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मलेशिया के प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में बड़ा बेबाक भाषण देते हुए कहा कि 'मुस्लिमों को सबसे बड़ा खतरा कहीं बाहर से नहीं बल्कि अपने समाज के भीतर से है। इसलिए तमाम शांतिप्रिय मुसलमानों को एकजुट होकर उन उग्रवादियों का विरोध करना चाहिए जो उनके मजहब की आड़ में हिंसा फैला रहे हैं।' उन्होंने कहा कि इस्लाम के भविष्य की लड़ाई जीतनी है तो संयम रखना आना चाहिए। मलेशिया के प्रधानमंत्री मोहम्म्द नाजिब बिन तुन हाजी अब्दुल रज्जाक ने आगे कहा कि ह्यदुनियाभर में उग्रवाद लोगों की जिंदगी लील रहा है, अवसर रोंद रहा है। इसका असर हम सब पर पड़ता है। लेकिन एक मजहब के लोगों को सबसे ज्यादा भुगतना पड़ रहा है। मुस्लिमों को सबसे बड़ा खतरा बाहरी दुनिया से नहीं, अपने अंदर से है।ह्ण रज्जाक ने यह भाषण 28 सितम्बर को दिया था। उनका कहना था कि शिया-सुन्नी संघर्ष लाखों मुसलमानों की जिंदगी और रोजी पर खतरा पैदा कर रहा है। उनका साफ कहना था कि उग्रवादी मजहबी आवरण में अपना घिनौना एजेंडा चला रहे हैं।
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