सतपाल ने किया कमाल
|
नैरोबी में माल पर आतंकी हमले में
40 की जान बचाई
पिछले दिनों केन्या में नैरोबी के एक माल पर हुए आतंकी हमले में भारतीय मूल के एक सिख युवक ने जिस बहादुरी और तत्परता से 40 लोगों का जीवन बचाया वह असाधारण था। लेकिन 37 वर्षीय साहसी सतपाल सिंह की विनम्रता देखिए कि इसका श्रेय खुद नहीं लेते बल्कि कहते हैं,यह कार्य मैने नहीं किया, ईश्वर ने किया है,मैं तो निमित्त मात्र हंू। लेकिन जिन 40 लोगों को उन्होंने बचाया वे सतपाल के गुन गाते नहीं थकते। वे कहते हैं,अगर सतपाल न होते,तो आतंकियों ने उनको भी मार डाला होता। सतपाल उस समय के अनुभव बताते हैं कि दृश्य इतना वीभत्स था कि आतंकियों द्वारा एक के बाद एक लोगों को गोलियों से उड़ाया जा रहा था। हर तरफ बच्चों,महिलाओं की लाशें बिखरी पडी थीं,खून से पूरा हाल लथपथ हो चुका था। उन्होंने बताया कि करीब 1000 से भी ज्यादा लोग माल में फंसे थेऔर मदद की गुहार लगा रहे थे। सतपाल ने कहा कि उन्होंने मुसीबत में भागना नहीं सीखा,चुनौती का सामना करना सीखा है। सतपाल कहते हैं, ह्यमैंने जो भी किया वह मेरा कर्तव्य था। आतंकियों से मेरा आमना-सामना भी हुआऔर उन्होंने गोलियों से हमला भी किया,लेकिन मैं डरा नहीं।
पाकिस्तान ने भारत को ह्यसबसे पसंदीदा
राष्ट्रह्ण का दर्जा देने से किया इनकार
सैयद यूसुफ रजा गिलानी ने भारत को ह्यसर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्रह्ण दर्जा देने का वादा किया, जिसे अब शरीफ सरकार ने ठुकरा दिया।
एक बार फिर पाकिस्तान ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर यह जताने का प्रयास किया है कि वह भारत को अपना मित्र राष्ट्र नहीं मानता। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इश्हाक डार ने वाशिंगटन स्थित अमरीकी विचार मंच, अटलांटिक काउंसिल में एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत को 2014 के लोकसभा चुनाव और दोनों देशों के बीच समग्र वार्ता शुरू होने से पहले ह्यसर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्रह्ण का दर्जा देने संबंधी उसकी कोई मंशा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर हुई घटनाओं को लेकर जनता के दवाब के चलते भारत को यह दर्जा दिए जाने के फैसले को स्थगित कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने भारत को यह दर्जा देने की बात उछालकर खुद को करीबी जताने की कोशिश की थी।
टिप्पणियाँ