केसरिया हुई गुलाबी नगरी
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

केसरिया हुई गुलाबी नगरी

by
Dec 14, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 14 Dec 2013 15:11:40

.

 राजस्थान में भाजपा की ऐतिहासिक जीत  
17 जिलों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला

आठ दिसम्बर की सुबह जब चुनाव परिणामों के रूझान आने लगे तब भी प्रदेश ही नहीं, देश में भी किसी को इस बात का अनुमान नहीं था कि राजस्थान विधानसभा का अस्सी फीसदी से अधिक भाग केसरिया रंग में रंगा नजर आयेगा। भारतीय जनता पार्टी के इस भयंकर तूफान के आगे बड़े-बड़े कांग्रेसी दिग्गज धराशाई हो गए। प्रदेश की राजनीति में ऐसा प्रचण्ड जनसमर्थन अब से पहले कभी नहीं देखा गया। मतदाताओं ने इस तरह के परिणाम के संकेत तो चुनाव के दिन 75.़2 प्रतिशत मतदान करके ही दे दिए थे, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक भी इस लहर को ठीक प्रकार से भाप नहीं सके। प्रदेश के हर हिस्से में कमल खिला और हाथ के हालात ऐसे रहे कि 17 जिलों में तो कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला। कुल 200 विधानसभा सीटों वाले राजस्थान में 199 सीटों के लिए चुनाव हुआ था। इनमें भाजपा ने 162, कांग्रेस ने 21, राजपा ने 4, बसपा ने 3, जमींदारा पार्टी ने 2 स्थानों पर विजय प्राप्त की। सात स्थानों पर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीत गए। इन सात में से भी पांच प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी की पृष्ठभूमि के ही हैं। कांगे्रस की हालत का अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसके 68 विधायक एवं 22 मंत्री चुनाव हार गए। वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल, दुरू मियां, राजेन्द्र पारीक, बीना काक, हेमाराम चौधरी, बृजकिशोर शर्मा, भरत सिंह जैसे दिग्गज कांग्रेसी मंत्री अपनी सीट नहीं बचा पाए। भाजपा की इस लहर में  कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ़ चन्द्रभान भी बह गए। मंडावा से वे अपनी जमानत भी नही बचा पाए तथा चुनावी मुकाबले में चौथे स्थान पर रहे। यहां से चुनाव जीतने वाले निर्दलीय प्रत्याशी नरेन्द्र खीचड को 58,367 तथा दूसरे नम्बर पर रहीं कांग्रेस की बागी रीटा चौधरी को 41,519 वोट मिले। डॉ़ चन्द्रभान इन सबसे बहुत पीछे रहते हुए केवल 15,815 वोट ही प्राप्त कर पाए।
भारतीय जनता पार्टी को इन चुनावों में नरेन्द्र मोदी की लहर का भी भरपूर लाभ मिला, जिसे भाजपा की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती वसुंधरा राजे ने चुनाव परिणामों के बाद की पहली प्रतिक्रिया में स्वीकार किया। गुजरात जैसे विकास की आस, युवाओं में नरेन्द्र मोदी की विशेष लोकप्रियता तथा वसुन्धरा राजे के आकर्षण के चलते ही प्रदेश में यह ऐतिहासिक सियासी तस्वीर उभर कर आई है। नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान में 20 रैलियां कीं, जिनका प्रभाव विधानसभा की 140 सीटों पर था। इनमें से 116 सीटें भाजपा ने जीत लीं। इस चुनाव में भाजपा के 11़.73 प्रतिशत वोट बढ़े, जबकि कांग्रेस के 3.14 प्रतिशत वोट घटे। भाजपा को पिछले चुनाव में 34.़27 प्रतिशत वोट मिले थे जो इस बार बढ़कर 45़.99 प्रतिशत हो गये। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को पिछले चुनाव में 36़.82 प्रतिशत वोट मिले थे जो इस बार घटकर 33़.68 प्रतिशत रह गये।
चुनावी वर्ष में कल्याणकारी योजनाओं का नाम देकर कांगे्रस की ओर से नि:शुल्क जांच, नि:शुल्क दवा योजना, पेंशन योजना, सी एफ एल वितरण जैसी ताबड़तोड़ घोषणाएं भी कांग्रेस के काम नही आईं। बाड़मेर की रिफाइनरी तथा जयपुर की मेट्रो ट्रेन भी कांग्रेस का सहारा नहीं बन सकी। योजनाओं के जल्दबाजी में किए गए लोकार्पण और शिलान्यासों के पीछे की नीयत जनता ने पहचान ली तथा कांग्रेस के झांसे में प्रदेशवासी नहीं आए। पिछले विधानसभा चुनावों में बसपा ने छह सीटें जीती थीं, इस बार उसके केवल तीन उम्मीदवार ही जीत पाए। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तो प्रदेश में इस बार खाता भी नहीं खोल पाई।
इन चुनावों में कई रोचक परिणाम सामने आए। पाञ्चजन्य ने पहले ही लिख दिया था कि प्रदेश में अल्पसंख्यक कांग्रेस  से किनारा करने के मूड में हैं। परिणामों से यह स्पष्ट भी हो गया। कांग्रेस की ओर से 16 मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। उनमें से एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाया। वहीं दूसरी ओर डीडवाना तथा नागौर से भाजपा के मुस्लिम प्रत्याशी युनूस खान एवं हबीबुर्रहमान चुनाव जीत गए। इन चुनावों में भाजपा ने 26 महिलाओं को चुनावी समर में उतारा था। जिनमें से 21 ने जीत दर्ज की। कांग्रेस ने 24 महिलाओं को टिकट दिया जिनमें से केवल एक प्रत्याशी चुनाव जीत पाई। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाब चन्द कटारिया तथा नन्दलाल मीणा लगातार पांचवां  चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं। वैसे दोनों ही नेता अब तक कुल सात बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं।
राजस्थान के चुनाव परिणामों में आई भाजपा की आंधी में भ्रष्टाचार महंगाई, सीबीआई का दुरुपयोग जैसे मुद्दों ने आग में घी डालने का काम किया। युवाओं ने इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, तो कर्मचारी भी पीछे नहीं रहे। अकेले जयपुर जिले की ही बात करें तो यहां सरकारी कार्मिकों ने डाक मतपत्रों के जरिए भाजपा को 8343 वोट दिए तथा कांग्रेस केवल 5571 वोट ही प्राप्त कर सकी। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि नरेन्द्र मोदी तथा वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में आए इस भाजपाई तूफान के आगे कांग्रेसी तम्बू उखड़ गए। 

विवेकानन्द शर्मा

    नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान में 20 रैलियां कीं, जिनका प्रभाव विधानसभा की 140 सीटों पर था। इनमें से 116 सीटें भाजपा ने जीत लीं।
 इस चुनाव में भाजपा के 11़.73 प्रतिशत वोट बढ़े, जबकि कांग्रेस के 3.14 प्रतिशत वोट घटे।
    भाजपा को पिछले चुनाव में 34.़27 प्रतिशत वोट मिले थे जो इस बार बढ़कर 45़.99 प्रतिशत हो गये।
    कांगे्रस की हालत का अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसके 68 विधायक एवं 22 मंत्री चुनाव हार गए।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies