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मध्य प्रदेश में कुल 230 विधान सभा क्षेत्र हैं। इन सभी क्षेत्रों में दो चरणों में मतदान होंगे। पहले चरण का मतदान 25 नवम्बर को होगा और दूसरे चरण का मतदान 4 दिसम्बर को। यहां भी परम्परागत रूप से भाजपा और कांग्रेस में ही मुकाबला है। बसपा और सपा जैसे छोटे दल भी चुनाव मैदान में हैं, पर उनका अभी कोई बड़ा जनाधार मध्य प्रदेश में नहीं है।
पिछले कई वषोंर् से मध्य प्रदेश में बिजली,सड़क और पानी चुनावी मुद्दे रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुआई में भाजपा सरकार ने पिछले वषोंर् में बिजली और सड़क के लिए कई योजनाएं शरू की हैं। इन योजनाओं से इन दोनों क्षेत्रों में बहुत सुधार हुए हैं। अटल ज्योति योजना के तहत लोगों को 24 घंटे बिजली मिल रही है। शिवराज सरकार ने उन गांवों में भी बिजली पहुंचाने का काम किया है जहां के लोग आज तक स्विच खोलना तक भी नहीं जानते थे। लाडली लक्ष्मी योजना भी बहुत ही सफल रही है। इस योजना की गूंज गांव-गांव तक सुनाई दे रही है। इस योजना के अन्तर्गत गरीब कन्याओं के विवाह में मदद दी जाती है। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना भी खूब पसन्द की जा रही है। इस योजना के तहत अब तक 1 लाख 56 हजार बुजुगोंर् ने विभिन्न तीथोंर् की यात्रा की है। शिवराज सरकार के कार्यकाल में कृषि के क्षेत्र में भी बहुत ही अच्छी उपलब्धि हासिल हुई है। सिंचित क्षेत्रों में वृद्घि होने से अनाज उत्पादन में इजाफा हुआ है। पर्यटन के क्षेत्र में भी बहुत ही अच्छा काम हुआ है। इस कारण राज्य में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्घि हुई है। अब तक हुए सर्वेक्षणों में यह कहा जा रहा है कि लोकप्रिय योजनाओं के सफल संचालन की वजह से लगातार तीसरी बार मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बन सकती है। कहीं -कहीं यह बात भी सुनी और कही जा रही है कि मध्य प्रदेश के लोग कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बड़बोले बयानों से भी कांग्रेस से दूर छिटक रहे हैं। इसका भी लाभ भाजपा को मिल सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की साफ -सुथरी छवि भी भाजपा के लिए लाभदायक साबित हो सकती है।
उधर मध्य प्रदेश में कांग्रेस आन्तरिक कलहों से जूझ रही है। प्रदेश के सभी बड़े कांग्रेसी नेता आपस में ही लड़ रहे हैं। इन नेताओं की कलह से परेशान होकर ही कांग्रेस आलाकमान ने केन्द्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया को भेजा है। चर्चा चलाई गई है कि यदि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को जीत मिलती है तो सिंधिया मुख्यमंत्री होंगे। अब समय ही बताएगा कि विकास बनाम आपसी कलह में जनता किसे चुनेगी। पाञ्चजन्य ब्यूरो
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