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कल्याण आश्रम की महाराष्ट्र शाखा द्वारा पुणे में 19 जनवरी को कल्याण आश्रम के संस्थापक बालासाहब देशपाण्डे जी की जन्मशती के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह श्री दतात्रेय होसबले व अ़भा़ वनवासी कल्याण आश्रम के उपाध्यक्ष श्री कृपा प्रसाद सिंह ने किया।
श्रद्घेय बालासाहब के कार्यों की चर्चा करते हुए श्री दतात्रेय होसबले ने कहा कि बालासाहब देषपाण्डे एक ऐसे समाज शिल्पी रहे जिन्हांेने वनवासी क्षेत्र में न केवल सेवा कार्य का विस्तार किया, बल्कि वनवासी समाज में जागृति व संगठन का कार्य भी प्रमाणिकता से किया। उन्होंने पूर्वांचल के हप्सिन राय,एनसी जेलियांग आदि सामाजिक नेताओं को कल्याण आश्रम से जोड़ा। नागा रानी गाइदिन्ल्यू को प्रथम अ़भा़ महिला सम्मेलन में भिलाई में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया। रानी ने कार्यक्रम में भाग लेकर न केवल प्रसन्नता व्यक्त की, बल्कि कल्याण आश्रम के कार्य के साथ जुड़ गईं। मिजोरम,मेघालय,मणिपुर, अरुणाचल,अन्दमान प्रायद्वीप जैसे दुर्गम क्षेत्रों में कल्याण आश्रम के सेवा प्रकल्प प्रारंभ कराए। चाहे जंगल की सुरक्षा का विषय हो या महिला विकास का मुद्दा हो, कन्या शिशुओं की सुरक्षा, भूतप्रेत का विषय हो ऐसे सभी विषयों पर वनवासी समाज में जागृति लाने का प्रयास।
श्री कृपा प्रसाद सिंह ने शताब्दी वर्ष में सभी 374 वनवासी जिलों में सेवा का संदेश पहुंचाने का आह्वान किया। इसके लिए नगर के युवा स्नातक, स्नातकोत्तर,डाक्टरों, इंजिनीयरों को वनवासी ग्रामों के लिये समय देने की अपील की। नगर के उद्योगपतियों को सेवा कार्य हेतु संसाधन जुटाने का आह्वान किया। स्वामी विवेकानन्द सार्द्धशती के कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि कल्याण आश्रम की देखरेख में 2500 स्वास्थ्य शिविर आयोजित हुए। इनमें 20,96,716 रोगियों की चिकित्सा की गई। 82 जनजातीय सम्मेलनों में 34 लाख वनवासी बन्धुओं ने भाग लिया। 32 प्रान्तों में 15 जून से 15 सितम्बर 2013 की अवधि में 16 लाख पौधे लगाए गए । इन कार्यक्रमों में पर्यावरण की रक्षा,जनजातीय धर्म संस्कृति का संवर्द्घन, कन्या शिशुओं की शिक्षा, स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं के संवर्द्घन का एक प्रभावी प्रयास हुआ। घर-घर में सम्पर्क के क्रम में 45,30,116 घरों में स्वामी जी का चित्र व संदेश पहंुचाया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री दिलीप भाई मेहता, मुख्य अतिथि श्री कृष्ण कुमार गोयल व श्री एस़के. जैन तथा श्री फतेहचन्द्र रांका ने भी आश्रम की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
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