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० भाजपा ने प्रशान्त भूषण के विवादास्पद बयान की कडी निंदा की
० ऐसे बयानों से राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है
कश्मीर में जनमत संग्रह को लेकर अपनी किरकिरी करा चुके आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण दोबारा विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर जनमत संग्रह कराने की मांग की है। भूषण के पिछले बयान से उनकी ही अपनी पार्टी ने यह कहते हुए दूरी बना ली थी कि यह उनका व्यक्तिगत बयान है। भाजपा ने प्रशान्त भूषण के विवादास्पद बयान की जमकर निन्दा की है। भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस तरह के बयानों से राज्य सरकारों की मदद से नक्सलवाद की समस्या के निपटारे की कोशिश में लगे केंद्र के प्रयास कमजोर होंगे और सुरक्षा बल हतोत्साहित होंगे। पार्टी ने नेतृत्व और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मुद्दे पर अपना रुख साफ करने की मांग की है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि देश की जनता प्रशांत भूषण के बयानों से चकित है। उनके बयानों से राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है उन्होंने कल ही नक्सल प्रभावित इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर जनमत संग्रह कराने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खुद ही नक्सलियों को देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा बताया है, तो इस तरह के बयान देश के लिए अच्छे नहीं हैं। सीमारमण ने कहा, ह्यभारत सरकार के खिलाफ युद्घ कर रहे माओवादियों और नक्सलियों से जूझ रहे सुरक्षा बलों को हतोत्साहित करने का हमें कोई हक नहीं है।
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