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उल्लेखनीय है कि गत दिनों कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बयान दिया था कि खुफिया एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें बताया था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई मुजफ्फरनगर दंगा पीडि़त युवकों के संपर्क में हैं। वह उन्हें बरगालाने की कोशिश में जुटी है। राहुल के इस बयान की भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी व वामपंथी दलों ने कड़ी निंदा की थी। राजनैतिक दलों के निंदा किए जाने के बाद अब कई मुस्लिम संगठन राहुल के बयान से नाराज हैं। मुस्लिम संगठनों की अगुवाई करने वाली संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत (एआईएमएमएम) के मुखिया जफरुल इस्लाम खान ने राहुल पर मुस्लिमों को कटघरे में खड़ा करने और इस समुदाय से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों से भटकने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि राहुल गांधी ने इस तरह का बयान देकर पूरे मुस्लिम समुदाय पर सवालिया निशान लगा दिया है। कई मुस्लिम संगठनों ने राहुल से अपने इस बयान के लिए माफी मांगने की मांग की है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मुफ्ती एजाज अरशद कासमी ने भी राहुल के इस बयान की निंदा की है। प्रतिनिधि
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