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० दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लवली ने कहा आप का रवैया मनमाना
खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में कांग्रेस सरकार के पुराने फैसले को पटलकर दिल्ली में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के रोक लगाने पर केजरीवाल सरकार और कांग्रेस आमने सामने आ गई हैं। कांग्रेस के नेताओं ने इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि यह फैसला छोटे दुकानदारों के हित में किया गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई देश नहीं है, जहां पर खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आने से बेरोजगारी खत्म हुई हो। यदि ऐसा किया गया तो इससे छोटे दुकानदार जरूर खत्म हो जाएंगे। इस बारे में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली का कहना है कि एक अल्पमत सरकार की तरफ से एक दिन प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की स्वीकृति वापस लेने की चिट्ठी सरकार का मनमाना रवैया है। वह नहीं समझते कि इस चिट्ठी की कानूनी मान्यता है। हम विधानसभा में मामले की चर्चा की मांग रखेंगे। लवली के अलावा कांग्रेस विधायक दल के नेता हारून यूसुफ और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने भी इस फैसले की आलोचना की है।
यूसुफ ने कहा कि यह कोई तानाशाही नहीं है। पुरानी सरकार के फैसले को यूं पलटा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा हमने ह्यआम आदमी पार्टी ह्ण को सरकार बनाकर वायदे पूरे करने के लिए समर्थन दिया है न की अराजकता फैलाने के लिए। जिस प्रक्रिया के तहत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को स्वीकृति दी गई थी, उसी प्रकिया को अपनाए बिना पुरानी सरकार के फैसले पर रोक लगाना कानूनी नहीं है। उन्होंने कहा जबकि केजरीवाल सरकार हर मामले में जनमत संग्रह कराती है तो इस मामले में उन्होंने किसी से पूछना उचित क्यों नहीं समझा।
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