युवाओं के लिए प्रेरणा हैं स्वामी विवेकानंद के विचार
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स्वामी विवेकानन्द ने अपने जीवन से जो प्रेरक उदाहरण हम सबके सामने रखे वे हमारी आज की युवा पीड़ी के लिए लिए प्रेरणा का काम करते हैं। यह कहना था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री इन्द्रेश कुमार का। वे गत दिनों सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग के तत्वावधान में आयोजित ह्यवर्तमान में स्वामी विवेकानंद जी की प्रासंगिकता ह्य विषयक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता के संवर्धन के लिए समाज में नारी का सम्मान आवश्यक है साथ ही आज व्यक्तिगत, सामाजिक एवं राष्ट्रीय उत्थान के लिए कमजोर वर्ग को ऊपर उठाने का समय है। कार्यक्रम में समकुलपति प्रो़ यदुनाथ दुबे ने कहा कि युवाओं को चाहिए कि वह स्वामी जी के विचारों को जीवन में उतारकर अपने वर्तमान और भविष्य को बदलने का काम करें। विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो़ सुभाष चन्द्र तिवारी ने कहा कि युवाओं को आगे आकर विवेकानन्द जी के विचारों और उनके कार्य के आधार पर वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को विकसित करना होगा। तब ही स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत बनेगा। कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष प्रो़ प्रेम नारायण सिंह ने किया। इस अवसर पर विभाग के अध्यापक एवं छात्र-छात्राओं सहित अनेक बुद्घिजीवी व सामाजिक संगठनों के लोगउपस्थित थे।
पिछले दिनों उत्तरकाशी-राष्ट्र सेविका समिति द्वारा भागीरथी घाटी में महिलाओं का एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया। गत 24 नवम्बर को कीर्ति इण्टरमीडिएट कालेज के प्रांगण में आयोजित इस सम्मेलन में सम्पूर्ण घाटी के 26 स्थानों से 600 तरुणियां सेविकाओं के वेश में उपस्थित थीं। कार्यक्रम के प्रारम्भ में सेविकाओं द्वारा नगर के विभिन्न मागोंर् पर पथसंचलन निकाला गया।
सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्र सेविका समिति, दिल्ली प्रान्त की बौद्घिक प्रमुख श्रीमती गुंजन नरूला ने अपने संबोधन में कहा कि आज समय है, जब महिलाओं को जागकर खुद ही आगे आना होगा तब कहीं जाकर महिलाओं पर हो रहे अत्याचार कम होंगे। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र अनेक त्रासदियों को झेलता हुआ यहां के समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में साहसपूर्वक प्रतिभाग करता है, यह गौरव की बात है। पहाड़ की महिलाओं के अथक परिश्रमी जीवन की भी उन्होंने चर्चा की। जून माह की आपदा के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत भी यहां आए थे। उनके आगमन पर ऊपरी भागीरथी घाटी के ग्रामोत्थान प्रकल्प मनेरी में 1500 गणवेशधारी स्वयंसेवकों का एक भव्य कार्यक्रम सम्पन्न हुआ था। वयोवृद्घ समाजसेवी तथा 30 वषोंर् तक निरन्तर संघ के प्रान्त कार्यवाह रहे डा़ नित्यानन्द जी की प्रेरणा से ये दोनों कार्यक्रम उत्तरांचल के पर्वतीय परिवेश में पहली बार आयोजित हुए। स्थानीय बालिका इण्टरमीडिएट कालेज की प्रधानाचार्या श्रीमती विजयलक्ष्मी रावत ने पहली बार ऐसे आयोजन में उपस्थित होने पर साधुवाद ज्ञापित किया। समिति की जिला कार्यवाहिका श्रीमती यशोदा भारद्वाज ने आयोजन के लिये आगन्तुकों तथा सहयोगियों का आभार प्रकट किया। प्रतिनिधि
गाय का संवर्धन-संरक्षण हीे स्व. राजाराम को सच्ची श्रद्घाञ्जलि ा
पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त गोसेवा प्रकल्प के प्रमुख श्री राजाराम के देहान्त के बाद जालंधर में गोसेवा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने गोपाल नगर कृष्ण मुरारी मंदिर में शोकसभा का आयोजन किया। जिसमें अनेक कार्यकर्ताओं ने श्री राजाराम को भावभीनी श्रद्घाञ्जलि दी।
श्रद्घाञ्जलि सभा में गोसेवक संत स्वामी कृष्णानंद जी भूरीवाले ने अपने संबोधन में कहा कि पंजाब में गोवंश संरक्षण व संवर्र्धन को प्रोत्साहन देना ही गोपालक राजाराम को सच्ची श्रद्घाञ्जलि होगी। श्रद्घाञ्जलि सभा में उन्हें श्रद्घासुमन अर्पित करते हुए स्वामी जी ने कहा कि आज पंजाब में गोवंश संकट में है और हम सभी को गोसेवा की दिशा में सक्रिय भूमिका निभानीं होगी। उन्होंने कहा कि जैसे आद्य शंकराचार्य जी ने शंखध्वनि से सनातन धर्म को पुनर्गठित किया उसी तरह स्व. राजाराम भी कहा करते थे कि अगर हम गोमाता से मिलने वाले पंचगव्य का एक अंश भी लेना शुरू कर दें तो गोमाता समाज में पुर्नस्थापित हो सकेंगी। स्वामी जी ने पठानकोट व आसपास के इलाकों में हो रही गोहत्या की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कार्यकर्ताओं से आगे आने व उसका विरोध करने का आग्रह किया।
राजस्थान से आए स्व. राजाराम के भतीजे सुरेन्द्र कुमार ने राजाराम के जीवन पर प्रकाश डाला। उल्लेखनीय है कि गोसेवा प्रमुख श्री राजाराम का 24 नवंबर को मंडी गोबिन्द गढ़ में स्वर्गवास हो गया था। देश के अनेक क्षेत्रों से आए गणमान्य लोगों व संघ के पदाधिकारियों, पशुपालन विभाग के वैज्ञानिकों, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने स्व. राजाराम को भावभीनी श्रद्घाञ्जलि दी और गोसेवा के क्षेत्र में उनके द्वारा दिए गए योगदान का स्मरण किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र प्रचारक श्री रामेश्वर, सह-क्षेत्र प्रचारक श्री प्रेम कुमार, कार्यवाह श्री सीताराम, अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय पदाधिकारी श्री कमलेश कुमार, स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री कश्मीरी लाल, विश्व हिंदू परिषद के केन्द्रीय श्री मंत्री कैलाश चंद्र, स्वामी चिन्मयानंद, पंजाब प्रांत के संघचालक बृजभूषण सिंह बेदी, सह प्रांत संघचालक ब्रिगेडियर जगदीश, प्रांत प्रचारक श्री किशोरकांत, प्रांत कार्यवाह श्री मुनीश्वर लाल, भारतीय जनता पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष श्री कमल शर्मा, करनाल पशु अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक डा़ डी़ के़ सरदाना एवं इंद्रकुमार गुजराल पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डा़ रजनीश अरोड़ा, गुरु रविदास आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति डा़ ओमप्रकाश उपाध्याय सहित अनेक गणमान्य लोगों ने दिवंगत आत्मा को श्रद्घाञ्जलि दी।
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