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कागजों तक सिमटी रही सरकारह्ण
कांग्रेस मुफ्त दवा योजना, मुफ्त जांच योजना, सस्ते राशन की योजनाओं को लेकर जनता के बीच में जाने की बात कह रही है। आप क्या कहना चाहते हैं?
यह सरकार तो साढ़े चार साल तक सोती रही।इसके पास पर्याप्त बजट और समय था, लेकिन किया कुछ नहीं। पैसा सरकार के विभिन्न विभागों में पड़ा रहा। स्कूलों में एक लाख 14 हजार अध्यापकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। सरकारी चिकित्सकों के पद खाली पडे़ है़ं, ये तो सिर्फ एक- दो उदाहरण हैं। अब आप स्वयं ही सरकार के दावों का अंदाजा लगा सकते हैं। यह सरकार सिर्फ और सिर्फ कागजी कार्यों तक सीमित रही।
तो क्या यह माना जाए कि गहलोत सरकार ने सभी योजनाएं महज चुनावी फायदा लेने के लिए शुरू की हैं ?
बिल्कुल़, अगर कांग्र्रेस इन योजनाओं को इस विधानसभा चुनाव का मुद्दा बनाकर फायदा नहीं लेना चाहती तो ये सारी योजनाएं चार साल पहले ही शुरू करनी चाहिए थीं।
इस विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुद्दे क्या हैं ?
हमारा मुख्य मुद्दा है राजस्थान का विकास। राजस्थान का हर व्यक्ति यह स्वीकार करता है कि यदि प्रदेश में विकास हुआ तो वह श्री शेखावत और श्रीमती वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भारत को दी, जिसका लाभ राजस्थान को भी मिल रहा है।
यूपीए सरकार ने भी तो मनरेगा जैसी योजना देश को दी़, तो क्या मनरेगा का लाभ राजस्थान को नहीं मिल रहा है ?
मनरेगा से राजस्थान का विकास कहीं नजर नहीं आता। हमारी सरकार के समय 2008-2009 के बजट में मनरेगा में छह हजार करोड़ रुपए खर्च किए और कांग्रेस ने मात्र 1900 करोड़ रुपए खर्च किए गए। हमने लगभग 26 लाख लोगों को 100 दिन की मजदूरी दी और कांग्रेस ने मात्र एक लाख तीन हजार लोगों को मजदूरी दी है। राजस्थान में तो मनरेगा की सारी योजनाएं धरी की धरी रह गईं।
राजस्थान की वर्तमान सरकार रिफाइनरी मुद्दा भुनाने की भरपूर कोशिश कर रही है। इस पर आपको क्या कहना है ?
गहलोत सरकार सबसे ज्यादा असफल रिफाइनरी मुद्दे पर ही हुई। केंद्र और राज्य में सरकार इनकी ही है, लेकिन इन्होंने जो काम अपने अंतिम समय में किया, अंतिम समय इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि रिफाइनरी का काम तो शुरू होगा नहीं, अगर यही काम ये चार साल पहले करते तो अब तक रिफाइनरी का काम भी शुरू हो गया होता और उसका लाभ भी राजस्थान को मिलता।
राजस्थान में यात्राओं को लेकर एक नया प्रयोग शुरू किया गया। एक तरफ कांग्रेस ने अपनी यात्रा निकाली तो दूसरी तरफ भाजपा ने भी अपनी यात्रा निकाली। आपकी यात्रा के समापन में भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी आए, जिसमें लाखो लोंगो की भीड़ भी जुटी। क्या आपको इसका लाभ इस विधानसभा चुनाव में मिलेगा?
कांग्रेस ने जो यात्रा निकाली वह एक सरकारी यात्रा व सरकारी कार्यक्रम थे, जिसमें सरकारी पैसा ही लगा। राज्य में आचार संहिता लगने के बाद कांग्रेस अब जो कार्यक्रम करेगी तो उसे खुद अपनी थाह मिल जाएगी। हमारी यात्रा को जो जन-समर्थन मिला उसे मैं ही नहीं पूरा राजस्थान जानता है।
राजस्थान कांग्रेस के भ्रष्टाचारों को उजागर करने हेतु राजस्थान भाजपा ने एक ह्यब्लैक पेपरह्ण निकाला है। इसके बारे में समझाएं।
गांधी परिवार के दामाद श्री रॉबर्ट वाड्रा को राजस्थान सरकार ने किसानों की 10,000 हेक्टेयर जमीन कौडि़यों के भाव पर दिलवा दी। जबकि राजस्थान सरकार जानती थी कि यहां पर सौर उर्जा का एक केंद्र बनने वाला था, लेकिन वाड्रा को बुलाया गया और करोड़ों रुपए बिना ब्याज के दिए। उसी जमीन को सरकार का पावर-प्रोजेक्ट बनाने की घोषणा के साथ वाड्रा ऊंचे दामों पर बेचकर कई गुणा रुपए कमा कर चलते बने।
यह बेईमानी नहीं तो और क्या है? गरीब किसान ने जो जमीन 34,000 रुपए में बेची। वही जमीन वाड्रा को मिली और उन्होंने उसे बेचकर लाखों रुपए कमाए।
ल्ल प्रस्तुति: राजीव गुप्ता
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