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सरदार वल्लभभाई पटेल की 63वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार व गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर केरल में 'एकता के लिए दौड़' का आयोजन किया गया। कोट्टायम में हरी झंडी दिखाकर इसे मुख्य सचेतक और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. सी. जॉर्ज ने रवाना किया। इसके बाद से केरल कांग्रेस में एक नया राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। इस अवसर सैकड़ों लोगों ने दौड़ में हिस्सा लिया, जो कि गुजरात में सरदार पटेल की प्रतिमा लगाए जाने वाले संकल्प का हिस्सा है।
केरल के भी विभिन्न केन्द्रों पर दौड़ का आयोजन किया गया। तिरुअनंतपुरम में शिवगिरी धर्मसंघ ट्रस्ट के स्वामी गुरुप्रसाद ने दौड़ को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर केरल भाजपा अध्यक्ष वी. मुरलीधरन भी उपस्थित रहे। वहीं केरल में यूडीएफ सरकार, कांग्रेस, युवा कांग्रेस समेत अन्य घटक दलों ने पी. सी. जॉर्ज की कड़ी निंदा की। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय और राज्य स्तर के नामी नेताओं ने जॉर्ज का बचाव किया है। जॉर्ज में वैसे भी राहुल गांधी की नीतियों को लेकर काफी गुस्सा भरा हुआ था। लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जॉर्ज की उपस्थिति को अपराध से कम नहीं मान रहे हैं और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पंडलम सुधाकरन ने कहा कि कांग्रेस को तुरंत जॉर्ज के खिलाफ कदम उठाना चाहिए। उनके इस कदम से कांग्रेसी खेमे में डर बन गया है कि ऐसे में नरेन्द्र मोदी के पक्ष में केरल में माहौल बन गया है। वैसे ही सरदार पटेल के विषय पर भाजपा और यूपीए सरकार आमने-सामने खड़े हैं।
कार्यक्रम में जॉर्ज मंच पर श्री मोदी के साथ भगवा पट्टी पहने दिखाई पड़े जिससे कांग्रेसियों में खासी हलचल मची हुई है। हालांकि जॉर्ज इस विषय पर बिलकुल निर्भीक बने हुए हैं। उनका कहना है कि यदि भाजपा के आह्वान पर वे सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में चले भी गए तो उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हैं न की कोई ऐसा व्यक्तित्व जिनसे परहेज करना चाहिए। उनका कहना है कि ह्यलौह पुरुषह्ण के लिए उन्हें पार्टी में किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
भाजपा इस मामले में जॉर्ज का पूरी तरह से समर्थन कर रही है। भाजपा की वरिष्ठ नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि इस सवाल को करने वालों से ही सवाल किया जाना चाहिए। वहीं मुरलीधरन ने कहा कि हम श्री मोदी और उनके कार्य की सराहना करने वालों का स्वागत करते हैं। केरल प्रदेश भाजपा के महासचिव के. सुंदरन ने कहा कि जो लोग पहले श्री मोदी पर चौतरफा हमला कर रहे थे, अब वे ही लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं।
हिन्दुओं को उनके मंदिरों से दूर करने में जुटे रामेश्वरम के मुस्लिम
तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित रामनाथ स्वामी के मंदिर में दर्शन करने के लिए काशी से आने वाले हिन्दू श्रद्धालुओं का सपना अधूरा रह जाएगा। रामेश्वरम द्वीप के गांवों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने से यह स्थिति बन गई है। दरअसल यहां मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने की वजह से जमात परिषद ने यह फतवा जारी किया है।
इससे अथियुथू, पुथुवावलसाइ, पानीकुलम्र अजगानकुलम और सिर्द्धाकोट्टी गांवों के लोगों ने मिलकर जमात परिषद का गठन किया और गांवों के बाहर सूचनार्थ बोर्ड लगाकर बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी के निर्देश लिख दिए हैं।
इन सभी गांवों में एक अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है। बैनर, पोस्टर और पर्चे बांटकर बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई गई है जिसका आदेश मुस्लिम जमात थाजुल इस्लाम संघ पोट्टकवालय की ओर से जारी किया गया है। सिविल इंजीनियर से नेता बने एन. सूर्यप्रकाश ने बताया कि यहां पिछ ले 10 वर्षों से मुस्लिम नेता ही विधानसभा में चुनकर आ रहे हैं।
रामेश्वरम द्वीप में ही पंबन स्वामी का तीर्थ स्थान है, जो कि एक महान संत थे। वहां भी बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही बोर्ड पर महिलाओं को यहां आने की मनाही का आदेश भी लिखा गया है।
यहां पर प्रेम, करुणा, दया और समानता का उपदेश देने वाले पंबन स्वामी की समाधि है, जहां श्रद्धालु आते हैं, लेकिन अब हिंदू समुदाय को जिले में बढ़ती इस्लामी अतिवाद का डर लगता है। वर्ष 2008 में द्रमुक शासन के दौरान कुछ मुस्लिम युवकों ने वेथालई गांव में चप्पलों के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया़ था। तमिलनाडु पुलिस के पूर्व महानिदेशक आर. नटराजन का कहना है कि वह इस तरह के बोर्ड लगाने वालों का पता लगा रहे हैं।
कुछ मुस्लिम युवकों ने मुनिस्वर्णकोइल मंदिर के सामने एक गाय को काट दिया था। इस पर जमात परिषद के अध्यक्ष का कहना है कि वे असहाय हैं क्योंकि मुस्लिम युवक उनकी बात नहीं सुनते हैं। वहीं रामनाथपुरम में भाजपा नेता सूबा नागराजन का कहना है कि मुस्लिम वर्ष 1981 से हिन्दुओं को क्षति पहंुचाते आ रहे हैं। यहां बड़ी तेजी से हिन्दुओं का मतांतरण और तस्करी हो रही है। जुलाई, 2013 में हिन्दू नेता वेल्लियापन की हत्या करने वाले पन्ना इस्माइल और बिलाल मोहम्मद भी जेल से छूटकर बाहर आ गए हैं जिन पर पुलिस को निगरानी रखनी चाहिए।
कुप्पुरामू के अनुसार रामनाथपुरम में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में 50 फीसदी प्रतिष्ठानों पर मुस्लिमों का स्वामित्व में है। किसी हिन्दू को यहां व्यवसाय शुरू करने से पहले मुस्लिमों से अनुमति लेनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जब पुलिस अधीक्षक से मिलने का प्रयास किया गया तो उनका प्रयास सफल नहीं हो सका क्योंकि अधिकारी ने व्यस्तता के चलते मिलने से मना कर दिया। हिन्दू मुनानी नेता शिवा थवासिमानी का कहना है कि मुख्यमंत्री जयललिता ही इस कट्टवारी उलझन को दूर कर सकती हैं। स्पेशल इंनवेस्टिगेशन डिविजन (विशेष जांच खंड) बनाकर इस समस्या को हल किया जा सकता है। फिलहाल जिले में रहने वाले हिन्दू समुदाय के लोग भगवान राम के प्रसिद्ध रामनाथ स्वामी मंदिर तक नहीं पहंुचने की स्थिति को लेकर काफी परेशान और घबराए हुए हैं। प्रदीप कृ ष्णन
लड़कियों से यौन अपराध कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़
मंगलौर के अलापुजा इलाके में पुलिस ने यौन अपराधों में लड़कियों को धकेलने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह में कुल आठ लोग शामिल बताए जाते हैं। पुलिस का दावा है कि गिरोह के चंगुल में फंसी ज्यादातर लड़कियां गरीब परिवारों हैं। उन्हें धोखे से व धमकी देकर इस काम में धकेला गया है। पुलिस के हत्थे चढ़े सभी आरोपियों की आयु 21 से 24 वर्ष है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी पुलिस ने तिरुअनंतपुरम में पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था। जहां एक चैरिटी होम की आड़ में यौन अपराध कराए जा रहे थे। इस गिरोह की सरगना एक नन थी।
मंगलौर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान शमसुद्दीन, रऊफ, हरशद, समीर, इकबाल, हुसैन, नवाज और नासिर के रूप में हुई। यह गिरोह केरल और कर्नाटक सीमा पर सक्रिय रहकर काम करता था। पुलिस का कहना है कि पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर पुलिस यह जानने की कोशिश में जुटी है कि गिरोह से अभी तक कितनी लड़कियों को इस धंधे में धकेला है। अंदाजा है कि गिरोह के चंगुल में करीब 17 सौ लड़कियां हैं। अभी तक की पूछताछ में पता चला है कि गरीब परिवारों की कई लड़कियों को गिरोह बेच भी चुका है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर गिरोह की जड़ों तक जाने की कोशिश में जुटी है जिससे देह व्यापार में धकेली गई लड़कियों को मुक्त कराया जा सके।
आदर्श घोटाले में राज्यपाल के फैसले को चुनौती
मुंबई के बहुचर्चित आदर्श घोटाले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति नहीं देने पर महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले को बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। पूर्व पत्रकार केतन तिरोड़कर ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर न्यायालय ने राज्यपाल के शंकरनारायण के आदेश को रद्द करने की मांग की है। इस बारे में वरिष्ठ भाजपा नेता एम वैंकैया नायडू का कहना है कि राज्यपाल ने आदर्श घोटाले में अशोक चव्हाण पर मुकदमा चलाने की अनुमति न देकर संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन किया गया है। शंकरनारायणन को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं। उन्हें तत्काल वापस बुलाया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि आदर्श घोटाले में नाम सामने आने के बाद अशोक चव्हाण को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सीबीआई ने राज्यपाल से चव्हाण के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्होंने इसकी अनुमति नहीं दी, जबकि महाराष्ट्र सरकार के दो सदस्यीय जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में चव्हाण को पक्षपात का दोषी करार दिया था।
येदियुरप्पा की होगी भाजपा में वापसी
जपा के शीर्ष नेतृत्व ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की संगठन में वापसी को हरी झंडी दे दी है। कर्नाटक प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता ने के. एस ईश्वरप्पा ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। ईश्वरप्पा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने पार्टी में लौटने के लिए कोई मांग नहीं की है। उन्होंने कहा है कि वह एक ही एजेंडा के साथ पार्टी में लौटेंगे कि नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है, हम इसका स्वागत करते हैं।
उल्लेखनीय है कि येदियुरप्पा ने करीब एक वर्ष पहले भाजपा छोड़ दी थी और कर्नाटक जनता पक्ष ((केजेपी)) का गठन किया था। उन्होंने भी पार्टी में लौटने के संकेत दिए हैं। केजेपी ने कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनावों में दस फीसदी वोट पाया था और दक्षिण भारत में भाजपा की पहली सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था। इस चुनाव में केजेपी को महज छह सीटें मिलीं जिसके चलते इसकी अलग पहचान नहीं बन सकी। ईश्वरप्पा ने कहा कि उन्होंने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से बीएसआर कांग्रेस के नेता बी. श्रीरामुलू के भाजपा में लौटने पर भी चर्चा की है। श्रीरामुलू ने भी भाजपा से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई थी। कर्नाटक में विधानसभा चुनावों में इसे चार सीटें मिली थीं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने श्रीरामुलू के लौटने के बारे में अभी कोई संकेत नहीं दिया है। पाञ्चजन्य ब्यूरो
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