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फूलबनी (कंधमाल) के अतिरिक्त जिला जज राजेन्द्र कुमार तोष की अदालत ने स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती हत्याकांड मामले में अपना फैसला सुनाते हुए 7 आरोपियों को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने 7 अभियुक्तों, बुद्दा नायक, विजय कुमार, सनातन बड़ामाझी, दुर्योधन सुनामाझी भास्कर सुनामाझी, मुंडा बड़ामाझी और गदानाथ चलानसेथ को भारतीय दण्ड संहिता के अर्न्तगत हत्या व आपराधिक षड्यंत्र रचने व अवैध रूप से हथियार रखने के आरोप में दोषी करार दिया है। आरोपियों ने न्यायालय को बताया कि स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या का षड्यंत्र माओवादी आतंकवादी सब्यसाची पांडा ने तैयार किया था, लेकिन वह अभी तक फरार है। दोषी पाए गए सातों अपराधियों को अदालत ने 3 अक्तूबर को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
उल्लेखनीय है कि 23 अगस्त 2008 को स्वामी लक्ष्मणानंद की उनके आश्रम में जन्माष्टमी के दिन निर्मम हत्या कर दी गई थी। कुछ हमलावरों ने आश्रम में घुसकर स्वामी जी की हत्या की, उसके बाद उनके 4 सहयोगियों को भी गोलियों से भून डाला था। प्रदेश में तीखा आक्रोश उपजा था। हत्याकाण्ड में चर्च-माओवादी गठजोड़ का हाथ माना जा रहा था।
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