राजनीति से गायब होती हिन्दू वेदना
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

राजनीति से गायब होती हिन्दू वेदना

by
Jan 18, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 18 Jan 2014 14:19:19

$img_title

-तरुण विजय-

भारत के गृहमंत्री पर देश के प्रत्येक नागरिक की रक्षा और उसे न्याय देने का दायित्व है, वही यदि साम्प्रदायिक भाषा बोलकर यह घोषित करने लगे कि केवल एक मजहब को मानने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करने से पहले सोचा जाए यानी कि परोक्ष रूप से उनके प्रति विशेष ध्यान रखा जाए तो बाकी समाज की चिंता कौन करेगा? इस सम्पूर्ण भारतीय उप-महाद्वीप में सबसे ज्यादा क्रूरता और अमानुषिक प्रहार हिन्दुओं पर हो रहे हैं। जिस महाद्वीप को भारतीयों के नाम से जाना जाता था और यही उसकी पहचान थी, उसे पश्चिम के षड्यंत्र से दक्षिण-एशिया नाम दे दिया गया। और अब इस क्षेत्र की पूरी पहचान भारत नहीं, बल्कि दक्षिण-एशिया के रूप में बनायी गई।
बामियान से लेकर बोरबोदूर तक कभी हिन्दू सभ्यता, संस्कृति और उनके विश्वविद्यालयों का बोलबाला था। लेकिन आज एक हिन्दू की क्या स्थिति है? इसकी कल्पना इसी बात से की जा सकती है कि अफगानिस्तान में वह समाप्तप्राय: है, पाकिस्तान में उसे दूसरे दर्जे का नागरिक बना दिया गया है जहां उसके जबरन मतांतरण और निकाह की खबरें हर रोज आती हैं, नेपाल से हिन्दू-हित रक्षा की बात बहिष्कृत कर दी गई है तथा दुनिया के एकमात्र हिन्दू राष्ट्र होने का जो संवैधानिक अलंकरण था उसे भी समाप्त कर दिया गया। श्रीलंका में लाखों तमिल हिन्दू सिंहली-लिट्टे संघर्ष के कारण उद्धवस्त हो गए और बंगलादेश में उन पर लगातार अत्याचारों का सिलसिला जारी है।
मालदीव कभी हिन्दुओं का द्वीप था जो कालांतर में बौद्ध हुआ और कुछ ही समय पहले मोरक्को के व्यापारियों ने वहां कब्जा कर वहां के लोगों को इस्लाम में परिवर्तित कर दिया। वह भी अब भारत विरोधी तेवर दिखा रहा है।
हाल ही में बंगलादेश में संसदीय चुनाव हुए हैं जिनका पाकिस्तान समर्थक बेगम खालिदा की पार्टी बीएनपी (बंगलादेश नेशनलिस्ट पार्टी) ने बहिष्कार किया और एकपक्षीय चुनाव में भारत मित्र कही जाने वाली बेगम शेख हसीना वाजेद की अवामी लीग पुन: सत्ता में आ गई। लेकिन इस दौर में दो सौ से अधिक हिन्दुओं के मारे जाने के समाचार हैं। खुलना, बारीसाल, ढाका और उसके आसपास चटगांव जैसे नगरों में हजारों हिन्दू घर लूटे गए, स्त्रियों का मानभंग किया गया और हत्याएं की गईं। लगभग हर दिन बंगलादेश के ऐसे समाचार भारत के विभिन्न समाचार पत्रों में भी छपते रहे। लेकिन पिछले दो महीने से हो रही इस हिंसा के बारे में भारत के एक भी इलेक्ट्रॉनिक चैनल पर न तो कोई चर्चा की गई और न ही राजनीति दलों में इसे लेकर कोई प्रतीकात्मक आक्रोश या असंतोष ही प्रकट हुआ।
1971 में बंगलादेश मुक्ति संग्राम के समय पाकिस्तान समर्थक जमाते इस्लामी के जिहादियों ने बंगलादेश समर्थक मुस्लिमों, विशेषकर हिन्दुओं पर अमानुषिक अत्याचार किए थे और अमरीकी पत्रकारों की जांच के अनुसार, लगभग 12 से 15 लाख हिन्दू मार डाले गए थे। उन अपराधों की जांच और उन अपराधियों को सजा दिलाने के लिए 2009 में बंगलादेश सरकार ने एक अन्तरराष्ट्रीय युद्ध अपराध जांच आयोग गठित किया। इस आयोग ने गत वर्ष कादिर मुल्ला नामक जमाते इस्लामी के नेता को आजन्म कारावास की सजा दी, जो बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने फांसी की सजा में तब्दील कर दी। सारे बंगलादेश में विजयोत्सव जैसा जश्न मनाया गया, लेकिन परिणाम भुगतना पड़ा हिन्दुओं को। उनके घर जला दिए गए, हजारों हिन्दू स्त्रियों का बलात्कार किया गया, केवल बीस दिनों में 70 हिन्दू मंदिर तोड़े गए। यह सब सरकार के सामने जमाते इस्लामी के लोगों ने किया। चटगांव, खुलना, रंगपुर, बारीसाल, राजशाही, ढाका, सिल्हट में विशेष रूप से कहर ढाया गया। इन अत्याचारों के विरोध में ढाका स्थित अमरीकी राजदूत ने बंगलादेश सरकार से कहा कि वह हिन्दुओं पर होने वाले इन हमलों को तुरंत रोके, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर पायी और हिन्दुओं पर हमले लगातार जारी रहे।
न्यूयार्क से प्रकाशित टाइम्स पत्रिका ने 14 जनवरी के अंक में जोसेफ अल्चिन की रिपोर्ट छापी जिसमें बंगलादेश के हिन्दू समाज में व्याप्त आतंक और हताशा का भयावह चित्रण किया गया है। उन्होंने सात्खीरा जिले से सुभाष घोष का साक्षात्कार छापा है। उनके पुरखों का घर जमाते इस्लामी के मुस्लिम जिहादियों की भीड़ ने जला दिया। 63 वर्षीय सुभाष घोष ने रोते हुए बताया कि बंगलादेश में कुछ भी होता है तो उसका आघात हिन्दुओं को झेलना पड़ता है। इस वर्ष 5 जनवरी को चुनाव हुए और उसके परिणाम शेख हसीना के समर्थन में यदि गए तो इसका दोषी हिन्दुओं को माना गया। उनके घर जला दिए गए। गत वर्ष 12 दिसंबर को कादिर मुल्ला को फांसी दी गयी थी। तब से अब तक ऊपर लिखे गए जिलों में 9 बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं क्योंकि जिन मुहल्ले और गलियों से गुजरते हुए स्कूल जाना पड़ता है, उनमें मुस्लिम आबादी है और वहां से गुजरते हुए हिन्दू बच्चे आक्रमण से आशंकित रहते हैं।
भारत के भीतर और बाहर चारों ओर हिन्दुओं पर आक्रमण बढ़ रहे हैं तथा उनकी आबादी घट रही है। लेकिन इस बारे में सबसे अधिक संवेदनहीनता तथा उपेक्षा  का व्यवहार करने वाले यदि कोई हैं तो वे भारत के राजनेता और सेकुलर पत्रकार हैं। अमरीकी पत्रिकाओं के संवाददाता बंगलादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार की रिपोर्ट लेने जा सकते हैं, लेकिन भारत के मीडिया घरानों से कोई भी संवाददाता पड़ोसी देशों में इन घटनाओं की रिपोर्ट के लिए नहीं गया। राजनेता भी फिलहाल हिन्दू वेदना पर चर्चा करना चुनावी फायदे का विषय नहीं मानते।  

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies