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उ.प्र. के परेशान अधिकारियों की शिकायत
उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकासमंत्री आजम खान उनके साथ काम करने वाले अधिकारियों के साथ गाली गलौज करते हैं। अधिकारियों के अभ्रद भाषा का प्रयोग करते हैं। हमेशा गुस्से में रहते हैं। यह आरोप उनके साथ काम करने वाले अधिकारियों ने आजम खान पर लगाया है। उनके साथ काम करने वाले अपर सचिवों ने उन्हें खत लिखकर कहा है कि वे उनके साथ काम पाने में असमर्थ हैं। इसलिए उनका स्थानांतरण वापस सचिवालय कर दिया जाए। अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने पर उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सचिवालय संघ ने कहा है, कि आजम खान के खिलाफ कार्रवाई न करने पर मुख्यमंत्री अखिलेश और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह वर्ष 2014 लोकसभा चुनावों में राज्य कर्मचारियों के वोट भूल जाने को कहा है।
आजम के खिलाफ पत्र लिखकर स्थानांतरण मांगने वालों में दो उनके निजी सचिव व पांच अपर सचिव शामिल हैं। सभी उनके व्यवहार से इतने आहत हैं कि अब वे उनके साथ काम नहीं करना चाहते हैं। पत्र में उनके दोनों निजी सचिवों व तीनों अपर सचिवों ने हस्ताक्षर किए हैं। उनके साथ काम करने वाले अधिकारियों का कहना है कि वे मंत्री के निर्देशों के अनुसार ही काम करते हैं, लेकिन आजम हमेशा किसी ना किसी बात पर नाराज होते रहते हैं। पत्र में सचिवों ने किसी दूसरे विभाग में स्थानांतरण करने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया है कि ज्यादातर समय आजम खान का व्यवहार अशोभनीय रहता है। वह अकसर गुस्से में रहते हैं। वह अपने स्टाफ के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। अफसरों के संगठन (यूपी सचिवालय संघ) के एक अधिकारी ने कहा कि आजम खान पिछले डेढ़ साल से ऐसा बर्ताव करते आ रहे हैं और अपने साथ काम करने वाले अफसरों को वह गाली-गलौच करते रहते हैं। उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आजम खान को तत्काल मंत्री पद से हटाने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र और सचिव ओंकार नाथ तिवारी ने संयुक्त रूप से कहा है कि मंत्री के स्टाफ की शिकायत गंभीर है। संसदीय कार्यमंत्री यदि अपने स्टाफ के साथ ही असंसदीय भाषा का प्रयोग व दुर्व्यवहार कर रहे हैं तो उन्हें इस पद रहने का कोई अधिकार नहीं। प्रतिनिधि
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