बड़ी लड़ाई बस्तर की
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बड़ी लड़ाई बस्तर की

by
Nov 16, 2013, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 16 Nov 2013 16:37:52

 छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान 11 नवंबर को हिंसा की छिटपुट घटनाओं के साथ संपन्न हो गया।
कुल 90 सीटों वाली विधानसभा के पहले चरण में नक्सल प्रभावित आठ जिलों की 18 सीटों पर जिनमें बस्तर की 12 सीटों के अलावा खैरागढ़ ,डोगंरगढ़,राजनांदगांव,डोंगरगांव,खुज्जी और मोहला मानपुर की कुल 18 सीटों पर  70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ। राजनांदगांव से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा.रमन  सिंह मैदान में हैं तो कांग्रेस ने उनके मुकाबले में स्व. सांसद उदय मुदलियार की पत्नी श्रीमती अलका मुदलियार को अपना प्रत्याशी बनाया है। सांसद मुदलियार की झीरम घाटी में हमले में नक्सलियों द्वारा किए गए हमले मौत हो गई थी।
 प्रथम चरण के मतदान में सर्वाधिक मतदान राजनांदगांव  में 83 प्रतिशत और खुज्जी में  सबसे कम 24 प्रतिशत मतदान बीजापुर में हुआ है। पहले चरण के चुनाव के बाद मुख्यमंत्री समेत 59 प्रत्याशियों का राजनैतिक भविष्य इवीएम मशीनों में कैद हो गया है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों में 29 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, जिनमें से 19 पर भारतीय जनता पार्टी और 10 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। अनुसूचित जनजाति के लिए 10 सीटें आरक्षित हैं, जिनमें से पांच पर भाजपा चार पर कांग्रेस और एक सीट बहुजन समाज पार्टी के पास है। सामान्य की 50 सीटों में से 26 पर भाजपा और 24 पर कांग्रेस काबिज है। पिछले विधानसभा चुनावों में कुल 90 में से 50 सीटों पर भाजपा ,38 पर कांगे्रस और एक सीट पर बसपा को जीत हासिल हुई थी ।
 छत्तीसगढ़ की बाकी 72 सीटों के लिए दूसरे चरण का मतदान 19 नवंबर को होगा । पूरे छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के लिऐ अब तक भाजपा की ओर से नरेंद्र मोदी, सुषमा स्वराज, लालकृष्ण आडवानी, जगत प्रकाश नड्डा, वेंकैया नायडू, उमा भारती और डॉ. रमन सिंह की भीड़ भरी रैलियां हो चुकी हैं।
कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी राहुल गंाधी,राज बब्बर ने जनसभाओं को संबोधित किया है। 
 छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने झीरम घाटी के नक्सली हमले में मारे गये कांगे्रसी नेताओं की शहादत की आड़ में  प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था के मुद्दे प्रमुखता से उठाए हैं।
वहीं भाजपा अपने दस वर्षों के शासन में किंए गए विकास कार्यो में प्रमुख रूप से सार्वजनिक वितरण प्रणाली को आम जनमानस के समक्ष रखकर अपना पक्ष मजबूत कर रही है।
भाजपा का दावा है कि प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए  उन इलाकों तक खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है, जहां सहजता से पहुंचा नहीं जा सकता।
भाजपा वहां पर एक और दो रुपए प्रति किलो की दर से प्रत्येक परिवार को 35 किलो चावल पहुंचा रही है। कुल  42 लाख परिवारों को इस योजना का फायदा मिल रहा है। प्रदेश में लागू इस योजना की सराहना संयुक्त राष्ट्र संघ से लेकर भारत के सर्वोच्च न्यायालय तक ने की है। इस योजना की सफलता का सबसे बड़ा उदाहरण यह है पिछले दस वर्षों के दौरान यहां भूख से मौत का एक भी मामला प्रकाश में नहीं आया है।
भाजपा राज्य के नागरिकों के समक्ष  जनहित में उठाए गए अनेक कदमों के साथ  जा रही है। विगत दो चुनावों में भाजपा ने बस्तर की 11 सीटें जीत कर अपनी सत्ता मजबूत की है, छत्तीसगढ़ का इतिहास रहा है कि जिस पार्टी ने बस्तर की सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की, सत्ता उसी पार्टी को मिली है।
 कांग्रेसी नेताओं ने बस्तर में झीरम घाटी में नक्सली हमले में मारे गये पार्टी नेताओं की तस्वीरों को जनता के सामने रखकर सहानुभूति के वोट बटोरने की कोशिश की है। कांगे्रस ने परिवर्तन यात्रा की शुरुआत मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह की विकास यात्रा के जवाब में की थी, लेकिन नक्सली हमले ने परिवर्तन यात्रा का एक तरह से समापन कर दिया। वहीं रमन सिंह की विकास यात्रा ने समूचे छत्तीसगढ़ में जनता से सीधे संवाद कायम कर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में लहर पैदा कर दी। अपनी भीड़ भरी चुनावी सभाओं में मुख्यमंत्री ने कहा कि ह्यछत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश, राजस्थान,दिल्ली,और मिजोरम,के विधानसभा चुनाव प्रदेश की नहीं पूरे देश की तस्वीर और तकदीर बदल कर रख देंगे।ह्ण
छत्तीसगढ़ के बस्तर सहित ग्रामीण अंचलो में लोग रमन सिंह को ही अपना सबसे बड़ा नेता मानते हैं।
चुनाव पूर्व भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने लोकलुभावन वायदों के साथ अपने-अपने घोषणा पत्र जारी किए थे। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 15 बिंन्दुओं पर आधारित घोषणा पत्र को संकल्प सेवा पत्र के रूप में प्रस्तुत किया, इसके जवाब में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र के अलावा राज्य की भाजपा सरकार के विरुद्घ 20 बिन्दुओं वाला एक आरोप पत्र भी जारी किया है। कांग्रेस ने इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को मरवाही से टिकट न देकर उनके बेटे अमित जोगी को प्रत्याशी बनाया है। अजीत जोगी की पत्नी रेणुका जोगी को कोटा विधानसभा क्षेत्र से दोबारा प्रत्याशी बनाया गया है। कांग्रेस ने अजीत जोगी के कुछ पंसदीदा प्रत्याशियों को टिकट देकर व उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में प्रस्तुत कर उनको साधने का प्रयास जरूर किया है।
झीरम घाटी में मारे गए कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी देहुति कर्मा को कांग्रेस ने टिकट देकर उम्मीदवार तो बना दिया। लेकिन अंदरूनी गुटबाजी के चलते उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया है। उनके क्षेत्र में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता सभा करने भी नहीं गया। यही नहीं आस-पास की सीटों पर जिन कांगे्रस नेताओं ने सभाएं की वहां  वे ह्यसलवा जुडूमह्ण के खिलाफ ही जहर उगलते रहे। जबकि महेंद्र कर्मा ने नक्सलियों के विरुद्घ आदिवासियों के स्वस्फूर्त शंातिपूर्ण जन आंदोलन ह्यसलवा जुडूम ह्ण की अगुवाई की थी और इसी कारण से नक्सलियों द्वारा मारे जाने वाले नेताओं की सूची में वे सबसे पहले नंबर पर थे।
वर्तमान में हो रहे विधानसभा के चुनाव के पहले चरण के मतदान में सुरक्षा बलों की 40 कंपनियों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान संपन्न कराया। पहले चरण में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान के बाद भाजपा ने विश्वास जताया है कि उसे पहले से भी ज्यादा सीटें मिलेंगी।ह्ण
डा. रमन सिंह की सभाओं में उमड़ रही भीड़ इस बात का साक्ष्य है कि जनता राज्य की सत्ता की चाबी दोबारा भाजपा को ही देगी।     

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