ओडिशा और आंध्र प्रदेश में फैलिन का तांडव
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फैलिन तूफान व बाढ़ से ओडिशा के 1 करोड़ 20 लाख लोग , 16 हजार 487 गांव व 43 शहरी निकाय प्रभावित
गंजाम जिला सर्वाधिक प्रभावित, तूफान के बाद उत्तर ओडिशा में बाढ़ का कहर
्रगत 12 अक्तूबर को आया भीषण चक्रवाती तूफान ह्यफैलिनह्ण ओडिशा के तट से टकराया, जिसके कारण राज्य में मूसलाधार बारिश हुई और 200 किलोमीटर प्रति घन्टे की रफ्तार से हवाएं चलीं। हालांकि तूफान की पहले से जानकारी होने से लाखों लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहंुचा दिया गया, लेकिन फिर भी इस तूफान ने जान-माल की काफी क्षति की है। लाखों लोगों के घरों को यह तूफान अपने साथ बहा कर ले गया। ओडिशा के महाकलपाडा एवं राजनगर के कई गांव जल में समाहित हो गए। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगर जिले भी इससे प्रभावित हैंं, वहां पर भी ह्यफैलिनह्ण ने अपना कहर बरपाया है। लेकिन आंध्र प्रदेश में 1,29000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहंुचा दिया गया था।
भुवनेश्वर-बंगाल की खाडी में आए भयंकर चक्रवाती ह्यफैलिनह्ण तूफान से ओडिशा के कई जिलों में भयंकर तबाही हुई है। मृतकों व घायलों की संख्या के अनुसार तुलना करें तो इस चक्रवात का प्रभाव 1999 के भयंकर चक्रवाती तूफान से काफी कम रहा, लेकिन नुकसान बहुत हुआ है । तटीय इलाकों में कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के कारण मृतकों की संख्या कम रही। गंजाम जिले के गोपालपुर के तट पर तूफान टकराने के कारण गंजाम जिला व विशेष रुप से गोपालपुर सबसे अधिक प्रभावित रहा। इसके अलावा पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर व केन्द्रपाड़ा जिले में भी काफी नुकसान हुआ है। तूफान के गुजर जाने के बाद उत्तरी ओडिशा के पांच जिले मयूरभंज, बालेश्वर, भद्रक, जाजपुर व केन्दुझर जिले में बाढ़ ने स्थिति को और गंभीर कर दिया है।
राज्य सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में इस तूफान व बाढ़ के कारण राज्य में अब तक 26 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 5 लोगों की मौत बाढ़ के कारण हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मृतकों की संख्या 26 है, लेकिन गैर सरकारी सूत्रों के अनुसार मृतकों की संख्या इससे काफी अधिक है।
विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार महापात्र ने बताया कि इससे कुल 1 करोड़ 19 लाख 3 हजार 645 लोग प्रभावित हुए हैं। तूफान व बाढ़ से 148 प्रखंडों की 2009 ग्राम पंचायतों के 16 हजार 487 गांव तथा 43 शहरी इलाके प्रभावित हुए हैं। बाढ़ व तूफान के कारण 6 लाख 21 हजार 184 हेक्टेयर खेती की जमीन बर्बाद हो गई है, 1278 मवेशियों की तथा 6 हजार से अधिक पक्षियों की जानें गई हैं ।
सरकारी सूत्रों से मिले समाचार के अनुसार, इस प्राकृतिक आपदा में मकानों के ढहने, खेती तथा अन्य अवसंरचनाओं को कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। केवल बिजली विभाग को ही 9 सौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें भी सिर्फ गंजाम जिले में ही 466 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है।
राज्य में कुल 3 लाख 76 हजार 608 मकान ढहे हैं। इमसें 2 लाख 30 हजार घर केवल गंजाम जिले के हैं। तूफान के बाद भारी बारिश के कारण उत्तर ओडिशा के 5 जिलों, बालेश्वर, मयूरभंज, भद्रक, जाजपुर व केन्दुझर में सुवर्णरेखा, बुढाबलंग तथा वैतरणी नदी में उफान के कारण बाढ़ आयी हुई है। बालेश्वर जिले में ही पानी में फंसे 68 हजार लोग तथा मयूरभंज जिले में 7 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
हालांकि सरकार दावा कर कर रही है कि सब कुछ शीघ्र ही ठीक कर लिया जाएगा, लेकिन सरकारी अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर बता रहे हैं कि ह्यफैलिनह्ण के कारण गंजाम जिले में जो तबाही हुई है उससे उबरने में लंबा समय लग सकता है। गंजाम जिले के प्रमुख शहर ब्रह्मपुर व जिला मुख्यालय में छत्रपुर में बिजली बहाली करने के लिए कम से कम 15 दिन का समय लग सकता है।
समन्वय नंद
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