(3 नवम्बर, 2013) दीपावली विशेषांक
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आनन्द अपार, संयुक्त परिवार
(3 नवम्बर, 2013)
अहसास होता है। एक ऐसी तस्वीर उभरती है जिसमें दादा-दादी, नाना-नानी की गोद में बच्चे खुशी से खेलते नजर आते हैं। पर आज के समय में ऐसे परिवार? बेशक, आज भी हमें अपने आस-पास ऐसे परिवार दिखते हैं जो समाज में एक उदाहरण की तरह हैं। इन परिवारों ने इस कठिन समय में भी उन मूल्यों को संजोए रखा है जहां दादा-दादी, नाना-नानी ही घर के मुखिया हैं। जहां एक ही परिवार में 50-60 लोग एक साथ, एक ही रसोई में बना खाना खाते हैं। इसकी कल्पना मात्र से ही मन रोमांचित होने लगता है। आइए, कुछ ऐसे ही परिवारों से आपको मिलवाते हैं दीपावली के शुभ अवसर पर।
मूल्य : 15 रुपए, पृष्ठ 84
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