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छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले दिनों एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि देश का प्रतिबंधित संगठन सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया) और आईएम (इंडियन मुजाहिदीन) के पकड़े गए आतंकियों उमेर सिद्दीकी, अब्दुल वाहिद ने कड़ी पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर नरेन्द्र मोदी पर हमले की साजिश रचने की बात स्वीकार की है। राजधानी पुलिस ने अब तक सिमी से जुड़े 8 कथित आतंकियों को गिरफ्तार भी किया है और अन्य की तेजी से तलाश की जा रही है। छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने पिछले दिनों एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आतंकियों ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने की पूरी तैयारी कर रखी थी। मोदी की पटना सभा के पूर्व आतंकियों ने कानपुर, दिल्ली तथा प्रदेश के अंबिकापुर जाकर रेकी भी की थी।
उन्होंने बताया कि पकड़े गए आतंकियों उमेर सिद्दीकी और अब्दुल वाहिद ने पूछताछ में अपने अन्य साथियों का नाम-पता बताया। राजधानी पुलिस एवं खुफिया विभाग की टीम ने एक-एक कर क्रमश: रोशन उर्फ जावेद, अब्दुल अजीज, अजीजुल्लाह, हैयात खान, मोईनुद्दीन, हबीबउल्ला को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। अब तक हुई पूछताछ में यह स्पष्ट हो गया है कि उमेर सिद्दीकी एवं इससे जुड़े सिमी संगठन के अन्य लोगों ने पटना में एवं अन्य स्थानों पर बड़ी वारदात को अंजाम देने की पूरी तैयारी की थी, मगर पुलिस की पकड़ में आने के बाद उनकी साजिश नाकामयाब हो गई। उमेर का संपर्क सिमी के बड़े पदाधिकारियों और इंडियन मुजाहिदीन से था और उनका अगला निशाना नरेंद्र मोदी थे। वह छत्तीसगढ़ माड्यूल के रूप में अपना पृथक संगठन चला रहा था और सिमी के कार्यकर्ता उसे आमीर यानी चीफ के रूप में जानते थे। छत्तीसगढ़ पुलिस की खुफिया शाखा विगत तीन साल से इस संगठन से जुड़े उमेर सिद्घीकी और उसके साथियों की निगरानी कर रही थी। कुछ दिनों पूर्व निगरानी के दौरान विदेशी भाषा में भेजे गए संदेश के बारे में पुलिस को जानकारी हुई जिसमें नरेंद्र मोदी का जिक्र था। यह संदेश सामान्य नहीं था इसलिए छत्तीसगढ़ की खुफिया एजेंसी ने 17 अगस्त को आईबी को इस बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद 11 एवं 12 नवंबर को पुन: कुछ जानकारी मिली जो काफी महत्वपूर्ण थी। यह जानकारी नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के संबंध में थी। उन्होंने बताया कि 14 नवंबर की शाम तक छत्तीसगढ़ के खुफिया विभाग के एटीएस द्वारा उक्त जानकारियों को पीछा करते समय कुछ संदिग्ध गतिविधियों एवं बाहरी व्यक्तियों के क्षेत्र में आने की भनक लगी और उमेर सिद्घीकी तथा उसके सात साथियों की गिरफ्तारी की गई।
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