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दाग अच्छे हैं … लेकिन तभी तक जब तक कि आपका दामन दागदार न हो। यह बात अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के प्रत्याशियों की समझ में हाल ही में हुए स्टिंग ऑपरेशन के बाद आ गई होगी। दिल्ली के चुनावी मैदान में पहली बार किस्मत आजमा रही ह्यआपह्ण के वे चेहरे जो अन्ना आंदोलन के समय देश से भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने का दावा कर रहे थे, स्टिंग में फंसने के बाद अब खुद अपने आपको बेदाग बता रहे हैं।
मीडिया सरकार डॉट कॉम के स्टिंग में 'आप' के कई प्रत्याशियों और प्रवक्ता कुमार विश्वास की वास्तविकता उजागर होने पर इस पार्टी ने राजनीति में प्रचलित वही बातें दोहराई हैं जो हर नेता और राजनैतिक दल दोहराता है। 'आप' का कहना है कि स्टिंग के पीछे 'आप' के विरोधी राजनैतिक दल हैं।
'स्टिंग बिल्कुल फर्जी है, स्टिंग में जो असली बातचीत थी, उसे संपादित किया गया है, हमारे सभी प्रत्याशी ईमानदार हैं।' ऐसा बयान देने वाले आम आदमी पार्टी को अरविंद केजरीवाल को इस बात का कतई अंदाजा नहीं था कि उनकी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ ऐसा भी हो सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के छात्र मयंक का कहना है कि अण्णा आंदोलन के बाद जब ह्यआपह्ण की नींव रखी गई, तब आम आदमी का कुछ हद तक विश्वास उस पर जमा था, लेकिन चुनावों के नजदीक आते आते इस पार्टी ने भी वही राजनैतिक दांव-पेच अपनाने शुरू कर दिए जो राजनीति के अखाड़े के हर पहलवान के लिए द्वंद्व में टिके रहने को जरूरी हैं। 'आप' पर लोगों ने जो भरोसा दिखाया था आधा तो वह तब टूट गया था जब अण्णा ने केजरीवाल से किनारा कर लिया था, रही सही कसर इस स्टिंग ऑपरेशन ने पूरी कर दी।
उच्च न्यायालय में वकालत करने वाले संदीप शर्मा का कहना है कि ह्यआप ह्ण के चंदे के पैसे से चुनाव लड़ने के दावों की पोल खुद उसी के प्रत्याशियों ने खोल दी। स्टिंग में शाजिया इल्मी ने स्पष्ट बोला है कि उनके लिए चुनाव में काम करने वाले कार्यकर्ता पैसे लेकर काम कर रहे हैं जिनका वेतन 20-20 हजार रु. है। इसके लिए वह बेनामी चंदा लेने को भी तैयार हो गईं।
कद्दावर पड़े कमजोर
आम आदमी पार्टी पर से लोगों का भरोसा उठने के कारण चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे इस पार्टी के नामी लोग कमजोर पड़ गए हैं। लोगों का मानना है कि स्टिंग से आम आदमी पार्टी की छवि को बट्टा लगा है। इस के दिग्गज, शाजिया इल्मी, मनीष सिसौदिया और खुद केजरीवाल की साख खराब हुई है। एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले दिवाकर शर्मा का कहना है कि आम आदमी पार्टी की कुछ सीटें जीतने की गुंजाइश थी, लेकिन स्टिंग सामने आने के बाद इसके कद्दावर चेहरों का ही चुनाव जीतना मुश्किल हो गया है। कुमार विश्वास पहले ही चुनावी मैदान से पीछे हट चुके हैं। 'आप' की तरफ से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी ही सभी उम्मीदवारों को डमी उम्मीदवार बता रहे हैं।
तौकीर के आगे झुके, वंदेमातरम् से परहेज
जरा अन्ना आंदोलन के समय रामलीला मैदान का नजारा याद करिये। दिल्ली और देशभर से आए लोगों की भीड़ चौबीसों घंटे मैदान में डटी रहती थी। अण्णा खुद वंदेमातरम का नारा लगाते थे। उनके साथ अरविंद केजरीवाल और हाथों में तिरंगा लहराता वहां मौजूद जन समूह वंदेमातरम और भारत माता की जय बोलकर अपनी देशभक्ति का परिचय देता था, लेकिन जैसे ही केजरीवाल ने ह्यआप ह्ण की नींव रखी और चुनाव लड़ने की घोषणा की, वैसे ही वंदेमातरम गायब हो गया। बरेली दंगों के आरोपी तौकीर रजा से मुलाकात कर केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि वोट बैंक की खातिर उन्हें तुष्टीकरण की राजनीति से भी कोई गुरेज नहीं है। लोगों का मानना है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी के प्रत्याशियों के दावे सिर्फ दिखावे भर हैं। वे सिर्फ शब्दों के बाण चलाकर लक्ष्य भेदने का दावा कर रहे हैं, उनका उद्देश्य भ्रष्टाचार मिटाना नहीं, बल्कि दूसरों पर कीचड़ उछाल कर वोट जुटाना है।
टूटा भरोसा, छोड़ने लगे साथी
लखनऊ के गोमती नगर में रहने वाली और समाज सेवा के क्षेत्र में जानी मानी हस्ती डॉ. नूतन का कहना है कि अण्णा आंदोलन के बाद जब अरविंद केजरीवाल ने ह्यआपह्ण की नींव रखकर स्वस्थ राजनीति करने जो दावे किए थे, तो वह भी उनसे प्रभावित हुई थीं। इसलिए वह आम आदमी पार्टी से भी जुड़ी थीं, लेकिन उनके दावों की असलियत चुनावों के नजदीक आते ही सामने आ गई। उनका कहना है, ह्यजिस तरह स्टिंग में चुनाव में खर्चा आने की बात कही गई उससे स्पष्ट होता है जब कोई चुनावों में मोटा पैसा खर्च करेगा तो जाहिर बात है वह चुनावों के बाद अपना पैसा वापस वसूलने के लिए तमाम हथकंडे भी अपनाएगा। इस संवाददाता को उन्होंने बताया कि जब उन्होंने 'आप' की सदस्यता से इस्तीफा दिया तो उन्हें पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने फोन किया। यहां तक की उन्हें फोन पर धमकी भी दी गई। उन्हें कहा गया कि यदि इस्तीफा देना ही था तो चुनावों के बाद दे सकती थीं, ऐसा करना अभी जरूरी
नहीं था।
कांग्रेस की बी टीम 'आप'!
सब बेइमान हम सबसे ईमानदार, सबसे बेहतर यदि कोई है तो वो हम, ऐसा ही दावा करने वाले केजरीवाल एक तरफ तो देश से भ्रष्टाचार मिटाने की बात करते हैं, दूसरी तरफ मुस्लिम तुष्टीकरण करने से भी बाज नहीं आते। कांग्रेस की भांति आम आदमी पार्टी भी वोट बैंक बटोरने के लिए मुसलमानों को लुभाने में जुटी है। यहां कहना गलत नहीं होगा कि ह्यआप ह्ण एक तरह से कांग्रेस की बी टीम के तौर पर काम कर रही है। मुस्लिम वोट बटोरने के लिए केजरीवाल ने 'उर्दू' पर्च छपवाएं हैं। इनमें इस पार्टी को उन्होंने मुसलमानों की अंतिम आशा की किरण बताया गया है। जिस गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे आतंकी मामलों में बंद मुसलमान युवकों की पैरवी करते हैं तो केजरीवाल भी उसी तर्ज पर पर्चों में मुसलमानों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। वोट बटोरने के जो पर्च छपवाएं हैं। उसमें उन्होंने लिखा है कि कांगे्रस ने पिछले 65 वर्षों में मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया। कांग्रेस ने सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू नहीं किया, कांग्रेस ने मुसलमानों को जानबूझकर पिछड़ा रखा ताकि उनका इस्तेमाल वोट बैंक तरह किया जा सके। कई मुसलमान युवाओं को झूठे मामलों में फंसाकर कई-कई सालों तक जेल में रखा जाता है। बाद में उन्हें छोड़ दिया जाता है, क्योंकि सरकार के पास कोई सबूत नहीं होता। यदि कांग्रेस मुसलमानों की हिमायती है तो मुसलमानों को गलत केसों में क्यों फंसाया जाता है। इतना ही नहीं आप की तरफ से छपवाए गए इस पर्च में यह भी घोषणा की गई है कि वह मुसलमानों के लिए क्या क्या करेगी। पर्चे में लिखा गया है कि उर्दू भाषा को सभी स्कूलों में वैकल्पिक भाषा के तौर पर लागू किया जाएगा। यदि कोई पुलिसवाला किसी बेकसूर को फंसाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली वक्फ बोर्ड को सरकारी दलालों के चंगुल से छुड़ाया जाएगा।
'रॉ फुटेज' का सच
आम आदमी पार्टी का कहना है कि स्टग आपरेशन की जो सीडी मीडिया के सामने लाई गई उस सीडी के साथ छेड़छाड़ की गई है। इस बारे में मीडिया सरकार डॉट कॉम ने अपनी बेवसाइट पर प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। ह्यमीडिया सरकारह्ण के सीईओ अनुरंजन झा का कहना है कि ह्यहमने चुनाव आयोग को पूरी फुटेज सौंप दी है। मीडिया सरकार आम आदमी पार्टी की असलियत जानने के लिए किए गए इस स्टिंग आपरेशन पर गर्व करती है कि उसने देश की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करके उनको लूटने की नीयत रखने वालों की पोल खोली है।'
क्या बोले योगेंद्र यादव
'आप' के प्रत्याशियों का स्टिंग सामने आने पर पार्टी प्रवक्ता योगेंद्र यादव ने पहले बयान दिया था कि स्टिंग में फंसे आरोपियों पर 24 घंटे में कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद उन्होंने कहा कि स्टिंग पूरी तरह फर्जी है। स्टिंग की सीडी में से जरूरी संदर्भ हटा दिए गए हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि स्टिंग की की मूल सीडी उन्हें मिल गई है। जो सीडी वेब पोर्ट ने सार्वजनिक की है उसमें और मूल सीडी में काफी अंतर है। इस सीडी को तकनीक का सहारा लेकर बनाया गया है। पार्टी 'मीडिया सरकार' के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। आदित्य भारद्वाज
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