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दूध में मिलावट को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने कड़ा नजरिया अपनाया है। इसी कड़ी में गत दिनों सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वह दूध में मिलावट करने वालों के खिलाफ आजीवन कारावास का कानून बनाएं। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार अपने कानून में संशोधन कर मिलावटी दूध बनाने और कारोबार करने वालों के खिलाफ जो अभी कानून है, उसमें संशोधन कर उसे आजीवन कारावास में बदलें। न्यायाधीश के़ एस राधाकृष्णन और ए़ के सिकरी की पीठ ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बिक रहे मिलावटी दूध को ध्यान में रखते हुए कहा कि इनमें रासायनिक चीजोंे के मिलावट के कारण यह सेहत के लिए जानलेवा है। उल्लेखनीय है कि मिलावटी खान-पान को लेकर जो अभी खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता कानून है, उसके तहत अधिकतम 6 महीने की ही सजा हो सकती है। न्यायालय ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया जिसमें 2011 में मिले दूध के नमूनों में भारी मात्रा में मिलावटी पदार्थ मिले थे।
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