा शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है। चीन की सीमा में स्थित कैलास मानसरोवर की यात्रा के लिए तीर्थ यात्रियों को अब 100 अमरीकी डॉलर ज्यादा चुकाने होंगे। इसके बाद ही उन्हें चीन अपनी सीमा में यात्रा करने की अनुमति देगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 2013 तक कैलास मानसरोवर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को यात्रा शुल्क के तौर पर चीन को 801 अमरीकी डॉलर चुकाने पड़ते थे। इस बार चीन की सरकार ने श्रद्धालुओं से लिए जाने वाले शुल्क में 100 डॉलर की बढ़ोतरी कर दी है। इस तरह इस वर्ष कैलास मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को 901 डॉलर देने होंगे। इसके अलावा यात्रा पर जाने के खर्चे में कोई बदलाव नहीं हुए हैं। कुमाऊं मंडल विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधनक डी.के. शर्मा के अनुसार, इस बार चीन ने उसकी सीमा में स्थित कैलास मानसरोवर यात्रा के रास्ते के लिए अनुमति देने के बदले में प्रति यात्री 901 डॉलर लेने की बात कही है। कुमाऊं मंडल विकास निगम कैलास मानसरोवर जाने वाले सभी तीर्थ यात्रियों का पूरा ध्यान रखता है। उन्होंने बताया कि कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए इस वर्ष की तैयारियां की जा रही हैं। इस बार 60-60 तीर्थ यात्रियोंे के 18 जत्थों की कैलास मानसरोवर की यात्रा करने की संभावना है। वहां जाने के लिए इच्छुक श्रद्धालु संबंधित विभाग से आवेदन फार्म प्राप्त कर सकते हैं।
कैसे पहुंचें कैलास मानसरोवर
कैलास मानसरोवर यात्रा का आयोजन विदेश मंत्रालय हर साल करता है। सरकार साठ यात्रियों का समूह 16 गुटों में 29 मई से 26 सितम्बर के बीच भेजती है। हर गुट की यात्रा अवधि 28 दिन की होती है। एक यात्री 25 किलो ग्राम तक का सामान ले जा सकता है। 18 से 70 वर्ष के बीच के लोग ही यात्रा कर सकते हैं। यात्रा के लिए शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ होना चाहिए।
कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग
हल्द्वानी- कौसानी – बागेश्वर – धारचूला – तवा घाट – पांगू – सिरखा – गाला – माल्पा – बुधि – गुंजी – श्काला पानी – लिपू लेख – दर्रा – तकला कोट – जैदी – बरखा मैदान – तारचेन – डेराफुक – श्री कैलास पर्वत।
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