सम्पादकीय : कवाल या केन्या, जहर एक ही है
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सम्पादकीय : कवाल या केन्या, जहर एक ही है

by
Sep 28, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 28 Sep 2013 15:07:58

बिंदु, रेखाओं और रंगों की अलग-अलग क्या बिसात! किन्तु क्या यह सच नहीं कि हर चित्र की नींव में कोई बिन्दु ही होता है जो रेखाओं में बढ़ता और रंगों में उतरता है। चित्र की ही तरह घटनाओं के बिन्दु जोड़ें, रेखाएं खड़ी करें तो शायद भविष्य के घटनाक्रम का खाका खींचना संभव हो जाए। इस सप्ताह की कुछ घटनाओं के छोर जोड़कर देखना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इनसे उभरती तस्वीर भयानक है। यह तस्वीर है इस्लामी जिहाद के उस खूनी चेहरे की जो आज केन्या-पाकिस्तान में दुनिया के सामने आया और कल संभवत: भारत में दिखने वाला है। वहां, गैर मुसलमानों की पहचान कर उन्हें चुन-चुनकर मारने वाले इस्लामी जिहादी और यहां सिर्फ मुसलमानों को छांट-छांटकर पुचकारने वाले ह्यसेकुलरह्ण सत्ताधीश। खतरे की बात यह कि समाज को काटने-बांटने की सोच जहां भी है, एक सी जहरीली है।
क्या नैरोबी में किसी गैर-मुस्लिम की जान सिर्फ इसलिए ले ली जाएगी कि उसे पैगम्बर मोहम्मद की मां का नाम नहीं पता और क्या मुजफ्फरनगर में किसी को सिर्फ इसलिए ज्यादा पुचकार और मुआवजा मिलेगा कि उसका नाम मुस्लिम है?
वैसे, भारत में अल्पसंख्यक वोटबैंक मजबूत करने के लिए कट्टरवादियों का हौसला बढ़ाने और देश को कमजोर करने वाली कोई अकेली पार्टी नहीं और यह कोई इकलौता उदाहरण नहीं जो हाल में देखने को मिला है। उत्तर से दक्षिण तक विभाजनकारी राजनीति का यह खेल न्यायालय की टिप्पणियों और बहुसंख्यक जनता के स्पष्ट आक्रोश के बाद भी बेशरमी से चल रहा है। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने मक्का-मस्जिद धमाकों में बरी हुए मुस्लिम युवकों पर मेहरबान हुई कांग्रेस सरकार को कसकर फटकारा, मगर महाराष्ट्र में इसी दल की सरकार मदरसों को करोड़ों रुपए के विशेष अनुदान की झोली खोले बैठी है।
अमरीका में इलाज कराने के लिए दौड़ने वाले राजनेताओं को एक बार यह भी देखना चाहिए कि उस देश ने अपनी जमीन पर फैलते जिहादी विषाणु का इलाज कैसे किया। अमरीका एक आतंकी हमले के बाद मस्जिदों को निगरानी की सूची में रखता है, यह काम दर्जनों आतंकी हमलों और मस्जिद-मदरसों की संदिग्ध भूमिका के खुलासों के बावजूद भारत में क्यों नहीं होना चाहिए? 
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की घटनाओं के तार केन्या-पाकिस्तान के खूनी तालिबान और इस्लामी जिहाद से इसलिए भी जुड़ते हैं, क्योंकि दुनिया भर में सिरफिरे पैदा करने वाली वहाबी कट्टरवादी शिक्षा का गढ़ यहीं है। मलाला युसुफजई की शिक्षा में वहां तालिबानी रोड़े थे तो यहां कॉपी-किताबें फूंकती लड़कियों की राह में मुस्लिम बस्तियों के शाहनवाज जैसे शोहदे खड़े हैं।
वैसे, तुष्टीकरण को तमाचा तो लगा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आ रही खबरें बताती हैं कि ह्यसेकुलर टोपीह्ण लगाने, और घडि़याली आंसू बहाने वालों की जमीन अब खिसकने लगी है। मुजफ्फरनगर देहात की महिलाएं ऐसा कुछ कर दिखाएंगी शायद लखनऊ और दिल्ली में बैठे सत्ताधीशों ने ऐसा सपने में भी नहीं सोचा होगा। खुद ट्रैक्टर चलातीं, हांक लगाकर साथिनों को जुटातीं अनेक गांवों की महिलाएं इस मायने में अलग हैं कि यह जन ज्वार स्त्री हितों के हिमायती कहलाने वाले किसी जनवादी या प्रगतिशील गैर सरकारी संगठन के कहे से नहीं उमड़ा। मातृशक्ति का यह स्वत:स्फूर्त उफान बहू-बेटियों के सम्मान और पति-बेटों पर प्रशासनिक प्रताड़ना के विरोध में है।
मुजफ्फरनगर दंगे के बाद सिर्फ मुस्लिम समुदाय को दुलारते-ढाढस बंधाते सोनिया-मनमोहन के जो चित्र मीडिया में आए उसने दिल्ली में चाहे जो माहौल बनाया हो, इस पूरे क्षेत्र को भारी गुस्से से भर दिया है। देश को बांटकर वंशवादी राजनीति चलाने वालों की कलई खुलने के बाद जनता का यह गुस्सा जायज भी है और जरूरी भी। 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies