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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने गत 21 अक्तूबर को कोच्चि में न्यायमूर्ति वी. आर. कृष्ण अय्यर के आवास पर जाकर उनसे भेंट की। दोनों के बीच पिछले दिनों संपर्क करने के लिए पत्र व्यवहार हुआ था। पत्र में श्री भागवत ने लिखा था कि वह जब भी कोच्चि जाएंगे तो श्री अय्यर से अवश्य मिलेंगे। इस अवसर पर श्री अय्यर ने बताया कि श्री नरेन्द्र मोदी को समर्थन देने पर उन्हें बहुत से लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा था, लेकिन वह उनकी परवाह नहीं करते। वह ईमानदार व्यक्ति को पसंद करते हैं। इस अवसर पर श्री भागवत ने उनसे कहा कि ईमानदारी एक बहुमूल्य प्रवृत्ति है और संघ के कार्यकर्त्ता ईमानदार लोगों से भेंट करते रहते हैं। ऐसे लोग सामाजिक चेतना को भी प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि काफी समय से उनकी न्यायमूर्ति से मिलने की इच्छा थी जो अब पूरी हो गई है।
सरसंघचालक ने कहा कि श्री अय्यर सभी के लिए पिता तुल्य हैं। वे सही मायने में न्यायाधीश हैं। सामाजिक जीवन में वे नैतिक मूल्यों के प्रतीक हैं, वे ईमानदार, निडर और सच्चाई के प्रति प्रतिबद्घ हैं। अगले माह श्री अय्यर 99 वर्ष के हो जाएंगे। श्री भागवत ने कहा कि भारतीय परम्परा के अनुसार व्यक्ति की आयु 120 वर्ष होती है। इसीलिए उन्होंने न्यायमूर्ति अय्यर की दीर्घायु की कामना की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बहुत कुछ अच्छा होने वाला है । समाज में एक बड़ा परिवर्तन आ रहा है । श्री भागवत के अपने आवास पर आने को श्री अय्यर ने भी अपने लिए एक सुखद अनुभव बताया। इस अवसर पर श्री भागवत ने न्यायमूर्ति अय्यर को पूज्य श्री गुरुजी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री सूर्य नारायण राव द्वारा विवेकानंद और संघ पर लिखी पुस्तकें भेंट कीं। वहीं श्री भागवत को न्यायमूर्ति ने पुस्तक ह्यदि ह्यूमेन जजह्ण भेंट की। प्रतिनिधि
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