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गत 5 जनवरी को कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में स्वामी विवेकानन्द सार्द्धशती समारोह का भव्य समापन समारोह आयोजित हुआ। सबसे पहले शोभा यात्रा निकाली गई। इसमें दक्षिण बंगाल के 11 जिलों के हर वर्ग और हर उम्र के लोगों ने भाग लिया। बच्चे-बूढ़े,महिला-पुरुष,युवक-युवती सभी हाथ में भगवा झण्डा लेकर चल रहे थे। इस यात्रा में एकल विद्यालय के आचार्य, कार्यकर्ता और छात्रों ने भी भाग लिया। उल्ल्ेाखनीय है कि एकल विद्यालय के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं। शोभा यात्रा में गायत्री परिवार ने भी हिस्सा लिया। तीन स्थानों से यह यात्रा प्रारंभ हुई और प्रमुख मार्गों से होते हुए अन्त में तीनों यात्राएं शहीद मीनार मैदान पहुचीं। यात्रा में स्वामी विवेकानन्द सार्द्धशती समारोह समिति के महामंत्री श्री अनिरुद्ध देशपाण्डे,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य श्री सुनीलपद गोस्वामी,पूर्व क्षेत्रीय कार्यवाह श्री सत्यनारायण मजुमदार,प्रान्त संघचालक श्री अतुल विश्वास, प्रान्त प्रचारक श्री रमापद पाल सहित अनेक लोग शामिल हुए। समापन समारोह के मंच पर बंगला साहित्यकार श्री संजीव चट्टोपाध्याय, आद्यपीठ आश्रम के प्रमुख ब्रह्मचारी मुराल भाई, वैज्ञानिक डा. अनिल काकोदकर,गायत्री परिवार के प्रमुख डा.प्रणब पण्ड्या,श्री सज्जन भजनका,स्वामी दिव्यानन्द,डा. स्वरूप घोष आदि विराजमान थे। सभा को सम्बोधित करते हुए डा. अनिल काकोदकर ने कहा कि स्वामी विव्ेाकानन्द की इच्छा थी कि हमारा देश हर क्षेत्र में प्रगति करे। डा. प्रणब पण्ड्या ने कहा कि अब भारतीय संस्कृति को विश्व पटल पर छा जाने का समय आ गया है। श्री अनिरुद्ध देशपाण्डे ने कहा कि सार्द्धशती समारोह का हर कार्यक्रम बहुत ही सुन्दर रहा। यह स्वामी विवेकानन्द के प्रति भावनात्मक लगाव का द्योतक है। इनके अलावा अनेक लोगों ने समारोह को सम्बोधित किया। बासुदेब पाल
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