मुकदमों के मुद्दे पर फंसे अखिलेश
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आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद आरोपियों के ऊपर लगे अभियोगों को उत्तर प्रदेश सरकार वापस नहीं ले सकती है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य सरकार आतंकवाद फैलाने के आरोप में बंद आरोपियों पर से अभियोग वापस नहीं ले सकती। न्यायमूर्ति डीपी सिंह, न्यायमूर्ति अजय लांबा व न्यायमूर्ति अशोक पाल की खंडपीठ ने कहा कि कि आतंक निरोधी कानून, विस्फोटक अधिनियम व आर्म्स एक्ट जैसे मामले में आरोपित किसी भी व्यक्ति के खिलाफ राज्य सरकार अभियोग वापस नहीं ले सकती है। खंडपीठ का कहना था कि इनमें से अधिकांश अभियोग केंद्र सरकार की तरफ से दर्ज हैं। इस कारण पर अकेले उत्तर प्रदेश सरकार आरोपियों से मामले वापस नहीं ले सकती। उल्लेखनीय है कि अखिलेश सरकार जेल में बंद उन मुस्लिम युवाओं पर से अभियोग वापस लेना चाह रही थी। जो आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहे हैं और जिस पर सरकार कार्रवाई भी शुरू कर चुकी थी। इस संबंध में रंजना वाजपेयी ने जनहित याचिका दाखिल की थी। जनहित याचिका की सुनावाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है, जिस पर बिना केंद्र सरकार की सहमति कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।. प्रतिनिधि
गुजरात के अमरेली जिले में विहिप के ब्लॉक अध्यक्ष और उनके भाई की निर्मम हत्या
उ.प्र. के अंबेडकर नगर में विहिप कार्यकर्ता को गोली मारी
गुजरात के अमरेली जिले में गुंदरन गांव में विहिप के ब्लॉक अध्यक्ष और उनके भाई की निर्ममता से हत्या कर दी गई। दोनों भाइयों की हत्या के मामले में पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। वहीं एक अन्य घटना में उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में विहिप कार्यकर्ता की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। वह उस समय अपनी दवाइयों की दुकान पर बैठे हुए थे। वहां आए अज्ञात बदमाशों ने उन्हें तीन गोलियां मारीं और फरार हो गए। विहिप कार्यकर्ता की हत्या के बाद इलाके में तनाव है। आसपास के इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
जानकारी के अनुसार गुजरात के गुंदरन गांव में मारे गए विहिप के ब्लॉक अध्यक्ष श्री अजितभाई खुमन (27) उनके छोटे भाई भारतभाई खुमन की हत्या उस समय की गई जब वह गांव में ग्राम पंचायत की बनाई जा रही इमारत के काम में मदद कर रहे थे। दोनों भाइयों पर कुछ असामाजिक तत्वों की भीड़ ने धारदार हथियारों से हमला कर दिया। हमले में दोनों की मौत हो गई। चार दिसंबर को हुई इस वारदात के बाद से पुलिस ने अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। दूसरी घटना में उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में विहिप कार्यकर्ता राममोहन गुप्ता की उनकी दुकान कुछ अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के वक्त वह अपने मेडिकल स्टोर पर बैठे हुए थे। तभी वहां आए अज्ञात बदमाशों ने एक के बाद एक उन्हें तीन गोलियां मारी। गोली मारने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। श्री गुप्ता को अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी हत्या के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति को देखते हुए पीएसी व भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
महाराष्ट्र में कुलपतियों के विदेश दौरों पर लगाई रोक
गत दिनों महाराष्ट्र के राज्यपाल के़. शंकरनारायणन ने राज्य के 17 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के बार-बार विदेश दौरों पर जाने को लेकर विवश होकर कुलपतियों के विदेश दौरों पर कटौती ही नहीं रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा कि शिक्षा सुधार हेतु विदेशों की यात्रा का क्रम जारी रखने के बजाए सभी कुलपति अपनी-अपनी जिम्मेदारी संभालते हुए अपने विश्वविद्यालय में ही सुधार के अधिक प्रयास करें। स्ूाचना के अधिकार के तहत सार्वजनिक किए गई जानकारी के अनुसार राज्य के 17 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने वर्ष 2009-10 से 2013-14 के अन्तराल में कुल मिलाकर 501 दिन विदेश में बिताए हैं। यह विवरण जब राज्यपाल को पेश किया गया तो उन्होंने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए कुलपतियों के विदेश यात्राओं पर रोक लगा दी । महाराष्ट्र सरकार ने पहले से ही मन्त्रियों, अधिकारियों को विदेश यात्रा पर कटौती करने के निर्देश दे रखे हैं। पिछले दिनों कई-कई बार विदेश यात्रा पर जा चुके कुलपतियों ने फिर से विदेश यात्रा करने की अनुमति मांगी तो राज्यपाल के़ श्ंाकरनारायणन ने यह कहते हुए अनुमति नहीं दी कि उनके बाहर जाने से विश्वविद्यालय के प्रशासन, शिक्षा, विकास आदि कायोंर् में रुकावट आ जाती है।
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों द्वारा इस बार राज्यपाल को जो कारण दिए हैं उनमें अधिकांश कारण संगोष्ठी में शामिल होना , शोध पत्र की प्रस्तुति करना, सम्मेलनों में शामिल होना आदि थे। लेकिन इस सबके बावजूद जो बातें उभर कर आ रही है वे हैं कि कुलपतियों ने जो अभी तक विदेश दौरे किए हैं वे जिस कारण से किए हैं उनकी रपट या टिप्पणी तक नहीं बनायी है, जो कि प्रशासनिक नियमों के अनुसार आवश्यक होती हंै। राज्य के कुलपतियों ने इसके पूर्व जिन देशों की यात्राएं की हैं उनमें जर्मनी, आस्ट्रेलिया, चीन, कोलम्बो, दक्षिण कोरिया, दुबई, स्वीडन, कैलीफोर्निया, बैंकाक, जापान, आदि देश शामिल हैं। कुछ कुलपतियों ने तो एक देश की ही कई-कई बार यात्रा कर डाली है। लेकिन जिन शिक्षा कारणों को बताकर विश्वविद्यालय के कुलपति विदेश यात्रा पर गए थे उन कुलपतियों के लौटने के बाद विश्वविद्यालयों में शिक्षा से जुड़े नए और विशेष प्रयास क्या किए गए, इसका कहीं कोई पता नहीं है। द़ बा़ आंबुलकर
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