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29 सितम्बर को दिल्ली के लोगों ने खुद यह महसूस किया कि देश में इस समय सबसे अधिक लोकप्रिय कोई राजनेता है तो वह हैं गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी। उस दिन रोहिणी के जापानी पार्क में उनको सुनने के लिए तीन लाख से भी अधिक लोग पहुंचे थे। श्रोताओं में युवा तो थे ही,बड़ी संख्या में बुजुर्ग पुरुष,महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। सब नरेन्द्र मोदी को सुनने को इतने आतुर थे कि उन्हें अपनी कोई सुध नहीं थी।
लोगों ने कहा कि दिल्ली की रैली भोपाल के बाद सबसे बड़ी रैली थी। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व गैर हिंदी भाषी तिरुचिरापल्ली और हैदराबाद में भी रैली हो चुकी है। उन रैलियों में भी जन समूह उमड़ पड़ा था। दिल्ली की रैली भी बड़ी सफल रही। स्वयं नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की रैली में इतनी संख्या पहली बार दिखाई दे रही है। रैली में आए लोगों को सम्बोधित करते हुए नरेन्द्र मोदी ने जमकर दिल्ली की शीला सरकार और केन्द्र की सोनिया-मनमोहन सरकार की खबर ली।
दिल्ली की शीला सरकार पर व्यंग्य करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकारों के बोझ तले दबी पड़ी है। यहां मां की सरकार है। बेटे की सरकार है। नई दिल्ली में मां की सरकार है, बेटे की सरकार है और तो और दामाद की भी सरकार है। उन्होंने कहा कि यदि बाकी सभी राज्यों से तुलना की जाए तो सबसे ज्यादा सुखी दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं। उन पर किसी तरह का कोई दायित्व ही नहीं है। न उन्हें खेती की चिंता है, न बाढ़ की, न सफाई और न ही कानून-व्यवस्था की। यदि दिल्ली में कोई बड़ा अपराध होता है तो वह यह कहकर पल्ला झाड़ लेती हैं कि दिल्ली पुलिस की कमान केंद्र सरकार यानी गृहमंत्रालय के पास है। यदि सड़कों की टूट-फूट और सफाई की बात आती है तो कहती हैं कि यह जिम्मा नगर निगम का है। वहां भाजपा जीती हुई है। उन्होंने व्यंग्य किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को सिर्फ 'रिबन' काटने के अलावा कोई और काम नहीं है। दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेलों को लेकर उन्होंने कहा कि इन खेलों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ, लेकिन जब जवाबदेही की बात आई तो दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका इससे कोई मलतब नहीं, खेलों के लिए केन्द्र सरकार ने कमेटी बनाई थी, यह मसला केंद्र का है। मोदी ने दक्षिणी कोरिया में हुए ओलंपिक खेलों का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि कोरिया एक विकासशील देश है। जब उसने ओलंपिक खेलों की मेजबानी की तो वहां जमकर विकास हुआ, लेकिन हमारे यहां सबकुछ उल्टा ही हुआ। उन्होंने कहा कि देश में भ्रष्टाचार कांगे्रस की गलत नीतियों के कारण है। उन्होंने कहा कि आए दिन उच्चतम न्यायालय भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को फटकार लगाता रहता है। देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। यूपीए सरका सिर्फ गांधी भक्ति में लगी हुई। गांधी भक्ति यानी सिर्फ नोटों को टनों के हिसाब से गिनने में लगी हुई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने देश के प्रधानमंत्री को ह्यदेहाती औरत ह्ण तक कह दिया। यह पूरे देश का अपमान है। ऐसा अपमान करने का अधिकार किसी देश को नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 'युवराज' ने पीएम की पगड़ी उछाल दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ही प्रधानमंत्री का सम्मान नहीं करती है। इसलिए पाकिस्तान भी उनका सम्मान नहीं करता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सरदार तो हैं, पर असरदार नहीं। उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि देश संविधान के अनुसार चलेगा या फिर शहजादे के इशारे से। अपने भाषण के अंत में मोदी ने कहा कि वह नाथ बनकर नहीं, बल्कि दास बनकर जनता की सेवा करेंगे। करीब डेढ़ घंटे के अपने भाषण के बाद ह्यवंदे मातरमह्ण और ह्यभारत माता की जयह्ण बोलकर मोदी ने अपना भाषण खत्म किया।
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