ये हैं मुजफ्फरनगर के असली मुजरिम
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

ये हैं मुजफ्फरनगर के असली मुजरिम

by
Oct 19, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 19 Oct 2013 15:53:22

आवरण कथा 'वोटों की रोटियां और तुष्टीकरण का तंदूर' के अन्तर्गत कई रपटें और लेख पढ़ने को मिले। इन सबका सार यही है कि मुजफ्फरनगर में हुए दंगों में राज्य की सपा सरकार का ही हाथ है। यह कोई सामान्य  बात नहीं है कि जिस सरकार का दायित्व था दंगों को शांत कराने का वही दंगा भड़काने में शामिल रही। ऐसी सरकार को तुरन्त बर्खास्त किया जाना चाहिए। नाम के लिए तो उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं,किन्तु असली मुख्यमंत्री तो आजम खान हैं। वे जो चाहते हैं वही उत्तर प्रदेश में हो रहा है। कवाल गांव में गौरव और सचिन के हत्यारों को आजम खान के कहने पर ही पुलिस ने छोड़ा था। यदि ऐसा नहीं होता तो विश्वास करें कि मुजफ्फरनगर में दंगे नहीं होते।
-गोपाल
विवेकानन्द मिशन,गांधीग्राम
जिला-गोड्डा(झारखण्ड)  
० मुजफ्फरनगर  में सरकारी देखरेख में कत्लेआम हुआ। वैसा ही जैसा 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेसियों ने सिखों की हत्या की थी। उन दंगाइयों को खुली छूट मिली हुई थी। उसी तरह मुजफ्फरनगर में सपा सरकार  एक समुदाय विशेष के दंगाइयों के साथ खड़ी दिखी। दंगाई आधुनिकतम हथियार के साथ खुलेआम घूमे और पुलिस को उन्हें पकड़ने से रोक दिया गया। उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार पहली ऐसी सरकार है जो दंगाइयों के साथ बड़ी निर्लज्जता के साथ खड़ी रही।
-सुहासिनी प्रमोद वाल्संगकर
द्वारकापुरम,दिलसुखनगर
हैदराबाद (आं.प्र.)
० मुजफ्फरनगर हिंसा का जिम्मेदार आक्रमणकारी समाज बड़ी ही चालाकी से दंगा पीडि़त होने का स्वांग रच रहा है। यह  समाज कथित सेकुलर सरकारों और लोगों के जरिए पीडि़त समाज को ही आक्रमणकारी और साम्प्रदायिक  बता रहा है। कोई सेकुलर यह क्यों नहीं सोचता है कि मुस्लिम-बहुल जिलों में ही क्यों साम्प्रदायिक दंगे हो रहे हैं? मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों को संवेदनशील क्यों माना जाता है? यह स्थिति देश के विभाजन से लेकर अब तक क्यों बनी हुई है? इन सवालों पर गंभीरता से विचार करने पर यह साफ हो जाएगा कि दंगों की जड़ें कहां हैं।
-डॉ. सुशील गुप्ता
शालीमार गार्डन कालोनी
बेहट बस स्टैण्ड,सहारनपुर(उ.प्र.)
० ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार पूरी तरह मुस्लिम सरकार है। यह सरकार जो भी करती है वह मुस्लिमों के लिए करती है। केवल मुस्लिम लड़कियों को छात्रवृत्ति देना, बड़े-बड़े पदों पर मुस्लिम अधिकारियों की तैनाती करना,मुस्लिम दंगाइयों को छूट देना,दंगे के आरोपियों को सरकारी मेहमान बनाना,यह सब क्या है? क्या अखिलेश सरकार सिर्फ मुस्लिमों के वोट से बनी है? हिन्दुओं ने सपा को वोट नहीं दिया था?
-शान्ति कुमारी
वार्ड न-36, कटिहार(बिहार)
० यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर उनके 'चाचा' आजम खान का बड़ा प्रभाव है। शायद यही कारण है कि आजम खान जो कहते हैं वही अखिलेश करते हैं। आजम खान ने कहा कि मुस्लिम दंगाइयों को हाथ नहीं लगाना है तो  अखिलेश ने सर झुका कर यह मान लिया और उसका नतीजा यह हुआ कि मुजफ्फरनगर में निर्दोष लोग मारे गए। अखिलेश कान खोलकर सुन लें कि वे जो कर रहे हैं वह देश की एकता के लिए ठीक नहीं है।
-राममोहन चन्द्रवंशी
विट्ठल नगर, टिमरनी, जिला-हरदा (म.प्र.)
० कट्टरवाद और मजहब के नाम पर देश को जलाने का प्रयास किया जा रहा है। देश के सेकुलर नेता यह समझ रहे हैं कि दंगा कराने से ही उन्हें मुस्लिमों का वोट मिलेगा। क्या उनके लिए देश से अधिक महत्व सत्ता का है? अरे,मूर्खो देश रहेगा तभी तुम भी रहोगे,यह क्यों भूल जाते हो? तुम लोग सत्ता के लिए जिस मार्ग पर चल पड़े हो वह तो इस देश को ही समाप्त कर देगा। ऐसा हुआ तो तुम्हारी आने वाली पीढ़ी कहां रहेगी,यह कभी सोचा है?
-हरिहर सिंह चौहान
जंवरीबाग नसिया
इन्दौर-452001(म.प्र.)
० ऐसा लगता है कि जब से भाजपा ने अमित शाह को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया है तब से कांग्रेस,सपा और बसपा में मुस्लिम वोटों के लिए अधिक मारकाट होने लगी है। मुजफ्फरनगर की घटना जागरूकता बरतने की सीख है। लव जिहाद का परिणाम कितना घातक है यह भी मुजफ्फरनगर के दंगों से पता चला। हिन्दू समाज अपनी बहू-बेटियों की रक्षा कैसे करे इस पर भी विचार करने की जरूरत है। सेकुलर नेता वोट के लिए समुदाय विशेष का तलुवा चाटने में लगे हैं। उनसे किसी भी प्रकार की उम्मीद करना घातक होगा।
-जमालपुरकर गंगाधर
13-3-1110/9, श्रीनीलकण्ठ नगर
जियागुडा, हैदराबाद-500006 (आं.प्र.)
० जागो हिन्दुओं और पहचानो उत्तर प्रदेश में एक और पाकिस्तान तैयार करने वाले तीन तिगाड़ा मुलायम,अखिलेश और आजम खान को। मुजफ्फरनगर में हिन्दुओं के साथ वह हुआ है जिसकी कल्पना आम हिन्दू को नहीं है। सच सामने आ चुका है। आजम खान ने किस तरह दंगाइयों को बचाया है यह कोई साधारण बात नहीं है। आजम की असलियत को दुनिया जान चुकी है। इसके बावजूद हिन्दू यदि समाजवादी पार्टी को वोट करते हैं तो उनका मालिक भगवान ही है। हिन्दुओं मनमोहन,सोनिया और राहुल की तिकड़ी को भी पहचानने की जरूरत है।  
-हरिओम जोशी
चतुर्वेदी नगर, जिला-भिण्ड (म.प्र.)
० सेकुलर मीडिया तथ्यों की उपेक्षा करता है। जो मीडिया गुजरात के दंगों की बात करता है,वह मुजफ्फरनगर के दंगों की बात क्यों नहीं करता है? मुजफ्फरनगर दंगों में इस मीडिया को मुस्लिम दंगाइयों की करतूतें नहीं दिखीं। पत्रकार राजेश वर्मा की हत्या मुस्लिम दंगाइयों ने कर दी। वे दंगा नहीं कर रहे थे,बल्कि जान हथेली पर रखकर अपना कर्तव्य निभा रहे थे,किन्तु कितना दुर्भाग्य है कि जिस चैनल के लिए वे काम कर रहे थे उस चैनल ने भी उनकी हत्या के समाचार को प्रमुखता से नहीं दिखाया।
-मनोहर मंजुल
पिपल्या-बुजुर्ग
पश्चिम निमाड़-451225(म.प्र.)
० मुजफ्फरनगर के दंगों में हिन्दू भी मारे गए और मुस्लिम भी। यह बात भी सही है कि  महापंचायत से लौट रहे हिन्दुओं पर मुस्लिमों ने ही पहले हमला किया। रात के अंधेरे में निहत्थे हिन्दुओं पर गोलियां चलाई गईं। पर यह देखकर बड़ा दु:ख हुआ कि जो नेता मुजफ्फरनगर गए वे सबसे पहले किसी मुस्लिम के घर ही गए। बाद में वे लोग किसी हिन्दू के घर गए। ऐसा सब ने किया। भाजपा के किसी बड़े नेता को तो मुजफ्फरनगर जाने भी नहीं दिया गया। यह भी आश्चर्य है।
-हरेन्द्र प्रसाद साह
नया टोला,कटिहार(बिहार)     

घटिया होती राजनीति
आज की राजनीति बहुत ही घटिया हो चुकी है। अधिकांश नेता अल्पसंख्यकवाद की राजनीति  कर रहे हैं या  फिर आरक्षण की। यह राजनीति देश को कमजोर कर रही है। आये दिन अल्पसंख्यकवाद के नाम पर देश के हितों की बलि चढ़ाई जा रही है। कभी कोई नेता मुस्लिम आरक्षण की बात करता है, तो कभी कोई नेता मुस्लिम भेदभाव की बात करता है। लेकिन सच तो यह है कि भारत में मुस्लिमों को जितनी सुविधाएं मिली हुई हैं उतनी तो किसी मुस्लिम देश में भी नहीं मिली हैं। जरा यह बताएं कि हज यात्रा में जाने वाले मुस्लिमों को कौन -सा देश  किराया में छूट दे रहा है? यह सुविधा तो भारत में ही मुस्लिमों को मिली हुई है। भारत में मुस्लिमों,ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों को यह भी सुविधा मिली है कि वे अपने शिक्षण संस्थान खोल सकते हैं,उनके लिए कर्मचारी और शिक्षक अपने स्तर पर रख सकते हैं और उन सब के लिए सरकार से पैसा लेते हैं। ऐसी सुविधा और किस देश में दी जाती है? फिर भी अपने आपको सेकुलर कहने वाले नेता अल्पसंख्यकवाद का राग अलापते रहते हैं।
-उदय कमल मिश्र
गांधी विद्यालय के समीप 
जिला-सीधी (म.प्र.)
पुरस्कृत पत्र
दंगों के लिए तुष्टीकरण की नीतियां जिम्मेदार
सेकुलर मानें या न मानें यह बात पूरी तरह सत्य है कि मुजफ्फरनगर दंगों के लिए मुस्लिम तुष्टीकरण की नीतियां जिम्मेदार हैं। उत्तर प्रदेश में जब से समाजवादी पार्टी की सरकार आई है तब से ऐसी नीतियां चरम पर हैं। प्रदेश में लव-जिहाद तेजी से चल रहा है। एक साजिश के तहत मुस्लिम लड़के हिन्दू लड़कियों को अपने जाल में फंसाते हैं। आये दिन छेड़खानी की घटनाएं होती हैं। मुस्लिम लड़के हिन्दू लड़कियों को जबरन उठाकर ले जाते हैं। ऐसी घटनाओं की प्रथम सूचना रपट(एफआईआर) तक दर्ज नहीं होने दी जाती है। पिछले दिनों शामली में एक हिन्दू लड़की के साथ चार मुस्लिम लड़कों ने बलात्कार किया था। वहां तैनात पुलिस के एक बड़े अधिकारी हामिद अंसारी ने कई दिनों तक रपट भी दर्ज नहीं की। उस लड़की को न्याय दिलाने के लिए भाजपा नेता हुकुम सिंह और सुरेश राणा आगे आए थे,किन्तु कहा जाता है कि राज्य के शहरी विकास मंत्री आजम खान के दबाव में उस समय भी राज्य सरकार ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी। मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में हिन्दू लड़की के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना के बाद भी प्रशासन ने हिन्दुओं को ही दबाने का प्रयास किया। नतीजा यह हुआ कि 28-29 अगस्त की रात्रि को हिन्दू मन्दिरों में तोड़-फोड़ की गई और सुबह के समय पथराव किया गया। पुलिस ने एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए 5 हिन्दुओं को गिरफ्तार कर लिया। गौरव और सचिन के परिवार वालों की तरफ से 8 लोगों के विरुद्घ एफ आई आर दर्ज कराई गई,लेकिन पुलिस ने एक ही आरोपी को गिरफ्तार किया। बाकी सात आरोपियों को एफ आई आर हटाकर छोड़ दिया गया। कहा जाता है कि इस मामले में भी आजम खान की मुख्य भूमिका रही। एक ओर तो सचिन और गौरव के हत्यारों को छोड़ दिया गया,वहीं दूसरी ओर पुलिस ने सपा नेताओं के कहने पर  गौरव और सचिन के परिवार के सात लोगों के खिलाफ हत्या का झूठा मामला दर्ज कर लिया। मुस्लिम तुष्टीकरण की ऐसी नीतियां शायद ही और कहीं देखने को मिलेंगी। कई मुस्लिम नेताओं के घरों से अवैध हथियार मिले,इन नेताओं ने खुलेआम उन हथियारों को मुस्लिमों के बीच बांटा। किन्तु किसी भी नेता के विरुद्घ कोई कार्रवाई नहीं हुई। हद तो तब हो गई जब पुलिस को किसी भी मुस्लिम घर की तलाशी लेने से भी रोक गया। दंगाइयों ने ए के 47 जैसे आधुनिकतम हथियारों का इस्तेमाल किया। फिर भी सपा सरकार ने उन्हें बचा लिया। ऐसी स्थिति में हिन्दू समाज क्या करे? जब हिन्दू अपनी रक्षा के लिए उठता है तो उसे साम्प्रदायिक कहा जाता है। हिन्दुओं पर झूठे मामले दर्ज किए जाते हैं। कोई सेकुलर नेता भी हिन्दुओं का दर्द सुनने के लिए तैयार नहीं है।
-साध्वी डॉ. प्राची
मुजफ्फरनगर(उ.प्र.)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies